पेपरलेस बजट में किसान, मजदूर, युवा नारी व कारोबारी, किसी के भी हाथ कुछ न आया, रह गए सबके हाथ खाली। भाजपा का ये विदाई बजट सबको रुला गया है। जब जवान भी खिलाफ, किसान भी खिलाफ तब समझो दंभी सत्ता के दिन अब बचे हैं चार।

- अखिलेश यादव, सपा अध्यक्ष

यूपी विधानसभा में आज पेश बीजेपी सरकार का बजट केंद्र सरकार के बजट की तरह रोजगार आदि के मामले में अति-निराश करने वाला है। केंद्र की तरह यूपी के बजट में भी वादे हैं और जनता को हसीन सपने दिखाने का प्रयास किया गया है। यूपी सरकार का रिकार्ड केंद्र व यूपी में एक ही पार्टी की सरकार होने के बावजूद भी वादे के अनुसार संतोषजनक नहीं रहा। खासकर गरीबों, कमजोर वर्गो व किसानों की समस्याओं के मामले में भी यूपी का बजट अति-निराशाजनक है।

मायावती, बसपा अध्यक्ष

योगी सरकार के बजट से जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। पूरी तरह निराश करने वाला बजट भाजपा का नया जुमला है। किसानों को बिजली दरों में कमी होने की उम्मीद थी और बकाया गन्ना मूल्य भुगतान का ठोस समाधान मिलने की आस थी, लेकिन सब धोखे में रहे। सरकार ब्रां¨डग कंपनी द्वारा प्रायोजित डाटा जनता के सामने रखकर केवल आंकड़ों की बाजीगिरी कर रही है।

अजय कुमार लल्लू, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

योगी सरकार का अंतिम बजट भी छलावा सिद्ध हुआ। भाजपा अपने चुनावी वादे भी पूरे नहीं कर सकी है। ऐसे में आगामी चुनाव में सत्ता में वापसी का सपना देख रही भाजपा को जनता उचित समय पर समय सिखाएगी।

शिवपाल यादव, अध्यक्ष, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया

यह लफ्फाजी का बजट है। किसानों, नौजवानों, बच्चों और महिलाओं, किसी के लिए योजना नहीं। किसान को धान, गेहूं गन्ने का दाम नहीं। गन्ने का दस हजार करोड़ रुपये बकाया भुगतान नहीं, तो आखिर किसान की आय दोगुना कैसे होगी, नया उद्योग नहीं तो नौजवानों को रोजगार कैसे मिलेगा।

संजय सिंह, राज्यसभा सदस्य व आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी

प्रदेश का आम बजट गरीबों, पिछड़ों व किसानों के साथ धोखा है। योगी सरकार के अंतिम बजट से जनता को उम्मीद थी कि भाजपा विदाई की बेला में अपने वादों को पूरा करने की कोशिश करेगी, लेकिन प्रदेश की जनता को घोर निराशा व हताशा हाथ लगी है।

डॉ.मसूद अहमद, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय लोकदल