लखनऊ (ब्यूरो)। आधी अधूरी तैयारियों के साथ सोमवार से बेसिक शिक्षा विभाग की वार्षिक परीक्षाएं शुरू हुईं। पहले दिन कई स्कूलों में प्रश्नपत्र पूरे न पहुंचने और देर से पहुंचने पर ऊहापोह की स्थिति बनी रही। शिक्षकों ने ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखवाकर बच्चों की परीक्षाएं कराईं। नगर क्षेत्र और बीकेटी के स्कूलों को छोड़ दें तो ज्यादातर ब्लॉक के स्कूलों में शिक्षकों ने पेपर के देरी और कम पडऩे की बात कही।

प्राइमरी की हुई मौखिक परीक्षा

पहले दिन सोमवार को कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों की मौखिक परीक्षा हुई। वहीं जूनियर हाईस्कूल की खेल व शारीरिक शिक्षा व स्काउटिंग, कला, कृषि गृह शिल्प की परीक्षा थी। सुबह की पाली में 9:30 बजे से 11:30 बजे तक और दोपहर की पाली में 12:30 बजे से 2:30 बजे तक परीक्षा का समय निर्धारित था, लेकिन कई स्कूलों में पेपर आधे से एक घंटा देरी से पहुंचे।

बारिश में भीग कर पेपर लेने पहुंचे

मोहनलालगंज समेत कई ब्लॉक में सुबह शिक्षक बारिश में भीगकर पेपर लेने पहुंचे। वहीं, मोहनलालगंज में दूसरी पाली का पेपर नहीं पहुंचा। ऐसे में शिक्षकों को बोर्ड पर लिखवाना पड़ा। शिक्षकों का कहना है कि संडे को पेपर पहुंच जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सुबह परीक्षा होनी थी ऐसे में काफी समस्याएं हुईं।

पेपर कम पड़ गए

कुछ स्कूलों में मंगलवार की परीक्षाओं के पेपर सोमवार को बांटे गए। इनमें पीएस पारा में संस्कृत, पीएस नौबस्ता में उर्दू, संस्कृत, पीएस बर्फखाना में संस्कृत, पीएस चपुरवाखेड़ा में क्लास 3 के मैथ्स के पेपर, पीएस किला मोहम्मदी में सभी विषयों के पेपर, पीएस अमौसी में हिंदी, कला, संस्कृत का पेपर के साथ कई स्कूलों में मैथ्स, हमारा परिवेश विषय के पेपर कम पडऩे की बात कही।

परीक्षा से एक दिन पहले सभी स्कूलों में पेपर पहुंच जाने चाहिए थे। ऐसा नहीं किया गया। इसके अलावा शिक्षक कॉपी कहां और किस मद से लें, इसके लिए भी कोई दिशा निर्देश जारी नहीं हुए हैं।

-विनय कुमार सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन, यूपी