- तीन तलाक कानून बनने के बाद भी प्रदेश में नहीं रुक रहे मामले

- मेरठ जोन में सबसे ज्यादा ट्रिपल तलाक के मामले, आगरा दूसरे व कानपुर तीसरे नंबर पर

- बीते एक साल में 265 आरोपी अरेस्ट, प्रदेश में कार्रवाई का ग्राफ सबसे ऊपर

LUCKNOW : ट्रिपल तलाक कानून बनने के बाद भी मुस्लिम महिलाओं की जीवन मे कोई खास अंतर सामने नहीं आ रहा है। यूपी पुलिस के आंकड़ो पर गौर करें तो पता चलता है कि प्रदेश में अब भी हर रोज ट्रिपल तलाक के चार मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, यूपी पुलिस इन सभी मामलों में बेहद तेजी से कार्रवाई कर रही है। बीते एक साल में 265 आरोपियों को चार्जशीट लगाते हुए अरेस्ट कर जेल भेजा जा चुका है जबकि, बाकी मामलों में जांच जारी है। इतना ही नहीं, 50 शिकायतों की पुष्टि न होने की वजह से इनमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी गयी।

एक साल में 1454 एफआईआर

केंद्र सरकार ने लंबी जद्दोजहद और बहस के बाद पिछले साल अगस्त में ट्रिपल तलाक को लेकर मुस्लिम महिला विवाह सुरक्षा विधेयक को संसद से पास करवाकर कानून बनाया था। इसके तहत कोई भी मुस्लिम पुरुष एक साथ तीन तलाक बोलकर पत्ी को घर से नहीं निकाल सकता था। यह कानून पास होने पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने इसका जमकर विरोध किया था लेकिन, राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद इसे पूरे देश पर लागू कर दिया गया था। इस कानून के तहत मथुरा में पहली एफआईआर दो अगस्त को दर्ज की गयी थी। वहीं, अगर पूरे साल की बात करें तो पता चलता है कि पूरे प्रदेश में ट्रिपल तलाक के 1434 मुकदमे दर्ज किये गए। इनमें से 265 मामलों में पुलिस ने चार्जशीट दायर करते हुए आरोपी को अरेस्ट किया। जबकि, 50 मुकदमों में आरोप की पुष्टि न हो पाने की वजह से पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी।

मेरठ टॉप पर, आगरा दूसरे नंबर पर

यूपी पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि सबसे ज्यादा एफआईआर मेरठ जोन में दर्ज की गयीं। यहां यह संख्या 376 है। जबकि, दूसरे नंबर पर आगरा जोन है, जहां 310 एफआईआर दर्ज की गयीं। तीसरे नंबर पर बरेली जोन है जहां बीते एक साल में 268 एफआईआर दर्ज की गयीं। वहीं, अगर पुलिस कार्यवाही की बात करें तो आगरा जोन में पुलिस ने ट्रिपल तलाक के मामलों में सबसे तेज कार्यवाही की। 310 एफआईआर के मामलों पर कार्यवाही करते हुए पुलिस अब तक 132 मुकदमों में कोर्ट में चार्जशीट दायर कर चुकी है। वहीं, मेरठ जोन में अब तक 31 मामलों में ही चार्जशीट लग सकी है। कानपुर जोन में 32 मामलों में चार्जशीट दायर की जा चुकी है। अगर फाइनल रिपोर्ट की बात करें तो सबसे ज्यादा आगरा जोन में 27 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगाई गई है।

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आरोपियों के विदेश में होने की वजह से देरी

पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रदेश भर में जो भी मामले पेंडिंग हैं, उसकी प्रमुख वजह आरोपियों का विदेश में होना है। बताया गया कि उन आरोपियों ने विदेश से ही अपनी पत्‍‌नी को तीन तलाक दे दिया। अब पुलिस उनके वापस लौटने का इंतजार कर रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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टॉप फाइव जोन

जोन एफआईआर चार्जशीट फाइनल रिपोर्ट पेंडिंग

मेरठ 376 31 9 336

आगरा 310 132 27 151

बरेली 268 15 1 262

कानपुर 164 32 8 124

लखनऊ 118 11 0 106

वर्जन।

संविधान और कानून का शासन सर्वोपरि है। ट्रिपल तलाक कानून ने समाज को बड़ी राहत दी है। इसे प्रदेश में सख्ती से लागू किया गया है।

प्रशांत कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर