लखनऊ (ब्यूरो)। बांदा से जुड़े कई गिरोह पश्चिम बंगाल से जाली नोट लाते हैं और उनकी सप्लाई लखनऊ, एनसीआर, दिल्ली समेत कई यूपी के जिलों में कर रहे हैं। इस गिरोह के कई पकड़े गए सदस्यों ने बताया कि जाली नोट पाकिस्तान से बांग्लादेश व नेपाल के जरिये यहां सप्लाई किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मालदा (पश्चिम बंगाल) निवासी सदर अली को 24 मार्च को एटीएस ने नोएडा के महामाया फ्लाई ओवर के पास से गिरफ्तार किया था। इससे पहले सदर अली पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में 2010 में गिरफ्तार किया गया था।

पुराने खिलाडिय़ों पर नजर
सूत्रों के अनुसार, नकली नोट तस्कर का नेटवर्क बरेली, कानपुर नगर व लखनऊ समेत कई शहरों में था। वह यूपी के कई तस्करों को पाकिस्तान से आने वाले जाली नोटों की सप्लाई करता था। नकली नोटों की सप्लाई में तेजी आने के बाद गिरोह से जुड़े सप्लायरों की तलाश शुरू कर दी गई है। नकली नोट सप्लाई करने वाले पुराने खिलाडिय़ों की पड़ताल शुरू हो गई है। इस काम में एटीएस के साथ-साथ एसटीएफ की टीम भी काम कर रही हैै।


कब कब पकड़ी गई जाली करेंसी
- 3 जनवरी 2022 को लखनऊ के रिजर्व बैैंक की चैस्ट (तिजोरी) के ऑडिट के दौरान 47,710 रुपये की नकली करेंसी पकड़ी गई
- 4 जनवरी को अलीगंज पुलिस ने 6,22,800 रुपये के नकली नोट के साथ 4 लोगों को गिरफ्तार किया।- 7 जनवरी 2022 को गाजियाबाद पुलिस ने 17 लाख के नकली नोटों के साथ 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया।- 5 जनवरी 2022 बांग्लादेश से लाकर जाली नोटों की तस्करी करने वाले गिरोह का सरगना दीपक मंडल त्रिवेंद्रम केरड से गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ अफसरों ने उसके साथीको जून में फूलपुर निवासी रूपेश कुमार को एक लाख के नकली नोटों संग पकड़ा था।

बांग्लादेश से नाव से मंगाता था जाली नोट
एसटीएफ के मुताबिक, पूछताछ में दीपक ने बताया है कि वह बांग्लादेश से नाव से जाली नोट मंगाता है और फिर डिमांड के मुताबिक इसे बिहार, दिल्ली, राजस्थान, उप्र, पंजाब, केरल में सप्लाई करता है।
- 11 जनवरी 2022 को गुंडबा में विशाल यादव और मंगेश्वर गिरि को गिरफ्तार किया गया था। उनके पास 40 हजार रुपये के जाली नोट मिले थे। इनका एक साथी रोहित यादव फरार हो गया था। पूछताछ में विशाल व मंगेश्वर के नेपाल में संपर्क होने की बात सामने आई।


2021 में कब कब पकड़ी गई जाली करेंसी
गाजीपुर पुलिस ने अयोध्या के पुराकलंदर थानाक्षेत्र स्थित सरियावा गांव निवासी मान सिंह उर्फ राजा मान सिंह ने जानकीपुरम के पवन कुमार को 10 लाख रुपये देने पर 50 लाख के नकली नोट देने का लालच दिया था। रकम देने के लिए मान सिंह ने विभूतिखंड के हयात होटल के पास बुलाया। उसने पवन को 10 गड्डियां दीं, जिसमें 100-100 रुपये के नोट लगे थे। गड्डी देने से पहले पांच हजार रुपये दिये, जो पूरी तरह से असली दिख रहे थे। बाकी गड्डी में कागज के टुकड़े लगे थे।

2000 के नोट की ऐसे करें पहचान
2000 के नोट का बेस कलर मैजेंटा है और इसका साइज 66 मिमी गुणा 166 मिमी है। नोट के फ्रंट पर महात्मा गांधी और पीछे की तरफ मंगलयान की तस्वीर लगी है।


पहचान नंबर-1 नोट को लाइट के सामने रखने पर यहां 2000 लिखा दिखेगा।पहचान नंबर-2 आंख के सामने 45 डिग्री के एंगल पर रखने पर यहां 2000 लिखा दिखेगा।पहचान नंबर-3 देवनागरी में 2000 लिखा दिखेगा।पहचान नंबर-4 सेंटर में महात्मा गांधी की तस्वीर है।पहचान नंबर-5 छोटे-छोटे अक्षरों में आरबीआई और 2000 लिखा है।पहचान नंबर-6 सिक्योरिटी थ्रीड है इसपर भारत, आरबीआई और 2000 लिखा है। नोट को हल्का से मोडऩे पर इस थ्रीड का कलर हरा से नीला हो जाता है।पहचान नंबर-7 गारंटी क्लॉज, गवर्नर के सिग्नेचर, प्रॉमिस क्लॉज और आरबीआई का लोगो दाहिनी तरफ है।पहचान नंबर-8 यहां महात्मा गांधी की तस्वीर और इलेक्ट्रोटाइप (2000) वाटरमार्क है।पहचान नंबर-9 ऊपर में सबसे बाईं तरफ और नीचे में सबसे दाहिने तरफ लिखे नंबर बाएं से दाएं तरफ बड़े होते जाते हैं।पहचान नंबर-10 यहां लिखे नंबर 2000 का रंग बदलता है। इसका कलर हरा से नीला हो जाता है।पहचान नंबर-11 दाहिनी तरफ अशोक स्तम्भ है।पहचान नंबर-12 दाहिनी तरफ आयताकार बॉक्स जिसमें 2000 लिखा है।पहचान नंबर-13 दाहिनी और बाईं तरफ सात ब्लीड लाइंस हैं जो खुरदरे हैं।


पीछे की तरफ
पहचान नंबर-14 नोट की प्रिंटिंग का साल लिखा हुआ है।पहचान नंबर-15 स्लोगन के साथ स्वच्छ भारत का लोगो।पहचान नंबर-16 सेंटर की तरफ लैंग्वेज पैनल
पहचान नंबर-17 मंगलयान का नमूना

दृष्टिहीनों के लिए
महात्मा गांधी की तस्वीर, अशोक स्तम्भ के प्रतीक, ब्लीड लाइन और पहचान चिन्ह खुरदरे से हैं।


500 रुपये के नोट की ऐसे करें पहचान
पहचान नंबर-1 नोट को लाइट के सामने रखने पर यहां 500 लिखा दिखेगा।पहचान नंबर-2 आंख के सामने 45 डिग्री के एंगल पर रखने पर यहां 500 लिखा दिखेगा।पहचान नंबर-3 देवनागरी में 500 लिखा दिखेगा।पहचान नंबर-4 पुराने नोट की तुलना में महात्मा गांधी की तस्वीर का ओरिएंटेशन और पोजिशन थोड़ा अलग है।पहचान नंबर-5 नोट को हल्का से मोडऩे पर सिक्योरिटी थ्रीड का कलर हरा से नीला हो जाता है।पहचान नंबर-6 पुराने नोट की तुलना में गारंटी क्लॉज, गवर्नर के सिग्नेचर, प्रॉमिस क्लॉज और आरबीआई का लोगो दाहिनी तरफ शिफ्ट हो गया है।पहचान नंबर-7 यहां महात्मा गांधी की तस्वीर और इलेक्ट्रोटाइप वाटरमार्क है।पहचान नंबर-8 ऊपर में सबसे बाईं तरफ और नीचे में सबसे दाहिने तरफ लिखे नंबर बाएं से दाएं तरफ बड़े होते जाते हैं।पहचान नंबर-9 यहां लिखे नंबर 500 का रंग बदलता है। इसका कलर हरा से नीला हो जाता है।पहचान नंबर-10 दाहिनी तरफ अशोक स्तम्भ है.दाहिनी तरफ सर्कल बॉक्स जिसमें 500 लिखा है।दाहिनी और बाईं तरफ 5 ब्लीड लाइंस हैं जो खुरदरे हैं।


पीछे की तरफ
पहचान नंबर-11 नोट की प्रिंटिंग का साल लिखा हुआ है।पहचान नंबर-12 स्लोगन के साथ स्वच्छ भारत का लोगो।पहचान नंबर-13 सेंटर की तरफ लैंग्वेज पैनल
पहचान नंबर-14 भारतीय ध्वज के साथ लाल किले की तस्वीर
पहचान नंबर-15 देवनागरी में 500 लिखा है।
दृष्टिहीनों के लिए
महात्मा गांधी की तस्वीर, अशोक स्तम्भ के प्रतीक, ब्लीड लाइन और पहचान चिन्ह खुरदरे से हैं।

जाली नोट के तस्करों की धरपकड़ के लिए एसटीएफ की कई टीमें काम कर रही हैं। जाली करेंसी के तस्करों पर मुखबिर, सर्विलांस के जरिए काम भी चल रहा है। पूर्व में ऐसे गिरोह को पकड़ा भी गया था। इस पर लगातार काम चल रहा है। इलेक्शन को लेकर खासतौर पर निगरानी रखी जा रही हैै।
-हेमराज मीणा, एसएसपी एसटीएफ