700 से अधिक डग्गामार बसों का हो रहा संचालन
12 से अधिक जगहों से किया जा रहा है संचालन
- कम किराया और समय लगने की बात कह कर लोगों को बसों में बैठाया जाता है
- खड़े होकर भी लोग करते हैं यात्रा, सबके लिए किराया भी एक नहीं
LUCKNOW: डग्गामार अवैध बसों पर लगाम लगाने के आदेश तो दिए जा चुके हैं लेकिन इनके संचालन को रोकने के लिए कोई कदम उठाया नहीं गया है। राजधानी संग पूरे प्रदेश में पहले की तरह ही डग्गामार बसों का संचालन जारी है। राजधानी में डग्गामार बसों का संचालन कहां-कहां से हो रहा है जानते हैं इस रियॉलिटी चेक में
जगह- पॉलीटेक्निक चौराहा
समय- दोपहर 12.30 बजे
अकेले हो तो छूट भी देंगे
यहां अयोध्या, बाराबंकी, फैजाबाद, गोंडा, बस्ती, गोरखपुर, अंबेदकर नगर, वाराणसी के लिए डग्गामार एसी और नॉन एसी बसें खड़ी मिलीं। जैसे ही रिपोर्टर यहां पहुंचा, दलालों ने उसे घेर लिया और पूछना शुरू किया कि कहां जाना है, कितने लोग हैं। उन्होंने बताया कि अगर आपके पास सामान है और साथ में महिलाएं-बच्चे हैं तो किराए में छूट नहीं मिलेगी। यहां गोरखपुर का किराया बसों के हिसाब से अलग-अलग बताया गया। किसी एसी बस का किराया 400 रुपए तो किसी का 450 रुपए बताया गया। वहीं रोडवेज की एसी जनरथ बस का किराया 515 रुपए है।
जगह- चिनहट
समय- दोपहर 1.30 बजे
रोडवेज से जल्द पहुंचा देंगे
जैसे ही रिपोर्टर यहां पहुंचा उसे बस के कंडक्टर्स ने घेर लिया और पूछा, आपको कहां जाना है। अयोध्या जाएंगे या गोरखपुर। जैसे ही रिपोर्टर ने गोरखपुर जाने की बात कही तो वहां गोरखपुर जाने वाली बस का ही कंडक्टर रुका और बाकी सब दूसरी सवारी की तलाश में चले गए। यहां किराया पूछा तो उसने कहा कि पीछे की सीट है। रोडवेज से कम किराया लगेगा और उससे जल्दी आपको मंजिल तक पहुंचा दिया जाएगा।
जगह- कमता चौराहा
समय- दोपहर 2.10 बजे
रोडवेज से जल्द पहुंचा देंगे
बस फुल लेकिन बताया सीट खाली
रिपोर्टर ने यहां अंबेदकर नगर जा रही बस को हाथ दिया तो बस के रुकते ही एक युवक नीचे उतरा। रिपोर्टर ने उससे पूछा कि सीट खाली है तो उसने कहा, सीट खाली है लेकिन जब रिपोर्टर बस के अंदर गया तो देखा बस में एक भी सीट खाली नहीं थी। कुछ लोग खड़े हुए भी यात्रा कर रहे थे। रिपोर्टर जब बस से उतर गया तो युवक ने कहा, बीस-तीस रुपए कम दे देना।
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यहां से चलती हैं डग्गामार बसें
- बेगम हजरत महल पार्क
- होटल क्लार्क के पीछे से
- चारबाग
- आलमबाग से आगे हाईवे से
- ट्रांसपोर्ट नगर
- अवध अस्पताल चौराहा
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रास्ते में बढ़ जाता है दाम
राजधानी से चलने वाली डग्गामार बसों में अगर आप बीच रास्ते से बैठते हैं तो उसमें आपको टिकट के लिए ज्यादा दाम देना होगा। इन बसों का किराया रोडवेज बसों की तुलना में 10 से 15 प्रतिशत तक कम होता है लेकिन इसमें सुरक्षित सफर की गारंटी नहीं होती।
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कई बार हो चुके हैं हादसे
-28 जुलाई 2021 बाराबंकी में वाल्वो में हुआ हादसा, 18 की मौत
-8 जून 2021 कानपुर में स्लीपर बस भिड़ी, 18 की मौत
- 8 जून 2021 को आगरा एक्सप्रेस वे पर हुआ हादसा, 1 की मौत
- मार्च 2021 स्लीपर बस गुरुग्राम जाते पेड़ से टकराई, 18 घायल
- जनवरी 2020 में कन्नौज में बस में लगी आग, 20 की मौत
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क्या है नियम
- बार-बार चालान कटने पर परमिट रद
- ब्रीथ एनालाइजर से ड्राइवरों की चेकिंग
- नशे में ड्राइवर मिले तो डीएल रद
- नियम के अनुसार हो वाहनों की फिटनेस और बॉडी
- ओवरलोड वाहनों का चालान
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किसकी जिम्मेदारी
डग्गामार बसों का संचालन रोकने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग के अधिकारियों की है। वहीं नगर निगम इन बसों के अवैध स्टैंडों पर एक्शन लेता है। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस भी इन बसों का कार्रवाई करती है। हालांकि ऐसा होता बहुत कम है। इसका कारण यह बताया जाता है कि इन बसों के संचालक ऊंची पहुंच वाले हैं और उनकी हर डिपार्टमेंट में सेटिंग रहती है।
कोट
डग्गामार बसों की धरपकड़ के लिए टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों में रोडवेज के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है।
निर्मल कुमार, उप परिवहन आयुक्त, लखनऊ जोन
डग्गामार बसों पर रोक के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। ऐसी बसें जिनके चालान एक बार से अधिक कट रहे हैं, उनका परमिट रद किया जाएगा।
धीरज साहू, परिवहन आयुक्त