1 नवंबर को हुई थी बैठक
10 नवंबर तक सौंपनी थी रिपोर्ट
9 बिंदुओं पर देनी थी रिपोर्ट
2 लाख वाहन डेली गुजरते हैं
- जाम खत्म करने के लिए 8 विभागों के साथ की गई थी बैठक
- लिए गए निर्णयों में से कई पर अभी नहीं शुरू हुआ है काम
LUCKNOW: आठ विभाग मिलकर भी पॉलीटेक्निक चौराहे के आसपास 500 मीटर के दायरे में लगने वाले जाम का चक्रव्यूह नहीं तोड़ सके हैं। सुबह हो या शाम हर वक्त यहां जाम लगा रहता है और लोग जाम से होकर ही गुजरने को मजबूर हैं। ट्विटर से लेकर फेसबुक तक यहां के जाम की फोटो वायरल हो रही हैं लेकिन जाम खत्म नहीं किया जा पा रहा है। वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जाम को दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
एमडी के नेतृत्व में हुई थी बैठक
लोगों को यहां लगने वाले जाम से आजादी दिलाने के लिए परिवहन निगम के एमडी डॉ। राजशेखर के नेतृत्व में 1 नवंबर को बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में आठ विभागों के अधिकारी शामिल हुए थे। सभी को मिलकर यहां लगने वाले जाम को खत्म करना था। बैठक के बाद तीन दिन तक तो यहां जाम नहीं लगा लेकिन अब फिर पुराने हालात ही यहां हो गए हैं।
घंटों जाम में फंसे रहते
राजधानी के इस व्यस्ततम चौराहे से डेली करीब 2 लाख वाहन गुजरते हैं। यहां लगने वाले जाम के कारण ट्रैफिक काफी स्लो चलता है और आए दिन ऑफिस जाने वाले लेट हो जाते हैं। स्कूली वाहन भी यहां जाम में फंसते हैं, जिससे बच्चे स्कूल भी समय पर नहीं पहुंच पाते हैं।
10 नवंबर तक देनी थी रिपोर्ट
1 नवंबर को हुई इस बैठक में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि चौराहे पर किसी तरह के वाहन को खड़े होने की छूट नहीं होगी। सभी विभागों को 9 बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट 10 नवंबर तक परिवहन निगम के एमडी को सौंपनी थी। हालांकि बैठक के निर्णयों पर अभी कुछ हुआ नहीं है।
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इन्हें सौंपी गई थी जिम्मेदारी
- मुख्य अभियंता, पीडब्लूडी
- अपर जिला मजिस्ट्रेट ट्रांस गोमती, जिला प्रशासन
- अपर नगर आयुक्त, नगर निगम
- आरटीओ, परिवहन विभाग
- क्षेत्राधिकारी यातायात, ट्रैफिक पुलिस
- क्षेत्राधिकारी पुलिस, यूपी पुलिस
- प्रबंध निदेशक सिटी ट्रांसपोर्ट
- क्षेत्रीय प्रबंधक लखनऊ क्षेत्र परिवहन निगम
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ये काम जो नहीं हुए
- चौराहे पर हर तरफ ट्रैफिक पुलिस को सीसीटीवी लगवाने थे। अभी एक भी नहीं लगा।
- ट्रैफिक पुलिस और पुलिस को जिम्मेदारी दी गई थी कि चौराहे के आसपास छोटे-बड़े और यात्री वाहन न रुकें। वाहनों का खड़ा होना अभी बंद नहीं हुआ है।
- यहां से 70 बसें टांडा रूट पर चल रही हैं, इनका परिवहन निगम से अनुबंध होना था लेकिन यह प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई। ये जिम्मेदारी परिवहन निगम को मिली थी।
- यहां दोनों दिशाओं में बने बस शेल्टर पर बसों के ठहराव को लेकर 10 नवंबर तक अफसरों को अपनी रिपोर्ट परिवहन निगम के एमडी को सौंपनी थी। रिपोर्ट अभी सौंपी नहीं गई।
- मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी को पॉलीटेक्निक चौराहे से एचएएल की ओर जाने वाले बड़े वाहनों को रोकने के लिए हाईट गेज लगवाना था। अभी यह नहीं लगा।
- शहीद पथ होकर पॉलीटेक्निक चौराहा आने वाली बसें लोहिया चौराहे से बाई ओर घूमकर एचएएल बस स्टॉप से फैजाबाद और गोरखपुर जानी थी। इसकी निगरानी क्षेत्रीय प्रबंधक को करनी थी।
कोट
हमारी बसें अब वहां नहीं रुकती हैं। सिटी बसों का वहां से आगे संचालन ही बंद कर दिया गया है। अब इसमें हमारा रोल खत्म हो गया है।
आरके मंडल, एमडी
सिटी बस प्रबंधन
बसों के अनुबंध की प्रक्रिया अभी फाइनल नहीं हो सकी है। जल्द ही जिन वाहन मालिकों ने अनुबंध का प्रस्ताव दिया है, उसे परिवहन निगम को भेजा जाएगा।
संजीव गुप्ता, एआरटीओ प्रवर्तन
आरटीओ
रोडवेज बसों का संचालन अब शेल्टर से होता है। प्राइवेट वाहनों के अनुबंध के प्रस्ताव अभी मिले हैं। उन्हें मुख्यालय भेज दिया गया है।
पल्लव बोस, क्षेत्रीय प्रबंधक लखनऊ
परिवहन निगम