- घनी आबादी वाली विष्णु लोक कॉलोनी में रहने वाले लोग परेशान

- जलनिकासी की व्यवस्था न होने से बारिश में टापू बन जाती है कॉलोनी

LUCKNOW कानपुर रोड स्थित घनी आबादी वाली विष्णु लोक कॉलोनी सालों पुरानी है, इसके बाद भी यहां अभी तक प्रॉपर सीवेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं हो सकी है। जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों की ओर से कई बार नगर निगम में इसे लेकर मांग भी की गई लेकिन अभी तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिम्मेदारों को तत्काल इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है।

सीवेज सिस्टम पुराना

स्थानीय लोगों की माने तो यह कॉलोनी 40 साल से भी अधिक पुरानी है। जब ये कॉलोनी बसी थी, उस दौरान सोसाइटी की ओर से सीवेज लाइन डलवाई गई थी। गुजरते वक्त के साथ नई सीवेज लाइन की जरूरत महसूस होने लगी, साथ ही नालियों के निर्माण की भी। इसके बावजूद अभी तक इस दिशा में कोई प्रयास होता नजर नहीं आ रहा है।

भर जाता है पानी

लोगों का कहना है कि प्रॉपर सीवेज सिस्टम न होने से उन्हें जलभराव का सामना करना पड़ता है। बारिश होते ही सभी लोग टेंशन में आ जाते हैं। अगर सीवेज सिस्टम बेहतर हो तो जलभराव की समस्या से छुटकारा मिल जाए।

नंबर गेम

400 मकान हैं कॉलोनी में

5 हजार करीब आबादी

40 साल से अधिक पुरानी कॉलोनी

अमृत से उम्मीद

लोगों का कहना है कि अमृत योजना के तहत नई सीवेज लाइन डाली जा रही है। निगम की ओर से इस प्रोजेक्ट के तहत उनकी कॉलोनी में भी नई सीवेज लाइन डाली जा सकती है। जिससे उन्हें राहत मिल सकती है।

बोले लोग

सीवेज सिस्टम बेहतर न होने से जलभराव का सामना करना पड़ता है। इस समस्या की तरफ तुरंत ध्यान दिया जाए। जिससे कॉलोनी के लोगों को राहत मिल सके।

श्वेता सहाय

सीवेज सिस्टम के साथ नालियों का भी निर्माण कराया जाना चाहिए। अगर ये दोनों कदम उठा लिए जाएं तो निश्चित रूप से भवन स्वामियों को बड़ी राहत मिलेगी।

प्रीतम सिंह

इंतजार में कई साल गुजर गए हैं लेकिन अभी तक सीवेज सिस्टम की दिशा में कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया गया है। इस तरफ तुरंत ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

एसके शुक्ला

सीवेज सिस्टम बेहतर न होने के कारण बारिश में भारी जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को तत्काल दूर किया जाना चाहिए।

अर्चना शुक्ला

अमृत योजना के अंतर्गत नए सीवेज सिस्टम की दिशा में कदम आगे बढ़ाए जा सकते हैं। जिम्मेदारों को जल्द इस तरफ ध्यान देना होगा, जिससे हमें राहत मिल सके।

अनुराग सहाय