लखनऊ (ब्यूरो)। भारतीय रोड कांग्रेस परिषद के अधिवेशन में काउंसिल सदस्यों ने बढ़ते सड़क हादसों के मद्देनजर सड़क सुरक्षा और आईआरसी कोड को धरातल पर लाने के अहम सुझाव दिए। बैठक में काउंसिल के नव निर्वाचित अध्यक्ष एसबी वासवा ने हाइवे पर सड़क हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा के हरसंभव उपाय किए जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आईआरसी कोड को वर्तमान परिस्थतियों में व्यावहारिक और आसान किया जा रहा है, ताकि फील्ड इंजीनियर हाइवे निर्माण में इनके मानकों को सहजता से लागू कर सकें।

सदस्यों की पहली बैठक हुई

भारतीय रोड कांग्रेस परिषद के चुने गए नये पदाधिकारियों और काउंसिल सदस्यों की पहली बैठक इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में मंगलवार को हुई। काउंसिल सदस्यों ने हाइवे पर होने वाले हादसों पर चिंता जताई साथ ही इन्हें रोकने के कुछ प्रभावी उपाय भी बताए। रात के अंधेरे में मवेशियों के कारण होने वाले वाहन हादसों को रोकने के लिए गाय-भैसों के कानों को पेंट करने का सुझाव आया, ताकि भारी वाहन चालकों को दिक्कत न हो। इसके साथ ही ओवरलोडेड ट्रकों और बेतहाशा सवारियों को ढोने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली के संचालन पर स्थानीय पुलिस और परिवहन प्रशासन को भी अंकुश लगाना होगा।

कोर्स में शामिल हो सड़क सुरक्षा

बैठक में नए सदस्यों ने सड़क सुरक्षा और आईआरसी कोड की बारीकियों को आईआईटी व एनआईटी जैसे उच्च तकनीकी संस्थानों के कोर्स में शामिल किए जाने को वक्त की जरूरत बताया। एमटेक और पीएचडी रिसर्च कर रहे छात्रों को लाइव हाइवे प्रोजेक्ट से जोडऩे का सुझाव भी आया, ताकि छात्र फील्ड एक्टिविटी के माध्यम से हाइवे निर्माण की तकनीकी दक्षता सीखकर निजी क्षेत्र में भी नौकरी हासिल कर सकें। मीटिंग में काउंसिल सदस्यों को सुझावों और चिंताओं को लिखित रूप से भेजने का आग्रह किया गया।

अंतिम दिन बनी नई काउंसिल

आईआरसी के चौथे और अंतिम दिन हुई बैठक में नई काउंसिल का गठन हुआ। काउंसिल में अध्यक्ष पद पर एसबी बासवा और उप्र लोनिवि के इंजीनियर इन चीफ अरविंद कुमार जैन, आरके मेहरा, मनोरंजन पारीदा और प्रणव कपूर को उपाध्यक्ष चुना गया। एसके निर्मल डीजी (आरडी) दोबारा आईआरसी के महासचिव चुने गए। बैठक में परिषद के पूर्व अध्यक्ष सीपी जोशी समेत वर्तमान काउंसिल सदस्य मौजूद रहे।

सड़क निर्माण के लिए ऊर्जा की जरूरत

अधिवेशन में आए एक निजी कंपनी के एमडी विक्रमजीत रॉय ने कहा कि सड़कों के बुनियादी ढांचे को बेहतर एवं आधुनिक बनाना समय की मांग है। सड़क सेक्टर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में प्रत्यक्ष और अधिकतम योगदान देने वाले सेक्टरों में से एक है क्योंकि जीवाश्म ईंधन का उपयोग सड़क बनाने में होता है। सड़कों के निर्माण के लिए विभिन्न स्तरों पर ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इनमें एस्फाल्ट के उत्पादन से लेकर सड़कों का रखरखाव तक शामिल हैं। ऐसे में पारम्परिक प्रक्रियाओं के बजाए ज्योसिंथेटिक्स, ज्योग्रिड्स, ज्योकम्पोजिट, गैबिओनिक्स का उपयोग किया जा सकता है, जो कार्बन उत्सर्जन पर 30 फीसदी तक अंकुश लगाते हैं।