लखनऊ (ब्यूरो)। आज के समय में मेडिको लीगल के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। डॉक्टर मरीज का हर संभव इलाज तो कर रहे हैं, पर इसके बावजूद कई बार कानूनी पचड़े में फंसने की आशंका बनी रहती है। इस समय हालात ऐसे हैं कि देश में हर पांचवा डॉक्टर किसी न किसी कानूनी पचड़े में फंसा हुआ है। डॉक्टरों को इससे बचने की बेहद जरूरत है। इसके लिए इलाज से संबंधित हर जानकारी का डाक्यूमेंटेशन करना होगा। साथ ही किसी भी इलाज से पहले मरीज और तीमारदार की काउंसलिंग करें तथा अपने पास इलाज का रिकॉर्ड जरूर रखें, ताकि जरूरत के समय इनकी मदद ली जा सके। यह जानकारी केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल के 90वें स्थापना दिवस के अवसर पर अहमदाबाद से आये स्पीकर डॉ। एमसी पटेल ने दी।

विशिष्ट एप तैयार किया जाये

कार्यक्रम के दौरान वीसी डॉ। बिपिन पुरी ने बताया कि क्वीन मेरी अस्पताल में आने वाले मरीजों की भीड़ का प्रबंधन करने में तकनीक और नवाचार का उपयोग करना चाहिए। जो मरीज यहां आते हैं, उनमें अधिकतर निरक्षर होते हैं, जिसकी वजह से वे कई बातें समझ नहीं पाते हैं। इतना ही नहीं, कई बार तो पढ़े-लिखे लोग भी डॉक्टर द्वारा दिए गए परामर्श को समझ नहीं पाते। ऐसे में बार-बार समझाने की प्रक्रिया के कारण डॉक्टर व स्टाफ का काफी समय बर्बाद हो जाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए परामर्श संबंधी सूचना के लिए एक विशिष्ट एप बनाना चाहिए, ताकि मरीजों के साथ बेहतर संचार स्थापित किया जा सके।

स्टाफ की काफी कमी

वीसी डॉ। पुरी ने आगे बताया कि यहां पर खाली पड़े डॉक्टरों और स्टाफ के पदों को जल्द भरने का काम किया जायेगा। इसके अलावा जिनकी इमरजेंसी में ड्यूटी लगे, उनका शेड्यूल पहले से तैयार होने के साथ पूरी जानकारी होनी चाहिए। डॉक्टर्स को टेक्नोलॉजी से लैस होना चाहिए, ताकि ऑपरेटर्स पर निर्भरता कम हो। वहीं, विभागाध्यक्ष प्रो। एसपी जैसवार ने कहा कि अस्पताल में करीब 90 फीसदी मरीज गंभीर हालत में भर्ती किए जाते हैं। पर स्टाफ की कमी के कारण अक्सर समस्या आती है। बीते 10 माह की बात करें तो यहां 11 हजार 282 मरीज भर्ती हुए। आईपीडी में यहां 42 हजार 358 मरीज आए। इन 10 महीनों में यहां करीब हजार प्रसव भी हुए। यह भी तब जबकि यहां बेड की संख्या सिर्फ 342 है। इस मौके पर डॉ। पूजा यादव, अवंतिका, असलम, तबस्सुम और शन्नो को अच्छे कामों के लिए सम्मानित किया गया।