लखनऊ (ब्यूरो)। अलाया अपार्टमेंट हादसे को तीन हफ्ते से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, लेकिन अभी तक एलडीए इस अपार्टमेंट से जुड़ी तीन प्रमुख फाइलों को खोजने में सफल नहीं हो सका है। अगर ये फाइलें मिल जाएं तो साफ है कि यह पता चल जाएगा कि नक्शे या नक्शे के विपरीत निर्माण की हकीकत क्या है। फाइलों के न मिलने से यह साफ नहीं हो पा रहा है कि अपार्टमेंट निर्माणकर्ता की ओर से किस तारीख को नक्शा स्वीकृति के लिए एलडीए में आवेदन किया गया था और किस तारीख को एलडीए की ओर से उक्त नक्शे को रिजेक्ट किया गया था। इतना ही नहीं, एक फाइल कंपाउंडिंग से भी जुड़ी है। इस फाइल के न मिलने से यह पता नहीं चल पा रहा है कि कंपाउंडिंग के लिए आवेदन कब किया गया और एलडीए ने किस तारीख को कंपाउंडिंग संबंधी आवेदन निरस्त किया।

कोई फायदा नहीं हुआ

हादसे के बाद से ही एलडीए की ओर से अलाया अपार्टमेंट से जुड़ी फाइलों को खंगालने का काम शुरू कर दिया गया था। अभी तक दो फाइलें ही सामने आ पाई हैैं, जबकि तीन फाइलों का सामने आना बाकी है। इन फाइलों के सामने आने के बाद अपार्टमेंट से जुड़े कई गोपनीय तथ्य सामने आ सकते हैैं। हैरानी की बात तो यह है कि फाइलों की तलाश में अतिरिक्त कर्मचारी भी लगाए गए हैैं, लेकिन अभी तक तीन फाइलें सामने नहीं आ सकी हैैं।

शासन को भेजी गई रिपोर्ट

जांच समिति की ओर से शासन को अपार्टमेंट संबंधी रिपोर्ट भेज दी गई है। इसमें उन लोगों के नाम शामिल किए गए हैैं, जो हादसे के लिए मुख्य तौर पर जिम्मेदार हैैं। शासन की ओर से अब रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। इससे पहले लेवाना होटल में लगी आग मामले में भी शासन की ओर से दोषियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया था।