लखनऊ (ब्यूरो)। डेंगू और स्वाइन फ्लू मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए। इन मरीजों को अलग वार्ड में भर्ती किया जाए। यदि डेंगू या बुखार के मरीज ज्यादा आ रहे हैं, वहां बेड की संख्या बढ़ाई जाए। गेट पर ही मरीजों को व्हीलचेयर व स्ट्रेचर की सुविधा उपलब्ध है। मरीजों को रिसीव करने के लिए वार्ड ब्वॉय मुस्तैद रहें। यह दिशा-निर्देश डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए।

टीम रहे पूरी तरह तैयार

डिप्टी सीएम ने कहा कि अस्पताल के मुख्य गेट के पास दीवार पर डॉक्टर, चीफ फार्मासिस्ट समेत अन्य जिम्मेदार पैरामेडिकल स्टाफ के नाम और मोबाइल अंकित किए जाएं, ताकि जरूरत पडऩे पर मरीज उनसे संपर्क स्थापित कर सकें। इस काम को जल्द से जल्द कराया जाये। वहीं, स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए अस्पतालों में वैक्सीन आ गई है। जल्द से जल्द सभी डॉक्टर-कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जाए। ताकि वे मरीजों के इलाज में डरें नहीं। वैक्सीन लगने के बाद भी डॉक्टर-कर्मचारी पूरे एहतियात के साथ ही मरीजों को देखें।

दवा का हो पुख्ता इंतजाम

अस्पताल में रैबीज इंजेक्शन व दूसरी दवाओं के पुख्ता इंतजाम करें। मरीजों को मुफ्त सलाह व दवाएं मिलने में किसी भी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए। बुखार की आशंका में आने वाले मरीजों की जांच कराएं। डेंगू व मलेरिया जांच की संख्या बढ़ाई जाए।

डेंगू के डंक से 39 हुए बीमार

राजधानी में डेंगू का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को राजधानी के विभिन्न इलाकों में 39 लोगों में डेंगू संक्रमण की पुष्टि हुई है। लगभग 1944 घरों एवं आसपास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया गया और कुल 5 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया।

यहां मिले डेंगू के मरीज

राजधानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के तहत अलीगंज में 5, इंदिरानगर में 4, सिल्वर जुबली में 4, चंदरनगर में 4, टूडियागंज में 4, चिनहट में 3, सरोजनीनगर में 3, काकोरी में 3, ऐशबाग में 3, रेडक्रास में 2, बीकेटी मे 2, मलिहाबाद में 1 और मोहनलालगंज में 1 पॉजिटिव केस मिला है।

लोगों को किया जागरूक

इसके अतिरिक्त नगर मलेरिया इकाई एवं जिला मलेरिया अधिकारी की टीमों द्वारा जनपद के विभिन्न स्थलों-भवनों का निरीक्षण किया गया तथा लार्वा रोधी रसायन का छिड़काव किया गया। इसके अलावा स्थानिय लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक किया गया।