लखनऊ (ब्यूरो)। अमौसी मेट्रो स्टेशन से दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की दो टीमों ने कार और बाइक से 9:45 बजे अपना सफर शुरू किया। आगे बढ़ते ही पहला ट्रैफिक सिग्नल पड़ा, जो बंद था। जिसे जहां जगह मिल रही थी, वह वहां से गाड़ी मोड़ रहा था, जिसके चलते यहां यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप नजर आई। हालांकि सुबह का समय होने के चलते ट्रैफिक धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था।

ट्रैफिक सिग्नल बंद मिले
आगे बढऩे पर शहीद पथ के पास मिली ट्रैफिक लाइट बंद थी, यहां पुलिस तो तैनात थी लेकिन ट्रैफिक से उसे कोई मतलब नहीं था। शहीद पथ मोड पर जाम की स्थिति बनी हुई थी। वहीं आगे बढऩे पर ट्रांसपोर्ट नगर मोड़ पर ट्रैफिक लाइट बंद थी और यहां ट्रैफिक पुलिस कर्मी भी मौजूद नहीं थे।

यहां मिली ट्रैफिक लाइट ऑन
बेहद कम रफ्तार पर आगे बढऩे पर बाराबिरवा और कृष्णा नगर मोड़ अया। यहां ट्रैफिक सिग्नल काम कर रहे थे और लोग भी यातायात नियमों का पालन करते दिखाई दिए। हालांकि एक-दो बाइक और कार सवार साइड से नियम तोड़कर आगे बढ़ते नजर आए। यहां मोड पर पुलिसकर्मी भी तैनात मिले। हालांकि यहां गाडिय़ों के हार्न का शोर लोगों को परेशान कर रहा था। वहीं कृष्णा नगर मेट्रो स्टेशन के पास ट्रैफिक लाइट का कोई पालन नहीं करते दिखा, वहीं पिकेडली मोड़ पर सभी लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करते मिले।

अवध चौराहा पर लगा जाम
दोनों टीमें आगे बढ़ी तो अवध चौराहा आया। यहां से लोग लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे और वीआईपी रोड की ओर जाते हैं। अत्यधिक ट्रैफिक लोड वाले इस चौराहे पर गाडिय़ां रेंग-रेंग कर आगे बढ़ रही थीं। ट्रैफिक पुलिसवाले पूरी तरह मुस्तैद होकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे लेकिन वाहनों के भारी बोझ के तले उनकी मेहनत बेकार जा रही थी। यहां लंबा जाम लोगों को परेशान कर रहा था।

हर 10 कदम पर लग रहा था ब्रेक
अवध चौराहे से जब आलमबाग चौराहे के लिए आगे बढऩे पर रास्ते में कई कट-मोड़ मिले। जहां बिना देखे लोग वाहनों को मोड़कर निकल रहे थे। आलम यह था कि हर 10 कदम पर गाडिय़ों में ब्रेक लगाना पड़ रहा था। यहां बहुत से लोग खतरनाक तरीके से गाडिय़ां चला रहे थे।

आलमबाग बस अड्डा
गाड़ी जब आलमबाग बस अड्डा पहुंची तो यहां पर जाम मिला। बसें बाहर आकर सवारियों को बैठा रही थीं। यहां मेट्रो स्टेशन के बाहर रोड पर भी वाहन खड़े थे। इस जगह पर गाड़ी बेहद सावधानी के साथ चलानी पड़ रही थी।

आलमबाग थाना
डीजे आईनेक्स्ट की दोनों टीमें किसी तरह यहां से निकलकर आलमबाग थाने तक पहुंचीं तो देखा लोग रेड लाइट की परवाह किए बिना आगे बढ़ रहे थे। वहीं कुछ लोग रेड लाइट होने पर रुके थे। इस चौराहे पर कोई पुलिसवाला नहीं तैनात मिला।

