लखनऊ (ब्यूरो)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और नारकोटिक्स के नोटिस के नाम पर व्यापारियों से ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। राजधानी में भी ऐसे मामले सामने आने के बाद साइबर सेल अलर्ट हो गई है और उसने इसमें शामिल संदिग्ध लोगों के मोबाइल ट्रेस करना शुरू कर दिया है। आइए जानते हैं किस तरह ईडी और नारकोटिक्स डिपार्टमेंट के नोटिस के नाम पर व्यापारियों को ये ठग अपने जाल में फंसा रहे हैं

केस-1

जून 2023 में अमीनाबाद के रहने वाले एक कपड़ा व्यापारी को प्रवर्तन निदेशालय की नोटिस मिली। लिखा था कि कई कारोबारियों की गोपनीय जांच में वे शामिल हैं। आपके बैंक अकाउंट में संदिग्ध लेन देन हुआ है। कई संपत्तियां भी बेनामी है। इसपर घबराए व्यापारी ने नोटिस पर लिखे एक मोबाइल नंबर पर कॉल कर कहा कि जो नोटिस मिली है वह गलत है। कॉल उठाने वाले ने कहा नोटिस सही है एक हफ्ते में जवाब भेजो नहीं तो अरेस्ट करने के लिए टीम भेजी जाएगी। घबराए व्यापारी ने मामले को रफा दफा करने की बात कही तो कॉलर ने कॉल काट दी। दो घंटे बाद उनके पास एक कॉल आई और कहा कि अभी आपने ईडी के डिप्टी डायरेक्टर को कॉल की थी, आपने इतनी बड़ी गलती क्यों कर दी कि उन्हें घूस देने की बात कह दी। कॉलर ने कहा कि 20 लाख दे दीजिए वो सब निपटा देगा। वो पैसे देने के लिए तैयार थे। उनके अधिवक्ता मित्र ने ईडी के लखनऊ जोनल ऑफिस में नोटिस के विषय में जानकारी ली तो वह फर्जी निकली।

केस-2

अगस्त 2023 में एक दवा व्यापारी को नोटिस मिली कि हाल में एक डार्क वेब के जरिए ड्रग्स की सप्लाई करने वाले गिरोह को नारकोटिक्स विभाग ने पकड़ा है। पूछताछ में आरोपियों ने आपका नाम उगला है। नारकोटिक्स विभाग के कार्यालय में अपना पक्ष रखें आकर। दवा व्यापारी नोटिस पढ़ने के बाद परेशान हो गया, उसने अपने कई दोस्तों से मदद मांगी, लेकिन जब कोई रास्ता न दिखा तो व्यापारी ने नोटिस में लिखे मोबाइल नम्बर पर कॉल कर दी। कॉल करने वाले ने कहा कि यदि इस मामले को यही रफा दफा करना चाहते हो तो पांच लाख रुपये अकाउंट में ट्रांसफर कर दो। इसपर व्यापारी ने एक लाख रुपए उसके द्वारा बताए गए अकाउंट में डाल दिया और दो दिनों का समय मांगा बाकी के रुपए जमा करने के लिए। इस बीच दवा व्यापारी ने लखनऊ स्थित एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के ऑफिस में जाकर नोटिस को हकीकत जाननी चाही तो पता चला वह फर्जी नोटिस है।

ऐसे करते है ठगी

जालसाज व्यापारियों को ईडी या नारकोटिक्स डिपार्टमेंट की ईमेल या फिर वाट्सएप पर नोटिस भेजते हैं। इसमें लिखा होता है कि आपके बैंक खाते और संपत्तियों की जांच से पता चला है कि आपके पास बेनामी संपत्तियां हैं और पैसों का लेखा जोखा नही है। आप कई तरह के गोरखधंधे में शामिल हैं, आपको नोटिस भेजा जा रहा है। जवाब दें नहीं तो अरेस्ट करने के लिए टीम भेजी जाएगी। इससे डरकर व्यापारी ठगी का शिकार हो रहे हैं।

खुद को मुंबई से बताते हैं

साइबर सेल के सब इंस्पेक्टर शिशिर यादव ने बताया कि पहले इस तरह की ठगी मुंबई, पंजाब में अधिक देखने को मिलती थी लेकिन अब इसके केस अधिक आ रहे हैं। जहां ईडी या नारकोटिक्स विभाग की ओर से फर्जी नोटिस भेजी जाती है और फिर उसने पैसे वसूल लिए जाते है। टीम इस गिरोह की तलाश में जुटी हुई है। कई बार हम उनके करीब भी पहुंचे, लेकिन वे अपना ठिकाना बदल लेते हैं।

ऐसे ठगी से बच सकते है

साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा कहते हैं कि जांच एजेंसी कोई पैसे वसूलने वाली यूनिट नही है, जो आपके फोन करते ही वो आपसे पैसों की डिमांड कर देगी। ऐसे में आपको सतर्क हो जाना चाहिए जब नोटिस में लिखे मोबाइल नम्बर पर कॉल करने पर पैसों को डिमांड होती है। जब आपको नोटिस मिले तो सबसे पहले संबंधी एजेंसी के ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर वहां से अपने रीजनल कार्यालय का मोबाइल नंबर निकालें और वहां कॉल कर आप बात करें।

यह भी जानिए

-जालसाज को खुद को मुंबई का बताते हैं

-अकाउंट बंगलौर का होता है

-पैसा ट्रांजक्शन राजस्थान से होता है

-कॉलर की लोकेशन अलग-अलग शहरों की होती है