- अमेजॉन की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज होने के कुछ मिनट बाद दबोच लिए गए

- पकड़े आरोपी इंजीनियर और आईटीआई की पढ़ाई कर चुके

- जिम ट्रेनर के साथ मॉडलिंग भी करते है आरोपी

LUCKNOW: अमेजॉन से मंगवाए प्रोटीन के डब्बे में नकली पाउडर भरकर लौटाने वाले दो युवकों को साइबर क्राइम सेल की टीम ने दबोच लिया है। एसएसपी का दावा है कि आरोपी ने इसी तरह के फ्रॉड को देशभर में करके करीब 20 करोड़ कमाए हैं। हालांकि अमेजॉन के कर्मचारियों का कहना है कि कितने रुपये की ठगी हुई है इसका अभी हिसाब नहीं मिलाया गया है। पकड़े गए दोनों युवक जयपुर के रहने वाले हैं और आलमबाग में किराए पर कमरा लेकर रह रहे थे।

केस होते ही अरेस्ट हो गए जालसाज

अमेजॉन के शशांक सिंह ने बताया कि जालसाजी की जानकारी होने पर 29 सितंबर को पुलिस से शिकायत की गई थी। 12 अक्टूबर की रात करीब 12 बजे गौतमपल्ली थाने में रिपोर्ट दर्ज करने के कुछ मिनट बाद ही पुलिस ने राजस्थान के रहने वाले दोनों युवकों को आलमबाग से गिरफ्तार कर लिया।

असली निकालकर नकली भर देते थे

एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक आरोपी जयपुर निवासी सोहित सोनी और राहुल सिंह राठौर अमेजॉन से ऑनलाइन आईसोप्योर कंपनी के महंगे प्रोटीन ऑर्डर करते थे। कंपनी से डिलीवरी होने के बाद ऑर्डर कैंसिल कर देते थे। इस बीच डिलीवरी मैन प्रोटीन उन तक पहुंचा चुका होता था। आरोपी आईसोप्योर प्रोटीन निकालकर उसके डब्बे में नकली या सस्ते क्वालिटी का प्रोटीन भरकर अमेजॉन का फर्जी स्टीकर लगाकर उस तरह की पैकिंग कर वापस कर देते थे। इस तरह उन्हें असली प्रोटीन और उसकी कीमत भी वापस मिल जाती थी।

जिम में बेच देते थे सस्ते दाम पर असली प्रोटीन

आईसोप्योर प्रोटीन को वह जिम सेंटरों में जाकर कंपनी से सस्ते दर पर बेचकर उधर से भी कमाई करते थे। पुलिस का दावा है कि आरोपी 2017 से महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, बिहार, छत्तीसगढ़, यूपी समेत कई प्रदेश में यह गोरखधंधा करके 20 करोड़ कमा चुके हैं। एसएसपी ने बताया कि प्रोटीन के अलावा एप्पल की स्मार्ट घडि़यां, डिजिटल गिफ्ट कार्ड और दूसरे महंगे सामान भी ऑर्डर कैंसिल करके इसी तरह हेराफेरी कर वापस करते थे।

फेक आईडी के सिम पर करते थे आर्डर

सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र ने बताया कि आरोपी फर्जी आईडी पर सिम खरीदकर अलग अलग नाम से अमेजॉन का अकाउंट बनाकर जालसाजी कर रहे थे। सोहित बीटेक और राहुल आईटीआई करके आलमबाग में किराए के मकान में रहकर यह गोरखधंधा कर रहे थे। इनके पास से आईसोप्योर प्रोटीन के 11 डब्बे, गोल्ड स्टैंडर्ड प्रोटीन के 9 पैकेट, 29 सिमकार्ड, 7 मोबाइल, अमेजॉन के फर्जी स्टीकर और स्मार्ट वॉच बरामद हुए हैं। हालांकि पिछले कुछ महीनों में उन्होंने चार सिम कार्ड के जरिए कंपनी को करीब दो करोड़ का चूना लगया हैं।

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पकड़े गए प्रोडेक्ट की नहीं होती है वापसी!

पकड़े गए आरोपियों ने आरोप लगाया कि अमेजॉन के कर्मचारियों के फर्जीवाड़े को पुलिस उनपर थोप रही है। सोहित सोनी ने बताया कि वह और राहुल मॉडलिंग के साथ जिम ट्रेनर का काम करते हैं। कुछ साल पहले वह अमेजॉन से प्रोटीन पाउडर मंगवाते थे। कई बार उन्हें असली डब्बे में नकली पाउडर भेजा गया जिसकी वापसी की थी। पुलिस जिन प्रोडेक्ट को बरामद दिखाकर उनपर ठगी का आरोप लगा रही है उन प्रोडेक्ट को कंपनी ने 2018 में ही बंद कर दिया था। पुलिस एप्पल के स्मार्ट वॉच की वापस करके भी ठगी का आरोप लगा रही है जबकि एप्पल का कोई भी प्रोडेक्ट बिना तकनीकी गड़बड़ी की जांच किए ऑनलाइन वापस नहीं किया जा सकता है।