चारबाग में जाम का झाम
गाड़ी आगे बढ़ी तो पहले मवैया तिराहा आया। पुलिस वाले तैनात न होने पर यहां कोई भी ट्रैफिक सिग्नल का पालन नहीं करते मिला। वहीं चारबाग बस अड्डे पहुंचते ही दोनों टीमें भीषण जाम में फंस गईं। यहां से नाक मोड़ तक पहुंचने में ही टीमों को पांच मिनट से अधिक का समय लग गया। नाका मोड़ पर ट्रैफिक लाइट भी बंद मिलीं।

चारबाग मेट्रो स्टेशन पर जाम
नाका मोड़ के आगे मेट्रो स्टेशन होते हुए केकेसी तक जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दूसरे गेयर में ही गाड़ी चलानी पड़ी। ई-रिक्शा, ऑटो-टेंपो यहां आधी से अधिक रोड घेरे थे। दोनों टीमें 15 मिनट में नाक मोड से केकेसी तक पहुंच पाईं।

रविंद्रालय पर हाल बेहाल
वहीं, रविंद्रालय के पास चौकी और पुलिस बूथ दोनों बना हुआ है। लेकिन, इसके बावजूद ऑटो-टैम्पो और बस वाले मोड़ पर ही रुके थे। एक कर्मी दूसरी ओर लाउडस्पीकर से अनाउंसमेंट कर रहा था। लेकिन, इसके बावजूद ऑटो टैम्पो वालों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।

हुसैनगंज चौराहा
हुसैनगंज चौराहा पर ट्रैफिक लाइट बंद होने ने नियम टूटते दिखाई दिए। यहां भी कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी नहीं मिला। वहीं, बर्लिंग्टन चौराहा पर ट्रैफिक सिग्नल काम करते मिले और ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी ठीक से अपना काम करते नजर आए।

हजरतगंज में लगा समय
बर्लिंग्टन से हजरतगंज के लिए बढ़े तो आगे सभी जगह ट्रैफिक लाइट ऑन और पुलिस कर्मी नजर आये। इस दौरान ट्रैफिक भी धीरे-धीरे आगे बढ़ता जा रहा था। क्योंकि वीवीआईपी एरिया और विधानसभा होने के कारण हर ओर पुलिस भी तैनात थी। गंज चौराहे पर भी पुलिस के साथ ही ट्रैफिक सिग्नल भी काम करते मिले।

ई-रिक्श, ऑटो टैंपो बड़ी वजह
अमौसी से अवध और आलमबाग से बर्लिंग्टन तक ई-रिक्शा की अराजकता देखने को मिली। जहां इन्हें सवारियां मिलतीं, ये उन्हें बैठालने के लिए वाहन रोक देते। इस पूरे रूट पर ई-रिक्शा और ऑटो ही ट्रैफिक बाधित करने का सर्वाधिक काम करते नजर आए।

ट्रैफिक लाइट ठीक करें
इस पूरे सफर के दौरान 21 ट्रैफिक लाइट पड़ी। जिसमें कई बंद थीं। कई जगहों पर कोई पुलिस या ट्रैफिक कर्मी भी नहीं था। ऐसे में अधिकारियों को चाहिए कि इन ट्रैफिक लाइटों को सही कराएं और सख्ती से नियमों का पालन करवाएं।

लोगों में ट्रैफिक सेंस की कमी
डीजे आईनेक्स्ट की दोनों टीमों को अपने इस सफर के दौरान यह भी देखने को मिला कि बहुत से लखनवाइट्स ट्रैफिक नियमों के प्रति गंभीर नहीं हैं। वे सिग्नल रेड होने पर भी गाडिय़ां आगे बढ़ाते हैं और जहां उन्हें जगह मिलती है, वहां से गाड़ी मोड़कर आगे बढ़ जाते हैं।

इस रूट का किया रियालिटी चेक
अमौसी, बाराबिरवा, कृष्णा नगर, अवध चौराहा, आलमबाग चौराहा, आलमबाग बस अड्डा, मवैया, चारबाग, केकेसी, बर्लिंग्टन चौराहा होते हुए हजरतगंज चौराहा तक।

यहां लगा अधिक समय
- अवध चौराहा - 10 मिनट
- आलमबाग बस अड्डा - 7 मिनट
- चारबाग क्रास करने में - 15 मिनट
- हजरतगंज चौराहा - 5 मिनट