लखनऊ (ब्यूरो)। एक दिवसीय अभिमुखीकरण वर्कशॉप में तीन से चार बड़ी योजनाओं की जानकारी सामने आई है, जिसका सीधा लाभ प्रदेश की जनता को मिलने वाला है। ये योजनाएं मूलरूप से विस्तारित एरियाज में डेवलपमेंट, एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर, मीडियम रोड्स पर फोकस करने से जुड़ी हुई हैैं। इन योजनाओं पर काम भी शुरू कर दिया गया है और जल्द ही इसका फायदा जनता को मिलेगा।

ये हैैं प्रमुख योजनाएं

1-विस्तारित एरियाज में डेवलपमेंट- पहली योजना विस्तारित एरियाज में डेवलपमेंट से जुड़ी हुई है, जिसकी लंबे समय से जरूरत महसूस की जा रही थी। विस्तारित एरियाज में डेवलपमेंट के लिए 600 करोड़ से अधिक का बजट रखा गया है साथ ही विद्युत के कार्य के लिए अतिरिक्त बजट की व्यवस्था की गई है और उसके अनुसार काम भी शुरू कर दिए गए हैैं। विस्तारित एरियाज में डेवलपमेंट के रूप में सफाई व्यवस्था को बेहतर किया जाना, इंटर लॉकिंग की व्यवस्था और स्ट्रीट लाइट व्यवस्था के साथ ही शत प्रतिशत बिजली के कनेक्शन दिया जाना शामिल हैैं।

2-एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर-स्ट्रीट डॉग्स के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैैं। इसे ध्यान में रखते हुए अब इस दिशा में बड़ी पॉलिसी बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके अंतर्गत सबसे पहले सभी मंडल में एक-एक एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर खोला जाना है। अगले दो से तीन महीने के अंदर सेंटर्स खोल भी दिए जाएंगे। वहीं, जो डॉग्स बेहद आक्रामक हैैं या पागल हो जाते हैैं, उनको लेकर भी नियम संगत कदम उठाए जाएंगे, लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि उनके साथ क्रूरता न होने पाए।

3-अब ये रोड्स भी चमकेंगी-अब उन रोड्स की भी तस्वीर बदलेगी, जिनकी चौड़ाई 9 से 18 मीटर के मध्य होती है। अभी तक ऐसी रोड्स को संवारने के लिए कोई अलग से वित्तीय व्यवस्था नहीं थी। 18 मीटर से अधिक चौड़ी रोड एनएचएआई की ओर से डेवलप की जाती है, जबकि 9 मीटर से कम चौड़ाई वाली रोड के डेवलपमेंट के लिए सांसद निधि, विधायक निधि या निकाय निधि होती है। इस वजह से अब ऐसी मध्य रोड्स पर फोकस किया गया है। इस बात का ध्यान जरूर रखा जाएगा कि इस कैटेगरी में वही नगर निकाय आएंगे, जिनकी आय में पिछले वर्ष के मुकाबले 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई हो। जिसकी आय जितनी अधिक होगी, उसे मध्य रोड डेवलपमेंट के लिए उसी आधार पर धनराशि दी जाएगी। खास बात यह है कि लगभग सभी नगर निकायों ने इस कंडीशन को पास कर लिया है।

4-ओडीएफ पर फोकस-सभी निकायों, पंचायतों और परिषदों में ओडीएफ पर विशेष फोकस किया जाएगा। दरअसल, अभी कई जगह काम चल रहा है और कई जगह अभी रफ्तार की दरकरार है। करीब 300 करोड़ का बजट फंसा हुआ है। इसका असर जून माह से शुरू होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 पर पड़ सकता है। ऐसे में सभी को ओडीएफ पर विशेष फोकस करना होगा।

5-स्वच्छ पेयजल-अमृत परियोजना को भी रफ्तार मिलती हुई नजर आएगी। अभी कई निकायों में अमृत परियोजना संबंधी काम चल रहा है। पूरा प्रयास यही किया जा रहा है कि जनता को शुद्ध पेयजल मिल सके। इसके साथ ही पेयजल लाइन का नया जाल भी बिछाने की तैयारी की जा रही है।

6-स्वच्छता-समय से सफाई हो साथ ही वेस्ट कलेक्शन में कोई दिक्कत न आए। इस पर भी कार्य योजना तैयार की गई है। सबसे पहले फोकस ओपन डंपिंग प्वाइंट्स को समाप्त करने पर किया जा रहा है, ताकि रोड साइड सफाई नजर आए।

7-पीएम आवास-यह योजना लगभग अंतिम चरण में हैै और आवंटन भी लगभग समाप्त हो गए हैैं। ऐसे में प्रयास यही किया जा रहा है कि जो भी पात्र हैैं, उनका जल्द से जल्द अपने आवास का सपना पूरा किया जाए।