लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल में गर्भवती से अभद्रता व पिटाई का गंभीर मामला सामने आया है, जिसके बाद परिजनों ने केजीएमयू प्रशासन से शिकायत की है। गर्भवती अंजली सिंह को प्रसव पीड़ा के बाद परिजनों ने क्वीन मेरी के लेबर रूम में भर्ती कराया। पति सूर्य प्रताप सिंह का आरोप है कि लेबर रूम में मरीज की भाभी गईं और मरीज को खिलाने के लिए महिला कर्मचारी से मदद मांगी, जिसपर कर्मचारी भड़क उठी और मरीज से अभद्रता करने लगी। इतना ही नहीं, आरोप है कि कर्मचारी ने मरीज की पिटाई करने के साथ उसे धक्का दे दिया, जिससे महिला फर्श पर गिर गई। मामला बढ़ता देख आसपास के लोग व अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे और किसी तरह मामला शांत कराया। पति ने इस अमानवीय घटना की शिकायत क्वीन मेरी प्रशासन से की। इसके बाद संस्थान प्रशासन हरकत में आया, पर अब मामले को रफा-दफा करने पर अमादा है। मामले को लेकर क्वीन मेरी की एमएस डॉ। एसपी जैसवार को फोन मिलाया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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कैंसर संस्थान में भर्ती विज्ञापन किया गया कैंसिल

चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान में डॉक्टरों की भर्ती निकाली गई थी। पर भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों की अनदेखी का आरोप लगा था। मामला विवादों में घिरने के बाद भर्ती प्रक्रिया के विज्ञापन को कैंसिल कर दिया गया है। कैंसर संस्थान में बीते दिनों 200 बेड पर कैंसर मरीजों की भर्ती शुरू की गई है। मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए डॉक्टरों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था, जिसपर अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति चिकित्सा शिक्षक एसोसिएशन ने भर्ती में आरक्षण के नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत सीएम, संस्थान के निदेशक और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से की गई थी। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए संस्थान के निदेशक और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजकर कार्यवाही को कहा था। इसके बाद विज्ञापन रद्द कर दिया गया। एसोसिएशन के महासचिव डॉ। हरीराम का कहना है कि सभी भर्तियों में अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षण मिलना चाहिए।