- कोविड के कारण नहीं हुआ भंडारे का आयोजन

LUCKNOW: ज्येष्ठ माह के तीसरे बड़े मंगल पर राजधानी के हनुमान मंदिरों के बाहर भक्तों का बाबा के दर्शन के लिए आना लगातार जारी रहा, लेकिन अधिकतर जगहों पर भक्तों के प्रवेश पर रोक थी। ऐसे में भक्तों द्वारा दूर से ही दर्शन कर पूजा-अर्चना की गई। वहीं हनुमान सेतु में केवल गैलरी तक भक्तों को दर्शन के लिए आने दिया गया। इसबार भी कोरोना के कारण भंडारा पर रोक रही। कुछ जगहों पर लोगों द्वारा खाने को पैकेट बांटे गये।

दूर से हुए बजरंगी के दर्शन

राजधानी में तीसरे बड़े मंगल पर मंदिरों से लेकर घरों में हनुमानजी की पूजा-अर्चना की गई। मंदिरों में जहां पुजारियों द्वारा भव्य श्रंगार और महाआरती की गई। वहीं, बजरंगी के भक्तों ने घरों में सुंदरकांड का पाठ व पूजन किया। इसबार हनुमान सेतु मंदिर में भक्तों को प्रवेश की अनुमति तो दी गई, लेकिन भक्तों को मुख्य हॉल में प्रवेश की जगह गैलरी से ही दर्शन की अनुमति थी। वहीं गेट पर ही प्रसाद चढ़ाने और दानपेटी की व्यवस्था थी। कोविड नियमों के तहत ही एकबार में पांच भक्तों को जाने दिया जा रहा था। अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर में भी श्रृंगार के साथ ही मंदिर के कपाट तो खोल दिए गए, लेकिन मंदिर में प्रवेश वर्जित रहा जबकि नया हनुमान मंदिर के कपाट पहले की ही तरह बंद रहे।

पौधों का किया वितरण

राजेंद्र नगर स्थित महाकाल मंदिर में सुंदरकांड पाठ के साथ पौधों का भंडारा लगाकर श्रद्धालुओं को पैकेट बंद प्रसाद वितरित किये गये जबकि हजरतगंज के दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में पुजारी द्वारा श्रृंगार व आरती की गई। भक्तों ने दूर से ही दर्शन कर मन्नतें मांगी। चौक समन्वय समिति की ओर से करीब तीन सौ पैकेट पूड़ी-सब्जी और तहरी के वितरित किए गए।