लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आपने मकान छह माह पहले बनवाया है और बिजली कनेक्शन एक महीने पहले हुआ है तो आपके हाउस टैक्स की गणना बिजली कनेक्शन तिथि से की जाएगी न कि मकान का निर्माण कार्य पूरा होने की तिथि से। अभी तक यह तस्वीर साफ न होने से भवन स्वामियों के मन में कंफ्यूजन रहता है और इसी वजह से ज्यादातर भवन स्वामी हाउस टैक्स का असेसमेंट नहीं कराते हैैं। अब नगर निगम प्रशासन की ओर से स्पष्ट किया गया है कि बिजली कनेक्शन तिथि से ही हाउस टैक्स का असेसमेंट कराया जाएगा।
70 फीसद कंफ्यूजन की स्थिति
भवन स्वामियों के मन में टैक्स असेसमेंट को लेकर खासा कंफ्यूजन रहता है। कोई भवन स्वामी सोचता है कि जब से मकान बना है, तब से टैक्स लगेगा तो किसी के मन में यह विचार आता है कि जब से उन्होंने प्लॉट खरीदा, तब से टैक्स लगाया जाएगा। जबकि दोनों ही स्थिति में टैक्स का असेसमेंट नहीं कराया जाता है। निगम प्रशासन की माने तो जिस दिन से प्लॉट या मकान में बिजली का कनेक्शन होता है, उसी दिन से टैक्स की गणना की जाती है।
निगम प्रशासन दे रहा जानकारी
अब नगर निगम प्रशासन की ओर से सभी भवन स्वामियों खासकर नए मकान बनवाने वाले भवन स्वामियों को जानकारी दे रहा है कि अगर वे लोग हाउस टैक्स असेसमेंट के लिए आवेदन करते हैैं तो उनका टैक्स किस समयावधि से लगेगा।
500 से अधिक आवेदन
करीब एक माह पहले नगर निगम की ओर से भवन स्वामियों को राहत देने के लिए ऑनलाइन टैक्स असेसमेंट की सुविधा शुरू की गई है। इस सुविधा के मिलने के बाद भवन स्वामियों की ओर से घर बैठे ही टैक्स असेसमेंट का आवेदन करने के साथ ही टैक्स असेसमेंट भी कराया जा सकता है। अभी तक की बात करें तो 500 से अधिक भवन स्वामियों ने ऑनलाइन टैक्स असेसमेंट संबंधी आवेदन किया है।
भवन स्वामियों पर शिकंजा
नगर निगम की ओर से अभी तक एक बार भी टैक्स जमा न करने वाले भवन स्वामियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। इसके लिए जोनवार अभियान शुरू किया जा रहा है। ऐसे भवन स्वामियों का डेटा भी तैयार किया गया है, जिन्होंने अभी तक हाउस टैक्स जमा नहीं किया है।
टैक्स न जमा करने वाले
1 लाख 43 हजार 144 भवन स्वामियों ने जमा नहीं किया टैक्स
13 करोड़ के करीब इन पर टैक्स बाकी
16 करोड़ के करीब इन पर ब्याज बाकी
हाउस टैक्स की गणना बिजली कनेक्शन मिलने वाली तिथि के आधार पर की जाती है न कि मकान बनने की तिथि के आधार पर। निगम की ओर से नियमों के अंतर्गत ही हाउस टैक्स का असेसमेंट किया जा रहा है।
-अशोक सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम