- क्रेडिट कार्ड का ऑफर देकर लोगों के अकाउंट से रकम उड़ाने वाले तीन अरेस्ट

- चिनहट के देवा रोड पर चल रहा था कॉल सेंटर

LUCKNOW: इंटरनेट कॉलिंग कर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने, दूर पैकेज और गिफ्ट ऑफर देने के नाम पर ठगी करने वाले एक गैंग का साइबर क्राइम सेल ने पर्दाफाश किया है। दिल्ली में बैठ कर एक शातिर जालसाज पूरा नेटवर्क चला रहा था। फर्जी कॉल सेंटर में 5 से 6 लड़कियों को भी कॉलिंग के लिए नौकरी दी गई थी। साइबर टीम ने फर्जी कॉल को चलाने वाले तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से भारी मात्रा में सामान भी बरामद किया है। यह तीन महीने से कॉल सेंटर चला रहे थे और लोगों से अब तक 10 से 12 लाख रुपये ऐंठ चुके थे।

30 हजार अकाउंट से गायब

हसनगंज के इशराक सिराज ने साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराई कि उसके पास एक कॉल आई। कॉलर ने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का ऑफर दिया। कॉलर की बातों के जाल में फंस कर इशराक ने उसके बताए गए लिंक को क्लिक कर ओटीपी शेयर कर दी, जिसके बाद उसके अकाउंट से 30 हजार रुपये गायब हो गए। इशराक ने हसनगंज थाने में मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई। साइबर क्राइम सेल ने उस नंबर और अकाउंट से ट्रांसफर हुए दूसरे अकाउंट में रकम की पड़ताल की। इस दौरान उन्हे चिनहट के देवां रोड पर चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का पता चला।

3 माह से चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर

साइबर क्राइम सेल प्रभारी एसीपी विवेक रंजन राय ने बताया कि चिनहट के देवा रोड पर तीन महीने से फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। गो इंडिया नाम से इस कॉल सेंटर में 5 से 6 लड़कियां काम कर रही थी। उन्हें बकायदा 8 से 12 हजार रुपये सैलरी भी दी जाती थी। उन्हें कॉल सेंटर संचालक दिल्ली से डाटा उपलब्ध कराता था और ग्राहकों से कॉलिंग कराई जाती थी।

दिल्ली का एक युवक है संचालक

एसीपी विवेक रंजन ने बताया कि कॉल सेंटर संचालन अमीर नाम का युवक चला रहा था। वह दिल्ली में बैठकर इसे ऑपरेट कर रहा था जबकि यहां उसके तीन साथी मऊ धोसी निवासी अभिषेक कुमार पाल, आजमगढ़ मुबारकपुर निवासी अशोक कुमार पाल और नजफगढ़ दिल्ली निवासी राजकुमार वर्मा संचालित कर रहे थे। तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से लैपटॉप, एडीएम कार्ड, फर्जी मुहर, राउटर बरामद किया गया।

डिटेल शेयर करते ही अकाउंट खाली

डाटा मिलने के बाद कॉल सेंटर से इंटरनेट कॉलिंग के माध्यम से ग्राहकों को कॉल किया जाता था, जिस बैंक का कार्ड ग्राहक के पास होता था उसके बैंक के क्रेडिट सेक्शन से बात करने बात कही जाती थी। इससे कस्टमर आसानी से उनके जाल में फंस जाता था। ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के साथ टूर पैकेज, गिफ्ट ऑफर दिया जाता था। उनके ऑफर स्वीकार करते हुए एक ओटीपी नंबर ग्राहक के पास आता था और उसके शेयर करते हुई उनके अकाउंट से कैश गायब हो जाता था।

2018 में भी पकड़ा गया था यहीं गैंग

साइबर क्राइम सेल टीम मेंबर रणधीर सिंह के अनुसार दिल्ली से फर्जी कॉल सेंटर संचालित करने वाला फरार आरोपी अमीर 2018 में भी पकड़ा गया था। उसे हजरतगंज पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर चलाने के मामले में गिरफ्तार किया था। इस बार वह दिल्ली में बैठकर ऑपरेट कर रहा था। कॉल सेंटर एक जगह पर दो से तीन महीने ही संचालित किया जाता था और फिर प्लेस बदल दिया जाता था। इस बार लेखराज मार्केट के आस-पास ऑफिस खोलने की तैयारी थी।