लखनऊ (ब्यूरो)। अलाया अपार्टमेंट हादसे के बाद एलडीए की ओर से अवैध निर्माणों को चिन्हित करने का काम तेज कर दिया गया है। अभी जो रिपोर्ट सामने आई है, उससे साफ है कि करीब 15 परसेंट कमर्शियल बिल्डिंग्स में या तो नक्शे के अनुरूप निर्माण नहीं हो रहा है या लैैंड यूज में खेल किया गया है। जिसके बाद अब एलडीए की ओर से करीब 100 से अधिक निर्माण साइट्स को नोटिस जारी करने की तैयारी हो रही है। अगर निर्माणकर्ताओं की ओर से कोई ठोस साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया जाता है, तो सीलिंग या ध्वस्तीकरण की भी कार्रवाई की जा सकती है।

पूरे शहर में चल रहा अभियान

एलडीए वीसी के निर्देश पर पूरे शहर में अवैध निर्माणों को चिन्हित किए जाने का अभियान चल रहा है। अभियान के दौरान मुख्य रूप से उन बिल्डिंग्स पर फोकस किया जा रहा है, जो कॉमर्शियल हैैं और निर्माणाधीन हैैं। दरअसल, कॉमर्शियल बिल्डिंग्स में ही निर्माण के दौरान नक्शे और मानकों में खेल किया जाता है। इसके साथ ही एलडीए की ओर से आवासीय बिल्डिंग्स के भी नक्शे खंगालने का काम शुरू कर दिया गया है। पहले चरण में ऐसी बिल्डिंग्स के नक्शे खंगाले जा रहे हैैं, जो 10 साल या उससे अधिक पुरानी हैैं। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से सभी बिल्डिंग्स के नक्शे की जांच की जाएगी।

यहां मामले आए सामने

एलडीए की ओर से कॉमर्शियल बिल्डिंग्स की जो रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है, उसमें गोमतीनगर, गोमतीनगर विस्तार, अलीगंज, महानगर, हजरतगंज एरिया शामिल किए गए हैैं। ये सभी एरिया पॉश माने जाते हैैं और इन्हीं इलाकों में कॉमर्शियल निर्माण अधिक होते हैैं। जो रिपोर्ट आई है, उससे साफ है कि इन्हीं इलाकों में ज्यादातर निर्माणाधीन बिल्डिंग्स में निर्माण मानकों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

ये तथ्य आए सामने

1-नक्शे के विपरीत निर्माण

2-लैैंड यूज परिवर्तन

3-कंपाउंडिंग आवेदन नहीं

4-विभागों की एनओसी नहीं

5-बेसमेंट का इश्यू

पहले नोटिस फिर एक्शन

जिन निर्माणों में मानकों को नजरअंदाज किया जाना मिला है, एलडीए की ओर से पहले उन्हें नोटिस जारी की जाएगी। इसके बाद विहित प्राधिकारी कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। अगर निर्माणकर्ताओं की ओर से कोई साक्ष्य इत्यादि पेश नहीं किए जाते हैैं तो प्राधिकरण की ओर से ध्वस्तीकरण संबंधी कदम उठाया जाएगा।

दो से तीन फ्लोर एक्स्ट्रा बनवा रहे

विभूति खंड और अलीगंज में ऐसे मामले सामने आए हैैं, जहां नक्शा तो दो से तीन मंजिल इमारत का पास कराया गया था, लेकिन जब एलडीए की टीम जांच करने पहुंची तो पता चला कि नक्शे के विपरीत तीन अतिरिक्त फ्लोर बनवा लिए गए हैैं। इतना ही नहीं, किसी भी संबंधित विभाग से एनओसी तक नहीं ली गई है। इसी कड़ी में गुरुवार को एलडीए ने भव्या टॉवर सील कर दिया था। यहां भी मानकों में जमकर खामियां मिली थीं।

रो-हाउसेस पर भी शिकंजा

एलडीए की ओर से कॉमर्शियल बिल्डिंग्स पर तो शिकंजा कसा ही गया है साथ ही रो-हाउसेस के खिलाफ भी एक्शन लेना शुरू कर दिया गया है। अभी तक एलडीए की ओर से 70 से अधिक रो-हाउस सील किए जा चुके हैैं। हैरानी की बात यह सामने आई है कि ज्यादातर रो-हाउसेस बिना मानचित्र के ही बनवाए जा रहे हैैं। जिससे साफ है कि इनके निर्माण में जमकर खेल किया जा रहा है। ज्यादातर रो-हाउसेस का निर्माण आउटर एरिया में कराया जा रहा है।

अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। जो भी अवैध निर्माण सामने आ रहे हैैं, उनके खिलाफ सीलिंग संबंधी कार्रवाई की जा रही है।

-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए