लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिसके तहत अब प्रदेश के सभी जनपदों के जिला अस्पतालों में पीपीपी मॉडल पर डायलिसिस यूनिट शुरू की जायेगी। ऐसे में, जनपदों में न केवल डायलिसिस की वेटिंग कम होगी, बल्कि राजधानी के बड़े सरकारी अस्पतालों में मरीजों का लोड भी कम होगा। महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ। वेद ब्रत सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में पीपीपी मॉडल पर डायलिसिस यूनिट स्थापित किया जायेगा। 58 जिलों में पीपीपी मॉडल पर डायलिसिस यूनिट शुरू हो चुकी है और बाकी बचे 17 जिला अस्पतालों में जल्द इसे शुरू किया जायेगा, ताकि मरीजों को भटकना न पड़े।

जरूरत पर बढ़ाए जाएंगे बेड

डॉ। वेद ब्रत ने बताया कि सभी जिला अस्पतालों में जरूरत के अनुसार बेडों की संख्या तय की जाती है। अगर वहां के सीएमएस अधिक बेडों की डिमांड करते हैं, तो उसका प्रस्ताव बनाकर सेंटर को भेजा जाता है, क्योंकि यह योजना नेशनल हेल्थ मिशन के तहत पोषित होती है। हालांकि, अस्पतालों में 6-10 बेडों की व्यवस्था होती है, जिसे जरूरत पडऩे पर बढ़ाया भी जा सकता है।

लोहिया में सीटी स्कैन खराब

लोहिया संस्थान में जांच के लिए सीटी स्कैन मशीन खराब हो गई है। मशीन खराब होने से मरीज बाहर से महंगी सीटी स्कैन जांच कराने को मजबूर हैं। संस्थान के रेडियोलॉजी विभाग में लगी सीटी स्कैन मशीन पुरानी हो गई है। जिसे देखते हुए इंजीनियर द्वारा अपग्रेड करने की सलाह दी गई थी। इसी बीच मशीन खराब हो गई। अब मशीन के पुर्जे चेन्नई से आयेंगे। ऐसे में मशीन बनने में समय लग रहा है।

केजीएमयू में लाइट की लुकाछिपी

केजीएमयू में बिजली की आवाजाही का असर शुक्रवार का रजिस्ट्रेशन और जांच रिपोर्ट मिलने पर पड़ा। यहां पर सर्वर सिस्टम जनरेटर से नहीं जुड़ा है, ऐसे में लगातार आ-जा रही बिजली का असर देखने को मिला। केजीएमयू में शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे बिजली चल गई। जो आधे घंटे बाद आई। यह सिलसिला दिन में कई बार जारी रहा। बिजली जाने से ओपीडी ब्लॉक में लाइट, पंखे, कंप्यूटर आदि न चल सके। वहीं सर्वर का संचालन नहीं हुआ। नतीजतन मरीजों की जांच रिपोर्ट अटक गईं। फीस जमा करने, नमूने एकत्र करने में अड़चन आई। प्रवक्ता सुधीर सिंह ने बताया कि कुछ समय के लिए समस्या आई थी। जिसे तुरंत दूर करा दिया गया था।