- परिषदीय स्कूल में बच्चों को नहीं मिली अंग्रेजी माध्यम की किताबें

- माल ब्लॉक के प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में शिक्षकों का टोटा

- माल ब्लॉक के 71 स्कूल एकल शिक्षक संचालित

LUCKNOW : राजधानी में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। माल और मलिहाबाद ब्लॉक के परिषदीय प्राथमिक जूनियर में अंग्रेजी माध्यम के परिषदीय स्कूल तो शुरू कर दिए गए हैं, लेकिन यहां ना अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और न किताबें उपलब्ध कराई गई। इसके बावजूद बच्चों की अक्टूबर में अंग्रेजी माध्यम में परीक्षा संपन्न करा दी गई। इसकी वजह से कई बच्चे ठीक से परीक्षा भी नहीं दे पाए। इसकी शिकायत एक टीचर ने ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर से की है। इसके बाबजूद प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

17 में से आठ में शिक्षक ही नहीं

माल ब्लॉक में 17 परिषदीय प्राथमिक स्कूल और जूनियर स्कूलों में से आठ स्कूल ऐसे हैं, जिनमें न तो अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक हैं न ही अंग्रेजी में पढ़ाई कराई जा रही। ऐसे में इन्हे खोलने का क्या मतलब है।

71 स्कूल एकल संचालित

माल ब्लॉक के 71 ऐसे स्कूल हैं जो एकल संचालित है। इन एकल स्कूल में सिर्फ एक ही शिक्षक की नियुक्ति की गई है जबकि आरटीई के नियम के तहत 30 छात्रों पर एक शिक्षक की नियुक्ति होती है। इस तरह से बेसिक शिक्षा विभाग सरकार के नियमों की अनदेखी कर रहा है।

बिना शिक्षक कराई जा रही पढ़ाई

माल ब्लॉक के 17 परिषदीय प्राथमिक स्कूलों और जूनियर स्कूलों में कुछ ऐसे स्कूल हैं, जहां अब तक अंग्रेजी की किताबें ही नहीं उपलब्ध कराई जा सकी हैं। वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि माल में अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की नियुक्तियां की जा रही है। जल्द ही इनकी नियुक्तियां हो जाएंगी। वहीं टीचर सवाल उठा रहे हैं कि जब अंग्रेजी माध्यम के टीचर नहीं हैं तो पेपर कराने का क्या उद्देश्य है। उनका आरोप है कि शासन या तो शिक्षकों को परेशान कर रहा है या फिर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़।

क्या है अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों का हाल

ब्लॉक माल शिक्षक

माल-1 एक

देवरीडांडा तीन

पटौना दो

आंठगड़ी सौरा एक

बसन्तपुर शून्य

माल-2 एक

मुड़ीयारा शून्य

बांझी शून्य

जमोलिया शून्य

ससपन एक

रूदान खेड़ा शून्य

बजारगांव तीन

मंझी दो

सैमसी शून्य

बीरपुर प्रथम शून्य

बजारगांव जूनियर स्कूल दो

आंठगड़ी सौरा जूनियर स्कूल शून्य

आरटीई नियम के अनुसार

इन सभी स्कूलों में एक प्रिंसिपल और चार असिस्टेंट टीचर होने चाहिए। वहीं कुछ स्कूलों में या तो शिक्षक नहीं हैं, जहां थे भी उनकी मौत हो चुकी है। उनके स्थान पर किसी की नियुक्ति नहीं हुई है। कुछ शिक्षकों का सेलेक्शन किसी और ब्लॉक में हुआ है।

बॉक्स

एचआरए न मिल पाने के कारण नहीं लेना चाहते ज्वाइनिंग

टीचर ने बताया कि माल ब्लॉक में उनके साथ भेदभाव किया जाता है। उन्हे एचआरए नहीं मिलता है। इसकी वजह माल ब्लॉक शिक्षा का मेट्रो योजना में ना आना है। शिक्षकों ने बीएसए से अपील की कि उन्हे भी एचआरए दिया जाए। बीते सप्ताह परिषदीय प्राथमिक स्कूल और जूनियर स्कूल में अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षा कराई गई। जबकि बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की किताबें मुहैया नहीं कराई गई थीं जिसकी वजह से बच्चों की अंग्रेजी माध्यम में परीक्षा देने की तैयारी नहीं हो पाई। इसके बावजूद उनकी परीक्षा करा दी गई।