- शिक्षाधिकारियों की कार्यशैली से नाराज बेसिक शिक्षा मंत्री

- शिक्षा अधिकारियों को दी नसीहत और किया शर्मसार

LUCKNOW: बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविन्द चौधरी ने शुक्रवार को खण्ड शिक्षा अधिकारियों को नसीहत दी और अपनी दायित्यों से भटक गए शिक्षाधिकारियों को शर्मसार भी किया। उन्होंने खुले शब्दों में कहा कि शिक्षाधिकारी अपनी जिम्मेदारी को महसूस करे। इस विभाग में तबादलों में घूस न ले बल्कि परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों के नामाकंन को बढ़ाये। राम गोविंद चौधरी रानीलक्ष्मीबाई मेमोरियल स्कूल इन्द्रानगर में खण्ड शिक्षा अधिकारियों के लिए आयोजित की गयी दो दिवसीय शिक्षा उन्नयन गोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे।

बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार व्याप्त है

बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार व्याप्त है। इसको शिक्षा अधिकारी ही समाप्त कर सकते है और विभाग में अगर भ्रष्टाचार दूर नहीं होगा तो विभाग अपने मकसद में सफल नहीं होगा। चौधरी ने शिक्षाधिकारियों को चेतावनी भी दी कि जो अधिकारी अपने दायित्यों से हट गये हो पटरी आये और परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को न पढ़ाने का सिलसिला समाज में चल पड़ा है उस काले अध्याय को समाप्त करे और शिक्षा के लिए बदनाम हो चुके बेसिक शिक्षा विभाग सुनाम दे और प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में ऐसा कर दे कि प्रोफेसर,अधिकारी या फिर नेता अपने बच्चें को परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाने को मजबूर हो जाए।

अपनी जिम्मेदारी भूल गए शिक्षक

उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षाधिकारी अपनी डयूटी का सही प्रकार से निर्वाहन नहीं कर रहे। वह यह भूल गये है कि लोकतन्त्र जब मजबूत होगी जब समाज शिक्षित होगा। शिक्षाधिकारियों को समाज बनाने की जिम्मेदारी दी गयी कि बच्चें शिक्षित हो जिससे समाज को नई दिशा मिल सके लेकिन इसके विपरीत कार्य किया जा रहा है शिक्षाधिकारी भटक गये है और शिक्षक विद्यालयों में पढ़ाने को तैयार नहीं है। इसका नतीजा यह हुआ है कि समाज में संदेश फैल गया है कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा सही नहीं है.चौधरी ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता न होने का जो काला इतिहास है उसकों सफेद इतिहास में शिक्षाधिकारी तब्दील करे।