40 मिनट में तय होगी 70 किलोमीटर की दूरी

नीचे होगी फूलों, हल्दी की खेती, कृषि उत्पादन भंडार भी

LUCKNOW: राज्य सरकार लखनऊ-कानपुर के बीच ऐसा सीधा एक्सप्रेसवे बनाने की योजना पर काम कर रही है जिसके बाद अमौसी एयरपोर्ट से कानपुर तक पहुंचने में केवल चालीस मिनट का समय लगेगा। कानपुर के गंगा बैराज से राजधानी के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तक बनने वाला यह एक्सप्रेसवे देखने में भी बेहद खूबसूरत होगा। पिलर्स पर बनने वाली इस सड़क के नीचे विदेशों की तर्ज पर फूलों के बाग लहलहाएंगे। साथ ही हल्दी की खेती भी हो सकेगी। वहीं रेनवॉटर हार्वेस्टिंग के जरिए नजदीकी खेतों को पानी भी मुहैया कराया जाएगा।

कम से कम होगा अधिग्रहण

मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में बुधवार को एक्सप्रेसवे के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि एक्सप्रेसवे के लिए किसानों से सिर्फ पिलर्स के उपयोग में आने वाली जमीन अधिग्रहित की जाएगी। बदले में जमीन के मुआवजे के साथ पिलर्स के बीच के स्थान पर कृषि उत्पादन का भंडार बनेगा। कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र की जमीन को फूलों की खेती के योग्य बताया है, इसलिए राज्य सरकार किसानों को अतिरिक्त मदद देकर इसे अमली जामा पहनाने की तैयारी में है।

बढ़ेगी कनेक्टिविटी

करीब 70 किलोमीटर लंबे मार्ग में हर दस किमी पर दो पिलर्स के मध्य कृषि विपणन केंद्र भी खोले जाएंगे। सड़क के दोनों ओर बाउंड्री वाल बनाकर वर्षा जल संचयन होगा। परियोजना के लाभ गिनाते हुए कहा कि कानपुर के उद्योगपतियों, नौकरीपेशा लोगों को जहां इससे राहत मिलेगी वहीं एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी से फूलों का निर्यात करने में भी आसानी होगी। हाईवे पिलर्स पर होने के चलते जमीन अधिग्रहण की दुश्वारी भी नहीं आयेगी।

दोनों शहरों के विकास को मिलेगी रफ्तार

परियोजना का खाका तैयार करने वालों ने तर्क दिया है कि प्रदेश के मैनचेस्टर कहे जाने वाले कानपुर का औद्योगिक स्वरूप 1980 तक बरकरार था, लेकिन 90 के दशक में चकेरी एयरपोर्ट में और अधिक विकास नहीं होने से हवाई सेवा लगभग बंद हो गयी। इस कारण उद्योग-धंधों से जुड़ी यात्राएं बाधित होने लगीं। व्यापारियों ने दूसरे शहरों का रुख शुरू कर दिया। इससे कानपुर के औद्योगिक स्वरूप में गिरावट का दौर शुरू हो गया। हाल ही में आईपीएल खेलने कानपुर आई दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी डेल स्टेन ने वर्तमान हाईवे की दुर्दशा पर ट्वीट भी किया था।