लखनऊ (ब्यूरो)। हम सरकारी पानी का यूज तक नहीं करते। खुद पानी मंगा कर पीते हैं, इसके बावजूद हमें 10 गुना अधिक तक पानी का बिल भेज दिया जाता है। नगर निगम से लेकर जलकल में कंपलेन भी की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। पार्किंग और टॉयलेट की समस्या भी कोढ़ में खाज साबित होती है। व्यापारियों ने नई शहर सरकार से उम्मीद जताई है कि इन समस्याओं को दूर करने के साथ ही जर्जर नाले को दुरुस्त कराए जाने के साथ ही और वेस्ट कलेक्शन की सुविधा बेहतर की जाए।

यहां हुआ आयोजन

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट वार्डनीति का आयोजन मुंशी पुलिया चौराहे के पास स्थित प्राइम प्लाजा में किया गया। यहां व्यापारियों ने पहले तो अपनी समस्याएं शेयर कीं साथ ही नई शहर सरकार से क्या क्या उम्मीदें है, उस पर भी विस्तार से चर्चा की।

ये 5 प्रमुख समस्याएं आईं सामने

1- पानी का बिल

व्यापारियों ने पानी के बिल को लेकर आक्रोश जताया। व्यापारियों का कहना है कि मार्केट में कहीं भी सरकारी पेयजल की व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से उन लोगों को पानी खरीद कर पीना पड़ता है। इसके बावजूद 10 गुना अधिक तक पानी का बिल भेज दिया जाता है। जब इसको लेकर शिकायत करो तो कोई सुनवाई नहीं होती है।

उम्मीद- पानी के बिल की दरों में संशोधन किया जाए

2- जर्जर नाला

दस साल से भी अधिक का समय गुजर चुका है लेकिन अभी तक मुंशी पुलिया चौराहे के पास जर्जर नाले को दुरुस्त कराए जाने का काम शुरू नहीं किया गया है। व्यापारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार से लेकर शहर सरकार तक कंपलेन की गई लेकिन नतीजा सिफर है। नाले के खुले होने के कारण आए दिन हादसे होते हैं।

उम्मीद- जर्जर नाले का मेंटीनेंस तत्काल कराया जाए।

3- पार्किंग

व्यापारियों की ओर से बदहाल पार्किंग व्यवस्था का भी मुद्दा उठाया गया। व्यापारियों का कहना था कि प्रॉपर पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण रोड पर वाहन पार्क करने पड़ते हैैं, जिसकी वजह से जाम की समस्या सामने आती है। इस व्यवस्था के बदहाल होने के कारण व्यापार पर भी असर पड़ता है।

उम्मीद- मार्केट एरिया में पार्किंग की व्यवस्था सुचारू की जाए।

4- पिंक टॉयलेट

परिचर्चा में पिंक टॉयलेट का मुद्दा भी उठा। व्यापारियों की ओर से कहा गया है कि मार्केट परिक्षेत्र में कहीं भी पिंक टॉयलेट की सुविधा नहीं है, इसकी वजह से महिला कस्टमर्स को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

उम्मीद- पिंक टॉयलेट की व्यवस्था की जाए, व्यापारी भी सहयोग करेंगे।

5- जलभराव

परिचर्चा में शामिल लगभग हर एक व्यापारी इस समस्या से परेशान दिखा। इंदिरानगर के पॉश एरिया होने के बावजूद कई सेक्टर्स में जलभराव की समस्या सामने आती है। जिसकी वजह से लोग घरों में कैद हो जाते हैं। व्यापारियों ने यह भी कहा कि प्रॉपर नाला सफाई न होने की वजह से ही जलभराव की समस्या सामने आती है।

उम्मीद- नाले-नालियों की प्रॉपर सफाई और जलनिकासी के इंतजाम

ये हैैं तीन प्रमुख उम्मीदें

1- पार्किंग की समस्या से राहत

2- पानी के बिल से मुक्ति

3- टॉयलेट व जलनिकासी के इंतजाम

बोले व्यापारी

1- सबसे पहले तो पानी के बिल से राहत मिलनी चाहिए। 10 गुना अधिक पानी का बिल हर एक व्यापारी के लिए सबसे बड़ी समस्या है। इसके साथ ही पार्किंग के भी ठोस इंतजाम होने चाहिए।

-राजेश सोनी

2- जलभराव एक गंभीर समस्या है। इसकी वजह से हर कोई परेशान रहता है। जल निकासी के ठोस इंतजाम होने चाहिए, जिससे जलभराव की समस्या दूर हो सके।

-धीरज गिहार

3- सबसे पहले तो पानी के बिल को संशोधित किए जाने की जरूरत है। हम पानी यूज नहीं करते हैैं, फिर भी दस गुना अधिक तक बिल भेज दिया जाता है।

-अभिषेक सुमन

4- सबसे पहले तो मार्केट एरिया में पार्किंग के प्रॉपर इंतजाम किए जाने चाहिए। पार्किंग न होने की वजह से रोड पर वाहन पार्क होते हैैं, जिससे जाम लगता है।

-निशांत दुबे

5-जाम की समस्या को दूर करने के लिए रोड साइड लगने वाली अस्थाई दुकानों को वेंडिंग जोन में शिफ्ट किया जाए। इस कदम से जाम की समस्या दूर हो सकती है।

-आशुतोष कुमार

6- सफाई और वेस्ट कलेक्शन व्यवस्था पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। अभी तो प्राइवेट कर्मियों को ही वेस्ट देना पड़ रहा है। व्यवस्था में तत्काल बदलाव की जरूरत है।

-पंकज नेगी

7- नालों की प्रॉपर सफाई कराए जाने की जरूरत है साथ ही जहां भी जलभराव की समस्या सामने आती है, वहां पर सटीक कदम उठाए जाने चाहिए।

-प्रदीप यादव

8- वैसे तो समस्या कई हैैं लेकिन उनका कोई निदान नहीं है। पार्किंग और वॉटर टैक्स की समस्या को दूर करने के साथ ही रिंग रोड की सर्विस लेन का चौड़ीकरण किया जाना चाहिए।

-राहुल अग्रवाल

9- पेयजल के इंतजाम किए जाने की जरूरत है साथ ही जर्जर नाले को भी तत्काल बनवाया जाना चाहिए। जिससे हादसे होने का खतरा टल सके।

-रजनीश अवस्थी

10-चुनाव आते ही आनन-फानन में रोड बन रही हैैं लेकिन स्थिति यह है कि नवनिर्मित रोड टूट भी रही हैैं। जिसकी वजह से हादसा होने का खतरा है। गुणवत्ता को नजरअंदाज किया जा रहा है।

-राहुल सोनी