लखनऊ (ब्यूरो)। सावन के पहले सोमवार पर राजधानी के विभिन्न शिवालयों में दर्शनों के लिए भोले के भक्तों की भीड़ तड़के से ही बनी रही। हर-हर महादेव के जयघोष से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। इस दौरान शिवालयों की फूलों और लाइट से सजावट की गई थी। देर शाम तक भक्तों के आने का सिलसिला जारी रहा। महादेव के दर्शन कर भक्तों ने अपने मन की मुरादें मांगी।इस दौरान पुलिस सुरक्षा का भी बंदोबस्त सख्त रहा।

आरती के बाद खोले गए मंदिरों के पट

मनकामेश्वर मंदिर-मठ में तड़के महंत देव्यागिरी द्वारा श्रृंगार और आरती के बाद पट भक्तों के लिए खोल दिए गए। भोले के भक्त भी देर रात से लाइन लगाकर मंदिर खुलने का इंतजार करते दिखे। भक्त हाथों में गंगाजल, दूध आदि लिए लंबी लाइन लगाकर खड़े हुए थे। इस दौरान हर कोई 'हर-हर महादेव', 'भोलेनाथ की जय' का जयघोष कर रहा था। वहीं, मौसम ने भी भक्तों की परीक्षा ली। भक्त धूप व गर्मी की परवाह किए बगैर घंटों लाइन में खड़े रहे। जलाभिषेक करने के लिए मंदिर में अरघा लगाए गए थे। यहां महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था थी। भक्तों का जोश देखते ही बन रहा था। वहीं, गर्भगृह में केवल धोती और साड़ी पहनकर जाने की अनुमति थी।

भस्म आरती के बाद दर्शन

राजेंद्रनगर स्थित महाकाल मंदिर में तड़के 4 बजे उज्जैन की तर्ज पर भस्म आरती का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने भी हिस्सा लिया। भस्म आरती का सोशल मीडिया पर लाइव टेलीकास्ट भी किया गया। वहीं, महादेव का फूलों से भव्य श्रृंगार हुया। शाम को भांग का भव्य श्रृंगार किया गया। चौक स्थित कोनेश्वर मंदिर में भी भक्तों ने अपने आराध्य के दर्शन किए। इस दौरान महादेव का श्रृंगार देखते ही बन रहा था। मंदिर समिति द्वारा इस अवसर पर भक्तों में ठंडाई बतौर प्रसाद वितरित की गई।

रुद्राभिषेक किया गया

सदर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर में महाआरती के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। इस दौरान कई भक्तों द्वारा रुद्राभिषेक भी किया गया। इसके अलावा बड़ा-छोटा शिवाला, गुलाचिन मंदिर, चंद्रकेश्वर महादेव मंदिर समेत अन्य शिवालयों में भी भक्तों ने विधि-विधान से भोलेनाथ की पूजा की।

व्रत के साथ घरों में हुआ पूजन

भोले के भक्तों द्वारा पहले सावन पर व्रत भी रखा गया। घरों में भी भोलेनाथ की पूजा की गई और रुद्राभिषेक का भी आयोजन किया गया। इस दौरान भोले के भक्तों द्वारा सुख-शांति और मंगल की कामना की गई।