लखनऊ (ब्यूरो)। समाज में एक ओर जहां मच्छरजनित रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। वहीं सरकार और स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से डेंगू जैसी बीमारी से होने वाली मृत्यु का ग्राफ भी काफी कम हुआ है। वेक्टर जनित रोग के निदेशक डॉ। एके सिंह ने बताया कि प्रदेश में डेंगू से होने वाली मौतों की दर एक फीसद से भी नीचे आ गई है। जहां यह वर्ष 2011 में 3.2 फीसद थी, वहीं पांच साल बाद 2016 में मृत्यु दर घटकर 0.28 फीसद और 2018 में 0.10 फीसद आ गई। हालांकि, वर्ष 2019 में इसमें कुछ बढ़त दिखी, जब यह 0.25 प्रतिशत तक आई पर वर्ष 2022 में वापस घटकर यह 0.17 रह गई।

दिन के समय काटता मच्छर

डॉ। सिंह ने बताया कि सामान्यता यह बीमारी मानसून या उसके बाद के महीनों में फैलती है। डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है। इसके वायरस की कोई विशेष दवा न होने से लक्षणों के आधार पर इसका प्रबंधन किया जाता है। सबसे पहले बीमारी की पुष्टि की जाती है। इसके लिए जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर फीवर डेस्क स्थापित की गई। साथ ही इलाज के लिए संचरण के दौरान डेंगू वार्ड बनाए गए। जहां पर डेंगू पीडि़तों के लिए मच्छरदानी लगे बेड आरक्षित किए गए। साथ ही डेंगू के गंभीर मरीजों के लिए उच्च स्वास्थ्य केंद्रों पर संदर्भन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई।

कई गतिविधियां आयोजित की गईं

वेक्टर जनित रोग के संयुक्त निदेशक डॉ। विकास सिंघल ने बताया कि डेंगू सहित अन्य वेक्टर जनित बीमारियों से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से साल में तीन बार विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाता है। इसके तहत मच्छरजनित परिस्थितियां न उत्पन्न हों इसके लिए विभिन्न विभागों के सहयोग से गतिविधियां भी की जाती हैं। डेंगू एक मच्छर जनित रोग है। जो डेंगू वायरस से होता है। डेंगू मादा प्रजाति एडीज एजिप्टाई नामक मच्छर से फैलता है। इस मच्छर की यह विशेषता है कि एक बार डेंगू वायरस से संक्रमित होने के बाद जब यह अंडे देता है तो वे अंडे भी डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाते हैं। इन अंडों से बनने वाले मच्छर भी संक्रमित होते हैं, जो रोग फैला सकते हैं। इसके अंडे एक वर्ष तक जीवत रह सकते हैं। सूखा अंडा पानी पाते ही नए मच्छर तैयार कर देता है।

देश के सभी राज्यों में है डेंगू

विश्व के 100 से अधिक देशों को डेंगू प्रभावित कर चुका है। इन देशों में 40 प्रतिशत से अधिक आबादी डेंगू प्रभावित इलाकों में रहती है। भारत के करीब सभी राज्यों में इसका प्रभाव है। हर साल 16 मई को किसी न किसी थीम के साथ राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।