-चिनहट में यूपीटीयू सेमेस्टर एग्जाम की

कापियां कबाड़ी की दुकान पर मिलने से हड़कंप

-बीटेक के इलेक्ट्रानिक कम्यूनिकेशन की कॉपियां

-कुछ दिन पहले ही स्टार्ट हुआ मूल्यांकन,

-वीसी ने मामले की जांच के लिए बनाई कमेटी

LUCKNOW: इंजीनियर बनने का सपना संजोकर उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू)में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स का भविष्य कबाड़ी के हाथों में हैं। असल में, संडे को चिनहट इलाके में एक कबाड़ वाले के पास मिली कॉपियों ने इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स और यूपीटीयू के जिम्मेदारों की नींद उड़ा दी। खास बात यह कि ये कॉपियां गत दिसंबर में हुई बीटेक इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन (ईसी) की पांचवें सेमेस्टर के एग्जाम्स की हैं। मामले का खुलासा होने के बाद से यूपीटीयू ने जांच के लिए कमेटी बना दी है।

दिसंबर में हुआ था सेमेस्टर एग्जाम

यूपीटीयू के सेमेस्टर एग्जाम ख्ख् दिसंबर से शुरू हुआ था। कॉपियों के मूल्यांकन का काम कुछ दिनों पहले ही शुरू हुआ था। चिनहट तिराहे पर स्थित कबाड़ी की दुकान पर मिले कॉपियों के दर्जनों बंडल से यूपीटीयू और संबद्ध कॉलेजों में हड़कंप मचा है। कबाड़ी की दुकान पर मिलीं कॉपियां दिसंबर के सेमेस्टर एग्जाम की ही हैं। कबाड़ी का कहना है कि उसे कॉपियां कोई बेच गया था। इन कॉपियों पर अभी डिकोडिंग नहीं की गई है। ऐसे में साफ है इनका मूल्यांकन अभी बाकी है।

वीसी बोले, इसके पीछे साजिश

नियमों के अनुसार, एग्जाम की कॉपियों को एक साल तक यूनिवर्सिटी सुरक्षित रखती है। उसके बाद ही इन कॉपियों को नियमों के अनुसार टेंडर जारी कर बेच दिया जाता है। यूपीटीयू के वीसी इस मामले में साजिश देख रहे हैं, उनका कहना कि कॉलेज की इमेज बिगाड़ने के लिए ऐसी करतूत को अंजाम दिया गया है। बता दें कि इन कॉपियों पर बाकायदा स्टूडेंट्स के रोल नंबर और उनका सब्जेक्ट दर्ज हैं। ज्यादातर कॉपियों पर क्भ् जनवरी की डेट लिखी हुई है।

जांच के लिए बनाई कमेटी

कबाड़ी की दुकान पर मिली कॉपियां कैसे पहुंची इस पर कोई भी बोलने को तैयार नहीं। कॉपियां मेन एग्जाम की हैं, प्रैक्टिकल की है या फिर एक्सर्टनल एग्जाम की है, कोई भी जानकारी नहीं दे सका। हालांकि यूपीटीयू के वीसी प्रो। आरके खांडल ने जांच के लिए प्रो। जीएन पांडेय के नेतृत्व में एक कमेटी बना दी है।

सुरक्षा की जिम्मेदारी परीक्षा विभाग की

सेमेस्टर एग्जाम की कॉपियां मूल्यांकन के लिए निर्धारित सेंटर पर भेजी जाती हैं। यहां पर इन कॉपियों के सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद यूपीटीयू के परीक्षा विभाग की होती है। इस बार मूल्यांकन का काम कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ है।

- इस मामले में कोई शामिल है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह एक गंभीर मामला है, इससे यूनिवर्सिटी की साख पर सवाल उठ रहा है।

प्रो। आरके खांडल, वाइस चांसलर, यूपीटीयू