लखनऊ (ब्यूरो)। चार दिवसीय महापर्व छठ का समापन सोमवार को उगते सूर्य को अघ्र्य देकर हुआ। व्रती महिलाओं द्वारा जल चढ़ाने के बाद व्रती प्रसाद खाकर पारण किया गया। साथ ही प्रसाद को परिवार के अन्य सदस्यों में वितरित किया गया और छठी माई से परिवार की सुख-समृद्धि और मंगल की कामना की गई।

भावुक और खुश दिखीं महिलाएं

राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान, झूलेलाल वाटिका, पक्का पुल समेत अन्य जगहों पर बने छठ घाटों पर सुबह व्रती लोगों की रौनक देखते ही बन रही थी। सूरज उगने से पूर्व ही पूरा परिवार पूजन के लिए घाटों पर उमड़ पड़ा। लोग सिर पर पूजा का सामान उठाये चले जा रहे थे। वहीं, एक ओर छठी मईया के गूंजते भजन, भक्तों को भक्ति की रसधारा से सराबोर कर रहे थे। दूसरी ओर, जैसे ही तट पर सूर्य की किरणें पड़ीं वैसे ही व्रती महिलाओं द्वारा कमर तक पानी में खड़े होकर उगते हुए सूर्य को अघ्र्य दिया गया। इसके साथ ही 36 घंटों का कठिन निर्जला व्रत का पारण हुआ। व्रती महिलाएं भी छठ व्रत के पूर्ण होने पर बेहद भावुक और खुश नजर आई।

घाटों की हुई साफ-सफाई

अखिल भारतीय भोजपुरी समाज द्वारा 39वें छठ महापर्व का आयोजन 30 एवं 31 अक्टूबर को छठ घाट लक्ष्मण मेला मैदान गोमतीतट लखनऊ में हुआ। जहां सोमवार को कार्यक्रम का समापन अरविंद कुमार शर्मा, मंत्री नगर विकास द्वारा किया गया। अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने छठ महापर्व को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में सहयोग के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम एवं जिला प्रशासन को भी धन्यवाद दिया। वहीं, कार्यक्रम समापन के बाद सीएम के निर्देशानुसार छठ घाटों की सफाई का अभियान चलाकर गोमती नदी एवं अन्य छठ घाटों को भी स्वच्छ बनाया गया।