- दो दिवसीय पीठासीन अधिकारियों के 77वें सम्मेलन का समापन

LUCKNOW: यूपी में आयोजित दो दिवसीय पीठासीन अधिकारियों का 77वां सम्मेलन संडे को समाप्त हो गया। मेन दो मुद्दों पर ही दोनों दिनों चर्चा हुई जिसमें विकास में संसद की भूमिका और पर्यावरण के लिहाज से पेपर लेस पार्लियामेंट बनाये जाने पर चर्चा हुई। अधिक से अधिक टेक्नालॉजी का इस्तेमाल करके पेपर लेस पार्लियामेंट बनाये जाने पर जोर दिया गया।

इसके अलावा सदन की कार्रवाई के दौरान वेल में आने वालों के खिलाफ एक्शन लेने पर भी चर्चा हुई। इसमें लगभग सभी स्पीकर्स का मत यह रहा कि वेल में आने के मामले में थोड़ी कड़ाई होनी ही चाहिए। चर्चा के दौरान लोकसभा सचिवालय के बजट की तरह विधान सभा का भी बजट लाये जाने पर भी चर्चा हुई। हालांकि इसे राज्य सरकारों के ऊपर छोड़ दिया गया। सम्मेलन के समापन के बाद मीडिया से बात करते हुए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इस सम्मेलन के भव्य आयोजन के लिए विधानसभा स्पीकर माता प्रसाद पाण्डेय और उनकी टीम का शुक्रिया अदा किया।

कमेटी करेगी वॉच

इस सम्मेलन में एक उपसमिति फालोअप कमेटी का भी गठन किया गया है। यह कमेटी अलग अलग राज्यों में विधान सभा से रिलेटेड ईश्यू पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और अगले सम्मेलन में पेश यह रिपोर्ट पेश की जाएगी।

कैसे बनें पेपर लेस पार्लियामेंट

इस मौके पर कौन सी विधानसभा क्या नया कर रही है? इस पर अलग अलग प्रदेशों की ओर से प्रजेंटेशन पेश किया गया। इसमें गोवा की ओर से पेपर लेस वर्किंग के प्रजेंटेशन की लोगों ने सराहना की। गोवा विधानसभा के अध्यक्ष राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने पेपर लेस योजना का पूरा प्रजेंटेशन विधानसभा में प्रोजेक्टर पर पेश किया।

इस सेशन में सभी पीठासीन अधिकारियों ने कागज के कम से कम पेपर यूज पर सभी से सहमति जताई। वहीं इंफार्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नालॉजी के अधिक से अधिक इस्तेमाल से लोगों को जागरुक किया जा सके। उन्होंने कहा कि अब टेक्नालॉजी की जमाना है। सभी विधायकों के पास लैपटाप और स्मार्टफोन हैं। उसका बेहतर इस्तेमाल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बजट सत्र में काफी अधिक कागजों का दुरुपयोग होता है। काफी मैटेरियल बिना बंटे ही रखे रह जाते हैं। इसमें पर्यावरण के हिसाब से ना सिर्फ पेपर के कम से कम इस्तेमाल का प्रोत्साहन करना होता है बल्कि प्रिंटिंग कास्ट की भी बचत होगी। उन्होंने कहा कि चूंकि प्रस्ताव रखा जा चुका है, इसलिये सभी पीठासीन अधिकारी अपने सम्बन्धित विधान मण्डलों को पेपर लेस बनाने के अपना पूरा प्रयास करेंगे।

डेवलपमेंट में भी हो पार्लियामेंट का रोल

डेवलपमेंट में पार्लियामेंट का रोल पर हुई चर्चा में उन्होंने बताया कि क्7 पीठासीन अधिकारियों ने इसमें भाग लिया और दो घण्टा ख्म् मिनट तक यह सेशन चला। सभी पीठासीन अधिकारी इस बात पर एक मत थे कि विधायी निकाय राष्ट्र के विकास में खासकर सरकारी नीतियों के मूल्यांकन के साथ ही समाजिक, आर्थिक और कल्याणकारी योजनाओं में विधानसभा का रोल अहम होता है।

सम्मेलन के समापन के मौके पर प्रदेश के गवर्नर राम नाईक ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने अपने लोकसभा के कार्यकाल के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने वेल में आने वालों और विधान सभा का सत्र कम समय के लिए चलाये जाने पर चिंता व्यक्त की। यह अजीब बीमारी हो गयी है। सदन की कार्रवाई में अध्यक्ष का रोल अहम होती है। वातावरण अगर अच्छा होगा तो लोगों में विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रश्न काल और शून्य काल की हत्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर किसी को बोलने का मौका मिलना चाहिए। हर किसी का रोल होना चाहिए। उन्होंने अपना जिक्र करते हुए कहा कि बाम्बे और बम्बई से मुम्बई कराने का काम उन्होंने ही कराया था। इसके लिए ना सिर्फ लोकसभा में प्रस्ताव पास कराया था बल्कि राज्यसभा के सभापति से भी उन्होंने इस बारे में बात कर इम्प्लीमेंट कराया था।

गवर्नर ने किया आमंत्रित

इस मौके पर गवर्नर ने सभी स्पीकर्स को राजभवन में रात्रिभोज के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि सभी मेरे सहयोगी हैं। मेरी सरकार ने आप लोगों की अच्छी सेवा की। अगर कोई कमी रह गयी हो तो इसे हमारा दोष माना जाए।