- धर्मगुरुओं ने की अपील, गले मिलकर नहीं दूर से ही दें ईद की मुबारकबाद

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LUCKNOW: इसबार का रमजान कोरोना के खौफ के साये में मनाया जा रहा है। लॉकडाउन की वजह से मार्केट से लेकर मस्जिदें तक बंद हैं। जल्द ही ईद भी आने वाली है। खुशियां मनाना जरूरी है लेकिन पूरी एहतियात के साथ क्योंकि जरा सी असावधानी ईद का मजा खराब कर सकती है। ऐसे में धर्मगुरुओं ने अपील की है कि लोग ईद के दौरान गले और हाथ मिलाने से परहेज करते हुये दूर से ही मुबारकबाद दें।

कोट

दूर से दें मुबारकबाद

जहां कहीं भी फैलने वाली बीमारी हो, वहां मजहबे इस्लाम में एक दूसरे से हाथ मिलाने और और गले मिलाने से मना किया है। इसलिए लोगों को चाहिए कि न किसी से गले मिलें और न ही हाथ मिलाएं। सोशल डिस्टेंसिग का ख्याल रखते हुये एक दूसरे को दूर से ही मुबारकबाद दें। गवर्नमेंट के बताये मशविरों को मानते हुये ही इस बार ईद मनाएं।

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, इमाम ऐशबाग ईदगाह

हाथ मिलाने से करें परहेज

मेरी यही अपील है कि जो वबा चल रही है, उससे सुरक्षित रहकर धार्मिक कार्यो को अंजाम देना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। आप इस समय बचेंगे तो अगले साल और धूमधाम के साथ ईद मना सकेंगे। इसके साथ एक दूसरे से गले और हाथ मिलने से परहेज करें, ताकि यह बीमारी एक दूसरे से फैल न सके। हमें इसका ध्यान रखना है।

मौलाना सैफ अब्बास, शिया धर्मगुरु

डॉक्टर्स की सलाह मानें

इस समय कोरोना वायरस जैसी वबा से दुनिया परेशान है। ईद भी आने वाली है, लेकिन इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए कि कोरोना फैलने वाली बीमारी है। इसलिए ईद के दिन एक दूसरे से गले मिलने और गले लगाने से परहेज करें। एक दूसरे को दूर से ही मुबारकबाद दें। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखें। सभी से अपील है कि गवर्नमेंट और डॉक्टर्स की सलाह माने।

मुफ्ती इरफान मियां फरंगी महली, काजी-ए-शहर