- सूबे में करीब 44 प्रतिशत सीटों पर महिला प्रधानों ने लहराया परचम

- चार जिलों में पुरुषों से आगे निकलीं महिलाएं, जीती पचास परसेंट से अधिक सीटें

- यूपी के बाद अमेरिका में देखा गया सबसे अधिक ऑनलाइन रिजल्ट

- प्रधानी के लिए चुने गये उम्मीदवारों में पढ़े लिखे उम्मीदवारों की संख्या 91 परसेंट

LUCKNOW: ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्यों का चुनाव संपन्न हो गया। काउंटिंग भी समाप्त हुई। काउंटिंग के बाद प्रदेश भर में कई दिलचस्प आंकड़े सामने आये हैं। प्रदेश में लगभग 44 परसेंट महिलाएं विजयी हुई हैं। साफ है कि प्रदेश में प्रधानी के लिये आधी आबादी को मतदाताओं ने सूबे के सभी आधे गांवों में चुनाव जितवाया है। इसे बड़े बदलाव की ओर देखा जा रहा है। वहीं, विजयी युवा उम्मीदवारों का प्रतिशत 35 रहा है। इसके अलावा पहली बार प्रदेश में प्रधानी के लिए 91 परसेंट से अधिक विनर कैंडीडेट पढ़े-लिखे हैं। इसमें पीएचडी होल्डर की संख्या भी 19 है। इनमें भी 4 महिलाएं शामिल हैं।

महिलाओं की भागीदारी बढ़ी

राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसके अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में बड़ी संख्या में महिलाएं प्रधान पद के लिए चुनी गयीं हैं। 56.14 परसेंट जेंट्स के मुकाबले महिलाओं का प्रतिशत 43.86 रहा। तीन जिले ऐसे रहे जहां पुरुषों से अधिक महिलाओं ने जीत हासिल की। सबसे अधिक महिलाएं संभल में चुनी गयीं। यहां 54.5 प्रतिशत, रामपुर में 54.4 प्रतिशत, मुरादाबाद में 51 प्रतिशत और बदायूं में 50.5 प्रतिशत महिलाएं ग्राम प्रधान बनीं। जबकि सबसे कम वाले जिलों में मथुरा में 36.7 प्रतिशत, आगरा में 37 प्रतिशत और हाथरस में 38 प्रतिशत महिलाएं ग्राम प्रधान के लिए चुनी गयीं हैं। मालूम हो कि महिलाओं के लिए 33 परसेंट सीटें पहले से रिजर्व होती हैं।

पढ़े-लिखों की भी अच्छी संख्या

प्रधान पद के लिए चुने गये उम्मीदवारों में पढ़े लिखे उम्मीदवारों की संख्या 91 परसेंट से अधिक रही। इसमें इंटर पास विनिंग कैंडीडेट 76 परसेंट से अधिक रहे। गांव की सरकार में ग्रेजुएट प्रधानों की संख्या पूरे प्रदेश में छह हजार से अधिक है। पोस्ट ग्रेजुएट ग्राम प्रधानों की संख्या 3.61 परसेंट है। पीएचडी पास ग्राम प्रधानों में 15 पुरुष और 4 महिलाएं हैं।

439 सीटों पर एक वोट से फैसला

प्रदेश में 439 कैंडीडेट की हार जीत का फैसला एक वोट से हुआ। जौनपुर में ऐसे कैंडीडेट सबसे अधिक रहे। यहां 23 कैंडीडेट की हार जीत का फैसला एक वोट से हुआ। आजमगढ़ में 19, गोरखपुर में 18, सिद्धार्थनगर में 15, हरदोई में 14, शाहजहांपुर में 12, बिजनौर में 11, रायबरेली और बस्ती में 10-10 उम्मीदवार एक वोट से जीतकर ग्राम प्रधान बने।

मोहिनी को सर्वाधिक वोट

पूरे प्रदेश में जहां लगभग साढ़े चार सौ सीट पर एक वोट से फैसला हुआ। वहीं दो सीट ऐसी भी रहीं जहां हार जीत का अंतर चार हजार से अधिक रहा। इसमें गाजियाबाद के लौनी ब्लॉक के ग्राम पंचायत खोड़ा से मोहिनी शर्मा ने 7215 वोटों से जीत दर्ज की। वहीं शामली के ब्लॉक थानाभवन के बाबरी गांव में अनंगपाल सिंह ने 4252 वोट के अंतर से जीत हासिल की।

35 परसेंट युवाओं के हाथ में प्रधानी

ग्राम प्रधान के लिए 35 परसेंट युवा चुने गये हैं जिनकी एज 21 से 35 साल के बीच की है। जबकि 36 साल से 60 साल के बीच के विजयी उम्मीदवारों का प्रतिशत 59.38 रहा है।

अमेरिका में भी रही रिजल्ट के लिये बेचैनी

पहली बार ग्राम प्रधान के चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग ने ऑनलाइन रिजल्ट देखने की व्यवस्था की थी। काउंटिंग के दिन राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर लगभग साढ़े पांच लाख हिट़्स आयीं। इसमें 88 हजार से अधिक हिट्स यूएसए से मिले। यूएसए के अलावा चाइना, जापान और गल्फ कंट्री में भी साइट को काफी संख्या में विजिट किया गया और औसतन दो मिनट हर यूजर ने पेज पर स्टे किया। आयोग ने पहली बार जीते हुए कैंडीडेट को मैसेज भेजने की प्रथा शुरू की थी। इसतें 32 हजार से अधिक कैंडीडेट को मैसेज भेज कर उनके विजयी होने की सूचना आयोग ने दी।