-तालकटोरा के राजाजीपुरम की घटना, शॉर्ट सर्किट से बिजली के तारों में धधकी आग

-घटना के वक्त चल रहा था यूपीपीसीएल टेक्निकल ग्रेड-2 का एग्जाम

- बिना सेफ्टी इक्विपमेंट कंप्यूटर सेंटर में करा रहे थे एग्जाम

LUCKNOW: शनिवार सुबह के क्0 बज रहे थेराजाजीपुरम स्थित एसएस कंप्यूटर सेंटर में यूपीपीसीएल की टेक्निकल ग्रेड-ख् पोस्ट का एग्जाम चल रहा थाइसी दौरान अचानक सेंटर के बिजली मीटर में आग लग गईदेखते ही देखते सेंटर में धुआं भर गया और वहां मौजूद लोगों का दम घुटने लगादहशत और शोरशराबे के बीच सेंटर कर्मियों ने बदनामी से बचने के लिये बाहर निकलने का रास्ता बंद कर दियायह देख अभ्यर्थी भड़क उठे और जान बचाने के लिये वहां लगे शीशे के दरवाजे को तोड़ दियाअभ्यर्थियों का यह रूप को देख आखिरकार एंट्रेंस शटर को खोला गया, जिसके बाद अभ्यर्थियों ने धुएं से भरे हॉल से भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई। हैरानी की बात यह है कि इस सेंटर में न तो आग से निपटने फायर सेफ्टी एक्विपमेंट का इंतजाम था और न ही कोई सेफ एग्जिट डोर। यूपी पावर कॉरपारेशन की इस लापरवाही ने शनिवार को 80 अभ्यर्थियों की जान को दांव पर लगा दिया। हालांकि, वे सौभाग्यशाली निकले और एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। पर, सवाल जरूर खड़ा हो गया है कि आखिर जिस डिपार्टमेंट का मुखिया सीएम हो, उसमें भर्ती के लिये आयोजित एग्जाम को लेकर इस तरह की जानलेवा लापरवाही आखिर कैसे बरती जा सकती है, साथ ही ऐसे सेंटर बनाने वाले लापरवाह अफसरों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी?

अचानक धधक उठी केबल

राजाजीपुरम के ई-ब्लॉक स्थित न्यू टेम्पो स्टैंड के करीब एक कॉम्पलेक्स के फ‌र्स्ट फ्लोर पर एसएस कंप्यूटर सेंटर है। यह सेंटर राजाजीपुरम निवासी मो। इमरान का बताया जाता है। इस सेंटर में शनिवार सुबह नौ बजे से यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) की टेक्निकल ग्रेड-ख् (टीजीटू) पोस्ट का ऑनलाइन एग्जाम चल रहा था। अभी एग्जाम शुरू हुए एक घंटा ही बीता था कि अचानक सेंटर के ग्राउंड फ्लोर स्थित एंट्रेंस के ऊपर लगे मीटर में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने थ्री फेस केबल को अपनी चपेट में ले लिया और केबल धू-धू कर जलने लगा। आग लगने से बेखबर एग्जाम दे रहे 80 कैंडीडेट्स अनजाने में ही सही आग से घिर गए।

धुंआ फैलने से दहशत

केबल से टपकती गरम रबर नीचे रखे सीटकवर शॉप के सामान पर पड़ी और उसमें भी आग लग गई। कुछ ही देर में पूरे सेंटर हॉल में धुआं भर गया। हॉल एसी होने की वजह से सारी खिड़कियां सील थीं। जिस वजह से वहां मौजूद अभ्यर्थियों का दम घुटने लगा। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सेंटर कोआर्डिनेटर ने उन्हें बाहर निकालने की बजाय समझा-बुझाकर बैठा दिया और बात बाहर न पहुंचे इसके लिये गेट पर लगे शटर और शीशे के दरवाजे को बंद कर दिया गया। शटर और दरवाजा बंद होने से कुछ ही देर में वहां मौजूद अभ्यर्थियों की हालत बिगड़ने लगी। आखिरकार अभ्यर्थियों ने बाहर निकलने के लिये सेंटर में लगा शीशे का दरवाजा तोड़ दिया। अभ्यर्थियों का यह रूप देख आखिरकार सेंटर कर्मियों ने शटर खोल दिया और अभ्यर्थियों ने किसी तरह वहां से भागकर अपनी जान बचाई। इस आपाधापी में एक अभ्यर्थी केबल से टपक रही गरम रबर की चपेट में आने से मामूली रूप से झुलस भी गया।

