लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ अभी तक सीट आरक्षण की तस्वीर साफ नहीं हुई है, वहीं दूसरी तरफ इस देरी से चुनावी टिकट पर भी संशय के बादल गहरा गए हैैं। आलम यह है कि पार्षद कंफ्यूज हैैं कि कहीं ऐसा न हो कि उनके वार्ड की सीट बदल जाए और टिकट के लिए उनकी ओर से की जा रही मेहनत बर्बाद हो जाए। अगर सीट महिला हो जाती है तो वह अपनी पत्नी या मां के लिए टिकट की कवायद शुरू कर देंगे।

पूरा दिन गुजरा इंतजार में

पूरी उम्मीद थी कि मंगलवार को सीट आरक्षण की तस्वीर साफ हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। देर शाम तक सीट आरक्षण को लेकर शासन की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई। वहीं दूसरी तरफ, सुबह से ही पार्षद सीट आरक्षण की जानकारी लेने के लिए निगम मुख्यालय में डटे रहे। इसके साथ ही कई पार्षद अधिकारियों से भी सीट आरक्षण की जानकारी लेने के लिए कवायद करते नजर आए। निगम की ओर से तो शासन को सीट आरक्षण की रिपोर्ट भेजी जा चुकी है और अब शासन से ही सीट आरक्षण को लेकर अधिसूचना जारी करनी है।

चुनावी तैयारियों पर असर

सीट आरक्षण की तस्वीर साफ न होने से प्रत्याशियों की चुनावी तैयारियों पर असर देखने को मिल रहा है। प्रत्याशी अभी समझ ही नहीं पा रहे हैैं कि उन्हें किस दिशा में तैयारी करनी है। हालांकि, जिन संभावित प्रत्याशियों को सीट आरक्षण की भनक लग गई है, उनकी ओर से वोटर्स को अपने साथ लाने की कवायद शुरू कर दी गई है। हालांकि, कहीं न कहीं उनके मन में भी कंफ्यूजन की स्थिति है और संभावनाओं के आधार पर चुनावी तैयारी कर रहे हैैं।

माहौल नजर आने लगा है

भले ही अभी निकाय चुनाव की तारीख स्पष्ट न हुई हो, लेकिन इतना जरूर है कि वार्डों में चुनावी माहौल नजर आने लगा है। एक तरफ जहां वरिष्ठ पार्षद अपने मजबूत वोट बैैंक को साधते नजर आ रहे हैैं, वहीं दूसरी तरफ नए चेहरे जनता के बीच खुद को स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैैं। जिससे सीट आरक्षण की तस्वीर साफ होते ही बिना वक्त गंवाए अपना वोट बैैंक मजबूत कर सकें।

महिलाएं भी आ रहीं फ्रंट में

खास बात यह है कि इस बार निकाय चुनाव में महिला शक्ति भी फ्रंट में आती हुई नजर आएंगी। उनकी ओर से भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी शुरू कर दी गई है। महिला शक्ति की ओर से वार्ड की उन समस्याओं पर फोकस किया जा रहा है, जिनकी तरफ अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया है। इसके साथ ही महिला शक्ति की ओर से अपने चुनावी एजेंडे में महिलाओं से जुड़े मुद्दों को विशेष रूप से शामिल किया जा रहा है। जिससे महिला वोटर्स को अपने पक्ष में लाया जा सके। इसके साथ ही महिला प्रत्याशियों की ओर से यह भी भरोसा दिलाया जा रहा है कि सबसे पहले उनकी ओर से वार्ड के बदहाल पार्कों का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा, ताकि जनता को बड़ी राहत मिल सके।

भरने लगे रोड के गड्ढे

चुनावी माहौल गर्म होते ही वार्डों में विकास कार्यों को रफ्तार देने का काम भी शुरू कर दिया गया है। ज्यादातर वार्ड पार्षदों की ओर से रोड के गड्ढे भरे जा रहे हैैं। इसके साथ ही ज्यादातर वर्तमान पार्षदों की ओर से जनता को बताया जा रहा है कि उन्होंने तो विकास कार्यों को लेकर कई मांग कर रखी हैैं, लेकिन निगम की ओर से पैसा नहीं दिया जा रहा है। अगर पैसा मिल जाए तो वार्ड की तस्वीर बदल सकती है।

वोट बैैंक साधने पर फोकस

इसके साथ ही पार्षदों की ओर से विशेष रूप से उन मोहल्लों पर फोकस किया जा रहा है, जो उनका मजबूत वोट बैैंक है। उनकी ओर से नियमित रूप से घर-घर जाकर लोगों का विश्वास जीतने की कवायद की जा रही है। उनका यही प्रयास है कि किसी भी हालत में उनका मजबूत वोट बैैंक उनके खाते से बाहर न जाए। अगर ऐसा हुआ तो चुनावी मैदान में उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ सकता है।