लखनऊ (ब्यूरो)। बीते हफ्ते इंदिरानगर में रिटायर्ड आईएएस अफसर के घर हत्या व लूट की वारदात हो या फिर होटल के मालिक को नशीला पदार्थ पिलाकर ड्राइवर के 20 लाख की ज्वैलरी उड़ाने की घटना। आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। मकान मालिकों की लापरवाही का फायदा अपराधी उठा रहे हैं। ऐसा सर्वेंट्स व टेनेंट्स के पुलिस वैरिफिकेशन का आकड़ा देख कर पता चलता है। राजधानी में ज्यादातर मकान मालिक पुलिस वैरीफिकेशन नहीं कराते हैं। यहीं नहीं, दुकानदार भी सर्वेंट वैरीफिकेशन कराने में पीछे हैं। नतीजा अपराध करने के बाद अपराधी आराम से शहर छोड़ फरार हो जाते हैं और उनका कोई सुराग तक नहीं मिल पाता।

नहीं समझते अपनी जिम्मेदारी

राजधानी में कई ऐसी आपराधिक घटनाएं हुई हैं। जिन्हें किराएदारों या नौकरों ने अंजाम दिया है। हर घटना के बाद लोगों ने पुलिस को कोसा, लेकिन किसी ने ये नहीं सोचा कि अगर इन नौकर या किराएदारों का वैरीफिकेशन कराया जाता तो शायद ये घटना होने से बच सकती थी।

ऑनलाइन सुविधा भी मौजूद

यूपी पुलिस के यूपी कॉप एप को डाउनलोड कर टेनेंट और सर्वेंट वैरीफिकेशन ऑनलाइन भी करा सकते हैं। इसके लिए एप के प्रोफार्मा में जाकर कर्मचारी की डिटेल, थाना और निवास के साथ उसकी आईडी आधार या वोटर आईडी कार्ड स्कैन करके डाउनलोड करना होगा। इससे पुलिस उसके संबंधित थाने से उसकी क्रिमिनल हिस्ट्री मंगवा सकती है ताकि आप को पता चले कि उसके खिलाफ कोई केस तो दर्ज नहीं है।

ऑफलाइन भी कर सकते हैं वैरीफिकेशन

इसके लिए चाहें तो पुलिस की वेबसाइट पर नौकर व कर्मचारी सत्यापन के कॉलम में जाकर वहां बने एक प्रोफार्मा को डाउनलोड कर प्रिंट निकालें। उस प्रोफॉर्मा में संबंधित व्यक्ति की पूरी डिटेल के साथ उसकी आईडी की कॉपी लगाकर संबंधित थाना व चौकी में दे सकते हैं। यह प्रोफार्मा थाने व चौकी से भी फ्री ले सकते हैं।

कानूनी कार्रवाई से बचाने को नहीं कराते वैरीफिकेशन

कई दुकानदार और मकान मालिक टैक्स बचाने के लिए कर्मचारी व किराएदार का वैरीफिकेशन नहीं कराते हैं। इसके अलावा कानूनी कार्रवाई से भी बचते है। उन्हें लगता है कि वैरीफिकेशन कराने पर वह टैक्स के दायरे में आ जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। अपनी सुरक्षा के लिए कर्मचारी और किराएदार का सत्यापन करा सकते हैं।

आईडी लेना ही वैरीफिकेशन नहीं

मकान मालिक कर्मचारी, किराएदार से उनकी आईडी लेकर या फिर किरादारी एग्रीमेंट कर निश्चित हो जाते है। वैरीफिकेशन नहीं कराते। जिससे उन्हें यह पता ही नहीं चलता कि जो आईडी उन्हें दी गई है, वह सही भी है कि नहीं या आईडी देने वाले के ऊपर कोई आपराधिक मामला तो नहीं चल रहा है।

फिर भी नहीं लिया सबक

18 फरवरी 2019

मुंशीपुलिया पुलिस चौकी से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर बदमाशों ने लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष के घर डकैती की वारदात को अंजाम दिया। इसमें उनका नौकर भी शामिल था। रिटायर्ड आईएएस ने इसका वैरीफिकेशन नहीं कराया था।

29 जनवरी 2019

हजरतगंज में पूर्व ब्लॉक प्रमुख की गाड़ी में रखे 10 लाख रुपए लेकर नौकर गायब हो गया। घटना के के समय पूर्व ब्लॉक प्रमुख एक दुकान में चश्मा ठीक करा रहे थे।

जून 2022

सरोजनी नगर में ज्वैलरी शॉप में हुई चोरी की घटना में पकड़े गए आरोपी कैटर्स बनकर शहर में दिन में काम करते है और रात में चोरी की वारदात को अंजाम देते थे।

27 मार्च 2022

गोमती नगर विस्तार के ग्रीन वुड अपार्टमेंट मेें हरदोई निवासी जोगेंद्र कनौजिया बतौर नौकर काम करता था। एक रोज आरोपी नौकर महिला के बेडरूम में पहुंच गया और दरवाजा बंद कर उससे छेड़छाड़ शुरू कर दी। महिला की कंप्लेन पति ने गोमती नगर विस्तार थाने में एफआईआर दर्ज कराई। नौकर का वैरीफिकेशन नहीं करा गया था।

2 अप्रैल 2024

मॉल एवेन्यू स्थित लेबुआ होटल के रूम नंबर 114 में रुके आकाश शर्मा को उनके दोस्त के ड्राइवर ने पानी में नशीला पदार्थ देकर 20 लाख रुपये की ज्वैलरी चुरा ली थी। मूलरूप से जौनपुर निवासी आरोपी ड्राइवर दिव्यम सिंह उर्फ नितिन सिंह के खिलाफ 13 केस दर्ज हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब आकाश के गौतमपल्ली थाने में 22 मई को केस दर्ज कराया और पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया।

25 मई 2024

इंदिरा नगर सेक्टर 20 में रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी मोहिनी की उनके ड्राइवर ने अपने एक साथी के साथ मिलकर दर्दनाक तरीके से हत्या कर दी और घर में रखे करीब एक करोड़ की ज्वैलरी लूट ली। घटना के बाद ड्राइवर उनका हमदर्द बनकर साथ रहता रहा। हालांकि, पुलिस को मिले सुराग के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। रिटायर्ड आईएएस और उनकी पत्नी 13 साल से उस ड्राइवर व नौकर को अपने बेटे की तरह मानते थे, लेकिन कभी उनका वैरीफिकेशन नहीं कराया था।