- मंत्रिपरिषद की बैठक में किया गया अधिकृत

- जल्द छह और निजी विश्वविद्यालय खुलेंगे

रुष्टयहृह्रङ्ख : प्रदेश में प्राइवेट यूनिवर्सिटी खोलने के लिए अब डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा को फैसला लेने के लिए कैबिनेट ने अधिकृत कर दिया है। उच्च शिक्षा मंत्री होने के नाते वह उप्र में निजी क्षेत्र के अंतर्गत विश्वविद्यालयों की स्थापना के संबंध में बनाए गए नियमों के अनुसार वह निर्णय ले सकेंगे। अभी प्रदेश में 27 निजी विश्वविद्यालय हैं। अब जल्द छह और निजी विश्वविद्यालय स्थापित होंगे।

डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा ने बताया कि गोरखपुर, प्रयागराज व फिरोजाबाद में खोले जाने वाले प्राइवेट यूनिवर्सिटी की भूमि व अन्य औपचारिकताएं नियमों के अनुसार पूरी हो चुकी हैं, इन्हें विवि खोलने की अनुमति दे दी गई है। यह वहीं लखनऊ, मथुरा व मीरजापुर में प्राइवेट यूनिवर्सिटी खोलने के प्रस्तावों में मानकों से संबंधित कुछ कमियां थी, इन्हें जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल छह और प्राइवेट विश्वविद्यालय खुलने से विद्यार्थियों को अपने जिले में ही मनपसंद कोर्स पढ़ने की आजादी मिलेगी।

उद्योगों को सब्सिडी के रूप में मिलेगा एसजीएसटी का लाभ

नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों को देखते हुए सरकार यह लाभ अनुदान के रूप देने के लिए नई नीति बनाने जा रही है। इसके साथ ही वर्तमान नीति से चार मेगा इकाइयों को 191.70 करोड़ रुपये की सहूलियत देने का फैसला कैबिनेट ने लिया है। ई-कैबनेट में विभिन्न विभागों के प्रस्ताव थे। इनमें उद्योगों को राहत के निर्णय भी शामिल रहे। अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अर¨वद कुमार ने बताया कि सरकार उद्योगों को अधिक से अधिक सुविधाएं देना चाहती है। इसी के तहत नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति की प्रतिबद्धता जताई गई। अब कैबिनेट के सामने यह तथ्य लाया गया है कि मौजूदा प्रक्रिया से नेट एसजीएसटी के सत्यापन सहित अन्य व्यावहारिक परेशानियां आ रही हैं। ऐसे में उद्यमियों की सुविधा और व्यवस्था को पारदर्शी रखने के लिए यह नीति बनाना जरूरी है कि मेगा परियोजनाओं में शामिल इकाइयों को नेट एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति अनुदान के रूप में कर दी जाए। शासन ने इसकी स्वीकृति दे दी है। साथ ही यह प्रस्ताव भी रखा गया कि जो परियोजनाएं पहले से स्वीकृत हैं, उन्हें सरकार के प्रतिबद्धता के तहत मौजूदा उत्तर प्रदेश अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2020 के तहत ही सहूलियत दे दी जाए। इसे भी मंजूरी दे दी गई।

इन चार इकाइयों को 191.70 करोड़ की सहूलियत

- मैसर्स आरसीसीपीएल प्रा.लि। रायबरेली के लिए 54.67 करोड़ रुपये (एक अक्टूबर 2019 से 31 मार्च 2020 की अवधि के लिए)

- मैसर्स श्री सीमेंट लिमिटेड बुलंदशहर के लिए 88.74 करोड़ रुपये (एक जुलाई 2019 से 30 जून 2020 की अवधि के लिए)

- मैसर्स वरुण बेवरेजेस लिमिटेड संडीला हरदोई के लिए 43.85 करोड़ रुपये (एक अक्टूबर 2019 से 30 जून 2020 की अवधि के लिए)

- मैसर्स पसवारा पेपर्स लिमिटेड मेरठ के लिए 4.44 करोड़ रुपये (एक जुलाई 2019 से 30 जून 2020 की अवधि के लिए)

नए निवेश प्रस्ताव वाली इकाइयों को लेटर ऑफ कंफर्ट

कोविड-19 महामारी के दौरान प्रदेश में निवेश के लिए कदम बढ़ाने वाली औद्योगिक इकाइयों को भी सरकार सारी सुविधाओं का लाभ दे रही है। आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों के लिए सरकार ने जो त्वरित निवेश प्रोत्साहन नीति- 2020 बनाई है, उसके तहत चार इकाइयों को लेटर ऑफ कंफर्ट देने का फैसला हुआ है।

इन इकाइयों को लाभ

- मैसर्स ब्रिटैनिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड, बाराबंकी

वाणिज्यिक उत्पादन- 31 जनवरी 2023 तक

प्रस्तावित निवेश- 341.20 करोड़ रुपये

संभावित रोजगार सृजन- एक हजार

- मैसर्स जेकेसैम (सेंट्रल) लिमिटेड हमीरपुर

वाणिज्यिक उत्पादन- एक फरवरी 2023 तक

प्रस्तावित निवेश- 381.22 करोड़ रुपये

संभावित रोजगार सृजन- 204

- मैसर्स बर्जर पेंट्स इंडिया लिमिटेड संडीला हरदोई

वाणिज्यिक उत्पादन- 28 मार्च 2022 तक

प्रस्तावित निवेश- 725.80 करोड़ रुपये

संभावित रोजगार सृजन- 150

- मैसर्स गैलेंट इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड गोरखपुर

वाणिज्यिक उत्पादन- एक अप्रैल 2022 तक

प्रस्तावित निवेश- 134.74 करोड़ रुपये

संभावित रोजगार सृजन- 210

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बरेली में आइटीआर कंपनी की जमीन पर बनेगा आइटी पार्क

सरकार बरेली ने आइटी पार्क बनाने जा रही है। इसके लिए वहां बंद पड़ी आइटीआर कंपनी लिमिटेड की खलीलपुर गांव स्थित आठ हजार वर्ग मीटर जमीन को चिन्हित किया है। 12,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से कुल दस करोड़ रुपये में यह जमीन आइटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग द्वारा खरीदे जाने की स्वीकृति सरकार ने दी है। इसके अलावा अन्य प्रस्ताव पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण से संबंधित ठेकेदारों को सुविधा सेवा अवधि में विस्तार से संबंधित था, जिसे मंजूरी दे दी गई है।

अयोध्या में 244 करोड़ रुपये से बिछेगी सीवर लाइन

प्रदेश सरकार ने अयोध्या में निवास करने वाले 20 हजार परिवारों को सीवर कनेक्शन की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 243.84 करोड़ रुपये की लागत से सीवर लाइन बिछाई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। अटल नवीकरण और शहरी रूपांतरण मिशन (अमृत) के तहत यह काम कराया जाएगा। व्यय-वित्त समिति द्वारा अनुमोदित कुल लागत में 24.28 करोड़ रुपये सेंटेज और 1.94 करोड़ रुपये लेबर सेस को शामिल किया गया है। निर्धारित लागत में केंद्र सरकार 109.77 करोड़, राज्य सरकार 85.29 करोड़ और निकाश अंश के रूप में 48.76 करोड़ रुपये दिया जाएगा। सेंटेज का पैसा राज्य सरकार वहन करेगी।