लखनऊ (ब्यूरो)। महानगर पुलिस ने सीआरपीएफ में नियुक्ति कराने का झांसा देने वाली नीरू नारंग को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने क्लर्क के पद पर भर्ती कराने का दावा करते हुए पांच लाख रुपये ऐंठे थे। वहीं, कृष्णानगर पुलिस ने दो ठगों को पकड़ा है। आरोपियों ने निजी कम्पनी में भर्ती कराने का झांसा देते हुए कई युवकों से रुपये ऐंठे थे। एसीपी महानगर जया शांडिल्य के मुताबिक, सीआईडी कॉलोनी ट्यूलिप अपार्टमेंट निवासी नीरू नारंग को पकड़ा गया है। जिसके खिलाफ चार दिसंबर 2021 को तेलीबाग निवासी उमा भारती ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी ने उमा भारती के भाई की नियुक्ति सीआरपीएफ में लिपिक पद पर करवाने की बात कही थी। बदले में पांच लाख रुपये लिए थे। इसके बाद भी उसकी नौकरी नहीं लगी थी। पूछताछ करने पर नीरू गाली गलौज करती थी। नीरू ने अपना मकान भी बदल लिया था। सर्विलांस की मदद से उसको ट्रैक करने के बाद पकड़ा गया है।

ठगने के बाद बदलता था ठिकाना

इंस्पेक्टर कृष्णानगर आलोक राय की टीम ने आशियाना निवासी तस्लीम और अंकुर यादव को पकड़ा है। आरोपियों के खिलाफ बाराबंकी निवासी संजय कुमार सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। तस्लीम और अंकुर ने आयुर्वेद ग्लोबल होल्डिंग के नाम से एक दफ्तार मेट्रो स्टेशन के पास खोला था। सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से आरोपी नौकरी दिलाने का प्रलोभन देते थे। नौकरी का इच्छुक युवक जब इन्हें फोन करता था तो उसे दफ्तर बुलाया जाता था, जहां छह हजार रुपये लेकर नियुक्ति पत्र दिया जाता था। संजय के अनुसार, उससे भी छह हजार रुपये लिए गए थे। फिर मेडिकल के लिए 6,700 रुपये मांगे जा रहे थे। उनके मना करने पर आरोपी ने फोन पर ही अभद्रता की थी। संजय परिचितों के साथ मेट्रो स्टेशन स्थित कम्पनी के दफ्तर पहुंचे थे। जहां ताला लटक रहा था। इंस्पेक्टर आलोक राय के मुताबिक, पीडि़त का मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपियों के ठिकाने पर दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

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निवेश के नाम पर 30 लाख रुपये हड़पे, केस दर्ज

पीजीआई कोतवाली में सिक्योरिटी कंपनी के सुुपरवाइजर के खिलाफ 30 लाख रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी ने इलेक्ट्रानिक कंपनी में किए निवेश पर मुनाफे का प्रलोभन दिया था। वहीं, विभूतिखंड कोतवाली में रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ तीन लाख 80 हजार रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज किया गया है। वृंदावन सेक्टर-12 निवासी पुष्पेंद्र मिश्रा के अनुसार, मोहल्ले में रहने वाले कृपांशु शर्मा सिक्योरिटी कम्पनी में सुपरवाइजर है। उसके पिता रमाकांत भी गार्ड हैं। जिन्हें पुष्पेंद्र जानते थे। कुछ वक्त पूर्व कृपांशु ने मुलाकात करते हुए पुष्पेंद्र को एक स्कीम के बारे में बताया था। जिसमें इलेक्ट्रानिक कम्पनी में निवेश करने पर 15 प्रतिशत मुनाफा मिलने का दावा किया गया था। इस पर पुष्पेंद्र 30 लाख रुपये का निवेश किया था, लेकिन उन्हें मुनाफे में हिस्सा नहीं मिला था। पूछताछ करने पर कृपांश टाल मटोल करता था। पुष्पेंद्र के अनुसार चार मई को वह कृपांशु के घर गए थे। जहां उन्हें ताला लटकता मिला था। पुष्पेंद्र ने पीजीआई कोतवाली पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई है। पांच साल किस्त भरने पर भी नहीं मिली जमीन।

प्लॉट दिलाने के नाम पर हुई ठगी

जौनपुर वीरपालपुर निवासी विनोद यादव वायुसेना में सैनिक हैं। उनकी तैनाती पंजाब में है। वह शहर में जमीन खरीदना चाहते थे। वर्ष 2014 में उन्हें विभूतिखंड एल्डिको अपार्टमेंट स्थित वसुंधरा ग्रुप के बारे में पता चला था। जिसका संचालन सुधीर सिंह करता है। बातचीत के बाद सुधीर को तीन लाख 80 हजार रुपये देने के बाद विनोद ने प्लॉट दिखाने के लिए कहा था। जिस पर सुधीर और उसके साथी टाल मटोल करते रहे। इंस्पेक्टर विभूतिखंड डॉ। आशीष मिश्रा के मुताबिक, मुकदमा दर्ज किया है।