- 108 बार करें पीपल की परक्रिमा, पूर्ण होंगी मनोकामनाएं

रुष्टयहृह्रङ्ख : सोमवती अमावस्या 14 दिसंबर को है। अमावस्या सूर्योदय के पहले ही लग जाएगी और देर रात तक रहेगी। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि किसी भी अमावस्या को सूर्य और चंद्रमा एक साथ होते हैं और एक ही राशि पर संचरण करते हैं। सुख सौभाग्य के लिए सुबह पीपल के पेड़ की जड़ पर पीले रंग की दो जनेऊ बारी-बारी से चढ़ाना चाहिए। एक पीपल को तथा दूसरा श्री विष्णु जी को समर्पित होता है। पीपल की 108 बार परिक्रमा करने से मनाकामनाएं पूर्ण होती हैं। पितृ दोष निवारण के लिए सोमवती अमावस्या के दिन चावल के आटे और देसी घी का बना लड्डू कौआ को खिलाएं। दान-पुण्य भी करना श्रेयस्कर होगा। आचार्य अनुज पांडेय ने बताया कि इससे पहले मार्गशीर्ष शनिवार को प्रदोष व्रत करना श्रेयस्कर होगा। इस दिन भगवान शिव की आराधना करना लाभकारी होता है। 12 दिसंबर को होने वाले व्रत की पूजा शाम 5:25 बजे से शाम 8:09 बजे तक करना उत्तम होगा।

16 से लगेगा खरमास, चार महीने बंद रहेंगी शादियां

15 दिसंबर तक सहालग होने के साथ ही 16 से खारमास लग जाएगा। 25 नवंबर से शुरू हुई सहालग एक बार फिर चार महीने के लिए बंद हो जाएगी। 16 दिसंबर से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से खरमास लग जाएगा। 14 जनवरी तक खरमास रहेगा और शादी विवाह के मुहूर्त बंद हो जाएंगे। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि 19 जनवरी से 15 फरवरी तक 27 दिन गुरु तारा अस्त हो जाएगा। शुक्र 17 फरवरी से 17 अप्रैल तक 60 दिन शुक्र तारा अस्त रहेगा। फरवरी व मार्च में विवाह के कोई मुहूर्त नहीं हैं। 14 मार्च से 14 अप्रैल तक मीन खरमास रहेगा, जिसके कारण विवाह आदि कार्य नहीं होंगे। 22 अप्रैल विवाह शुरू होगा।

अगले साल शादी के मुख्य मुहूर्त

अप्रैल- 22, 24, 25, 26, 27, 28, 29 व 30.

मई- 1, 2, 7, 8, 9 ,13, 14, 21, 22, 23, 24, 26, 28, 29 व 30.

जून- 3, 4, 5, 16, 19, 20, 22, 23 व 24

जुलाई- 1, 2, 7, 13 व 15