-दिल्ली के डाक्टर अभिषेक ने बनाई थी योजना

-डा। प्रीति मेहरा ने गौरव को प्रेम जाल में फंसा कराया था अपहरण

द्दक्त्रश्वन्ञ्जश्वक्त्र हृह्रढ्ढष्ठन्: गोंडा से मेडिकल छात्र गौरव हलदार का अपहरण कर 80 लाख रुपये की फिरौती मांगने वाले पांच बदमाशों को उत्तर प्रदेश एसटीएफ व गोंडा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में मुठभेड़ के बाद यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट से गिरफ्तार किया। बदमाशों के कब्जे से अपहृत छात्र गौरव को सकुशल बरामद कर लिया। अपहरण की साजिश दिल्ली के डाक्टर अभिषेक सिंह ने रची थी। एसटीएफ ने बदमाशों के पास से पिस्टल, कार, नशे का इंजेक्शन सहित अन्य चीजें बरामद की हैं। एसटीएफ व गोंडा पुलिस को दो लाख रुपये पुरस्कार की घोषणा की गई है। एसपी गोंडा शैलेश कुमार पांडे ने प्रेसवार्ता कर घटना की जानकारी दी।

प्रेमजाल में फंसा बनाई किडनैपिंग की योजना

शैलेश पांडे ने बताया कि गौरव मूलरूप से बहराइच की सतसंग नगर कालोनी काशीजोत थाना प्रयागपुर के रहने वाले हैं। वह गोंडा में एसपीपीएम कालेज से बीएएमएस की पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पिता निखिल अपने गांव में ही चिकित्सक हैं। मुख्य साजिशकर्ता अभिषेक सिंह दिल्ली के नजफगढ़ नांगलोई में स्थित राठी अस्पताल में डाक्टर है। वहीं पर प्रीति मेहरा भी डाक्टर है। एसएसपी एसटीएफ पश्चिमी उत्तर प्रदेश कुलदीप यादव ने बताया कि अभिषेक के बुआ की शादी सतसंग नगर कालोनी बहराइच में हुई है। बुआ के लड़के रोहित के साथ मिलकर अपहरण कर पैसे कमाने की योजना बनाई गई। रोहित ने बताया था कि गौरव के पिता पैसे वाले हैं। गौरव को लड़की के प्रेमजाल में फंसाकर अपहरण की योजना बनाई गई। अभिषेक ने प्रीति मेहरा से गौरव को फोन कराया। तीन-चार दिनों के दौरान ही गौरव उसके प्यार में फंस गया। प्रीति ने गौरव से मिलने के लिए कहा। गौरव ने अपने कालेज के बाहर ही लड़की को मुलाकात के लिए बुलाया। अभिषेक ने योजना में अपने दो अन्य साथियों नीतेश व मोहित को भी शामिल कर लिया। अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ राजकुमार मिश्रा ने बताया कि 18 जनवरी को अभिषेक की स्विफ्ट कार से रोहित, मोहित, नीतेश व प्रीति लखनऊ पहुंचे। यहां कार से उतरकर रोहित बस से गोरखपुर चला गया। चारों लोग गौरव के कालेज के बाहर पहुंचे। प्रीति ने एक राहगीर के मोबाइल नंबर से गौरव को फोन कर बताया कि वह कालेज के बाहर गाड़ी में उसका इंतजार कर रही है। जैसे ही गौरव आया चारों ने उसे कार में बंधक बना लिया। अभिषेक ने उसे नशे का इंजेक्शन लगा दिया। चारों उसे लेकर दिल्ली में अभिषेक के फ्लैट बक्करवाला डीडीए पहुंचे और बंधक बनाकर रखा। आरोपित फिरौती की रकम लेने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे के रास्ते लखनऊ जा रहे थे। तभी उन्हें दबोच लिया गया। घटना के पर्दाफाश में एसटीएफ के इंस्पेक्टर राकेश सिंह ने अहम भूमिका निभाई।

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दस लाख बढ़ा दी फिरौती की रकम

गौरव का अपहरण करने के अगले दिन रोहित ने फिरौती के लिए गौरव के पिता निखिल को फोन किया। फोन करने के बाद सिम तोड़कर फेंक दिया। धमकी दी थी यदि दो दिन में पैसा नहीं मिला तो लड़के की हत्या कर देंगे। इससे परिवार के लोग सहम गए। एक दिन बाद नए नंबर से फोन कर पैसों के बारे में परिवार के लोगों से पूछा। परिवार के लोगों ने मिन्नत करते हुए कहा कि बेटे के साथ कुछ न करें और इतने पैसे उनके पास नहीं है। बदमाशों ने रकम बढ़ा कर 80 लाख रुपये कर दी थी। बदमाश बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे थे। फिरौती की रकम लेने के लिए छात्र को कार से लेकर लखनऊ जाते समय एसटीएफ के हत्थे चढ़ गए।

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होश आते ही लगा देते थे इंजेक्शन

बंधक बनाकर रखने के दौरान जैसे ही गौरव को होश आता था। अभिषेक उसे नशे का इंजेक्शन दे देता था। एसटीएफ ने अभिषेक, नीतेश व मोहित को गिरफ्तार किया जबकि गोंडा पुलिस ने रोहित व सतीश को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला है कि नीतेश पूर्व में फर्जी काल सेंटर चला कर फर्जीवाड़ा करने के मामले में जेल जा चुका है। उसी ने अपहरण के लिए फेक आइडी पर सिम उपलब्ध कराया था।

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