- काजी-ए-शहर लखनऊ मुफ्ती इरफान मियां फिरंगी महली ने जारी किया गया फतवा

LUCKNOW:कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की हिदायतों पर अमल करते हुए ईदगाह या जामा मस्जिद आदि में 5 आदमी से ज्यादा नमाज पढ़ने पर पाबंदी होने की सूरत में ईद-उल-फितर की नमाज के संबंध में सैयद अहमद नदीम द्वारा पूछे गये सवाल का जवाब देते हुऐ काजी-ए-शहर लखनऊ मुफ्ती इरफान मियां फिरंगी महली के द्वारा जारी किए गए फतवे में बहुत तफसील से बताया गया है की ईदगाह या जामा मस्जिद के अलावा किसी भी जगह ईद की नमाज मुमकिन नहीं है। कोई भी मुसलमान अपने घर पर ईद की नमाज बा जमात ना पढ़ें। जब के घर पर जमाअत बनाकर नमाज का हुकुम नहीं है ऐसी सूरत में किसी भी किस्म की जगह पर किसी भी तरह के लोग इकट्ठा करने की कोई जरूरत नहीं है.् याद रखें यह नमाज सुबह 06:30 बजे से लेकर 11:30 बजे दिन से पहले ही अदा करनी है। हालाते हाजरा में ईद मनाने के लिए नए कपड़ों की जरूरत नहीं है।

घर में मनाएं खुशियां

मौलाना ने आगे बताया कि ईद की खुशी अपने घरों में मनाएं.् ऐसे में न तो किसी के घर जाएं और ना ही किसी को अपने घर बुलाएं.् ईद की खुशी में लोगों से गले मिलने और मुसाफा करने से परहेज करें। मोबाइल के जरिए ही दोस्तों, रिश्तेदारों को मुबारकबाद दें। अगर मौजूदा हुकूमत की तरफ से कोरोना के संबंध में कोई नई गाइडलाइंस जारी की जाती हैं तो उसका तमाम मुसलमान मिलकर पालन करेंगे।

नमाज की नियत

नियत करता हूं मैं 4 रकात नमाज नमाज ए चाश्त की खालिस अल्लाह तआला के वास्ते मुंह मेरा तरफ काबे शरीफ के अल्लाह हू अकबर.् अगर इस नमाज में किसी को याद हो तो पहली रकात में सब्बेह इस्माह रब्कबीकल आला और दूसरी रकात में वलशम्स और तीसरी रकात में वल्लैल और चौथी रकात में वज जोहा पढ़ें। बहुत सवाब है और अगर कुछ ना आता हो तो हर रकात में एक बार या तीन बार कुल हो वल्लाह पढ़ें, या जो याद हो वह पढ़ लें। यह नमाज जोर से नहीं पढ़ी जाएगी।