- लॉकडाउन के चलते केवल परिजनों संग हुई इफ्तार

Lucknow: इस बार अलविदा की नमाज पर लॉकडाउन का पूरा असर दिखाई दिया। मस्जिदें सूनी रहीं और रोजेदारों ने नमाज घर पर ही अदा की। सादगी के साथ घर पर ही इफ्तारी की गई। लोगों ने यह भी कहा कि वे ईद के दौरान भी पूरी तरह लॉकडाउन के नियमों का पालन करेंगे।

सादगी से मनाएं ईद

हर साल अलिवदा की नमाज के बाद दोस्तों के साथ इफ्तारी होती थी। पहली बार है कि केवल परिवार के लोगों के साथ इफ्तारी की गई। लोगों से अपील है कि जैसे जुमा की नमाज और इफ्तारी सिर्फ परिजनों संग मनाई है उसी तरह ईद भी मनाएं। ईद सादगी के साथ घर पर मनाएं क्योंकि बिना वजह का मिलना जुलना कोरोना संक्रमण के खतरे को बढ़ावा देना है।

शानू वारसी, इंदिरा नगर

गरीबों का रखें ध्यान

अलिवदा की नमाज के बाद शाम को होनी वाली इफ्तारी बेहद याद आती है। जहां परिवार के साथ अन्य रिश्तेदार भी शरीक होते थे। इस लॉकडाउन रमजान में सब बदल गया है। यह सुरक्षा के लिए जरूरी भी है। जिस तरह आज का दिन हमने केवल परिवार के साथ मनाया उसी तरह ईद के दिन भी सभी को ऐसा ही करना है। गले मिलने और हाथ मिलाने से बचना चाहिए। ईद बेहद सादगी के साथ मनाएं। इसके साथ गरीबों का पूरा ध्यान रखें ताकि उनकी ईद भी मन जाए।

इरफान खान, अमीनाबाद

नियमों का पालन करें

पहली बार मस्जिद की जगह अलिवदा की नमाज भी घर पर ही हुई है। वहीं शाम को होनी वाली इफ्तारी पर होने वाली रौनक गायब है। न किसी को बुला सकते हैं न किसी के यहां जा सकते हैं। लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुये केवल परिजनों के साथ ही इफ्तारी की गई। यहीं जज्बा हम लोगों को ईद के दिन भी दिखाना है। ईद की खुशियां घर पर रहकर ही अपनो के बीच सेवई खाकर मनानी है। अगर इस कोरोना से बच गये तो अगली बार दुगुने जोश के साथ ईद की पार्टी कर सकते हैं।

आबिद खान

सोशल मीडिया का लें सहारा

जिस तरह हम लोगों ने इसबार अलविदा की नमाज और शाम की इफ्तारी घर पर ही रहकर की। उसी तरह हम सभी को ईद के दिन भी करना होगा। कोरोना को हराने के लिए हर किसी को साथ काम करना होगा। सभी को ध्यान रखना होगा कि ईद वाले दिन सेवई इस बार घर पर ही खानी हैं। सोशल मीडिया की मदद से एकदूसरे को ईद की बधाई दें। एक बाद चीजें नार्मल होने के बाद आग ईद की पार्टी दे सकते है।

मो। जुबैर