लखनऊ (ब्यूरो)। पुलिस विभाग का पुलिस डे हो या फिर विभाग से जुड़ा कोई कार्यक्रम, पुलिस परेड के लिए सजाये गए मैदान में थ्री नॉट थ्री राइफल सीना ताने खड़ी नजर आती है। परेड ग्राउंड में तीन-तीन के सेट में इन राइफलों को जमीन पर लगाया गया। इसके बाद ऊपर से हेलमेट पहनाया जाता है। इस राइफल को पुलिस विभाग ने फील्ड से हटा तो दिया है, पर अभी पुलिस विभाग का हर प्रोग्राम इस राइफल के बगैर अधूरा सा है।

26 जनवरी को 2020 को हुई थी विदाई
यूपी पुलिस का 75 साल तक साथ देने वाली थ्री नॉट थ्री राइफल 26 जनवरी 2020 को परेड के बाद विदाई दी गई। उत्तर प्रदेश में राइफल से 26 जनवरी को अंतिम बार फायर किया गया। इस राइफल का इस्तेमाल सबसे पहले 1914 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान किया गया था। 1945 में पहली बार थ्री नॉट थ्री राइफल यूपी पुलिस को मिली थी। इन राइफल्स का असली नाम था ली एनफील्ड। 303 को सबसे पहले ब्रिटिश आर्मी ने इस्तेमाल करना शुरू किया था। प्रथम विश्वयुद्ध में ये राइफल इस्तेमाल हुई थी। मौजूदा समय में सभी थ्री नॉट थ्री राइफलें पुलिस लाइन में जमा हैं।

होमगार्ड को देने का लिया गया था फैसला
पुलिस विभाग से रिटायर होने के बाद हजारों की संख्या में थ्री नॉट थ्री पुलिस लाइन की शोभा बढ़ा रही हैं। हालांकि यह राइफल अभी भी पूरी तरह खराब नहीं हुई है इसलिए इस राइफल का यूज किए जाने का फैसला लिया गया था। इसे पुलिस विभाग की जगह होमगार्ड को दिए जाने का फैसला लिया गया था, जिसके लिए उनकी ट्रेनिंग भी कराई गई थी। थ्री नॉट थ्री राइफल धारी होमगार्ड को सुरक्षा ड्यूटी में तैनात किया जाना था। वहीं ट्रेनिंग के दौरान होमगार्ड को इंसास राइफल की भी ट्रेनिंग दी गई हैै।