सेंटर को नहीं हुआ कोई नुकसान

कॉम्पलेक्स के दूसरे दुकानदारों ने आग की इंफॉर्मेशन फायर कंट्रोल रूम को दी। जानकारी मिलने पर पहुंची एक फायर टेंडर ने केबल में लगी आग पर काबू पाया। सेंटर के आईटी मैनेजर अदनान ने बताया कि सेंटर की बिजली कटने से वहां आयोजित एग्जाम कैंसिल कर दिया गया है। एसओ तालकटोरा ने बताया कि सेंटर में आग पहुंचने से पहले ही फायर कर्मियों ने आग को बुझा दिया। जिससे वहां कोई नुकसान नहीं हो पाया।

ख्क् सेंटर्स पर था एग्जाम

लेसा के चीफ इंजीनियर एसके वर्मा के मुताबिक शहर में फ‌र्स्ट शिफ्ट में ख्क् सेंटर थे और सेकेंड शिफ्ट में क्8 सेंटर्स पर एग्जाम कराया गया था। उन्होंने बताया कि उत्पादन निगम में भर्तियों के लिए यूपीपीसीएल की ओर से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को एग्जाम की जिम्मेदारी दी गई थी। एग्जाम कंडक्ट कराने के लिये टाटा कंसल्टेंसी को ही सेंटर्स तय करने थे।

आग से निपटने के नहीं थे इंतजाम

एसएस सेंटर राजाजीपुरम ई ब्लाक के न्यू टेम्पो स्टैंड के पास चल रहा था। यहां पर यूपीपीसीएल का एग्जाम होना था। यह विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के पास है। लेकिन विभाग में भर्तियों के लिए ऐसे इंस्टीट्यूट को सेंटर बना दिया गया जहां पर आग से निपटने के लिये फायर सेफ्टी इक्विपमेंट तक नहीं थे.एसओ तालकटोरा ने बताया कि सेंटर में आग से निपटने के कोई इंतजाम नहीं थे। फिलहाल जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर सेंटर संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि, यूपीपीसीएल ने एग्जाम के लिए टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज को हायर किया था। लेकिन, टाटा कंसल्टेंसी ने सेंटर बनाने से पहले इंस्टीट्यूट्स में सेफ्टी से रिलेटेड मानकों की पड़ताल नहीं की और अभ्यर्थियों को एग्जाम में शामिल होने का एडमिट कार्ड थमा दिया गया।

क्8 हजार थे कैंडीडेट

उत्पादन निगम के टीजीटू एग्जाम के लिए प्रदेश भर में क्0 जिलों 70 सेंटर बनाए गए थे। इसमें से ख्ख् लखनऊ में थे। लखनऊ के अलावा वाराणसी, कानपुर, इलाहाबाद, गाजियाबाद, नोयडा, आगरा, मेरठ, गोरखपुर, बरेली में भी एग्जाम कंडक्ट कराया गया। विद्युत सेवा आयोग के अधिकारियों के अनुसार लखनऊ के जिस सेंटर पर एग्जाम कैंसिल हुआ है। जल्द ही उनका दोबारा एग्जाम कराया जाएगा। इसके लिए उन्हें पूर्व की भांति जानकारी दी जाएगी।

पकड़ा गया मुन्नाभाई

आईआईएम रोड पर सुभाष चन्द्र बोस सेंटर आफ हायर एजूकेशन में एग्जाम के दौरान लेसा के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरएस यादव एक मुन्ना भाई को पकड़ लिया। आईआईटी बीएचयू में सिविल के सेंकेंड इयर के छात्र तरुण गर्ग को आई कार्ड की चेकिंग के दौरान पकड़ लिया गया। उसका आई कार्ड और फोटो मैच नहीं हो रही थी। वह बनारस के सुशील पासवान की जगह पेपर दे रहा था। एग्जामिनेशन कंडक्टिंग एजेंसी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने मडि़यावं थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

एग्जाम टीसीएस करा रही थी उन्होंने ही सेंटर सेलेक्शन किया था। एसएस कंप्यूटर सेंटर में आग लगने की वजह से पहली शिफ्ट वाले अभ्यर्थियों का एग्जाम कैंसिल कर दिया गया। जबकि दूसरी शिफ्ट वाले अभ्यर्थियों को एग्जाम दिलाने के लिये गाडि़यों से दूसरे सेंटर पहुंचाया गया। कैंसिल एग्जाम को दोबारा आयोजित किया जाएगा।

- आलोक कुमार

अध्यक्ष, विद्युत सेवा आयोग

एक मुन्नाभाई पकड़ा गया है उसके खिलाफ एफआईआर करा दी गई है और उसे पुलिस को सौंप दिया गया है। प्रदेश में 70 सेंटर थे जिनमें क्0 से क्ख् परसेंट अभ्यर्थियों ने एग्जाम छोड़ा है।

- एके पुरवार, सेक्रेटरी, विद्युत सेवा आयोग