2018 फरवरी में हुई थी गार्बेज एटीएम की शुरुआत

2 स्थानों पर एक साथ शुरू हुई थी व्यवस्था

1 रुपए मिनिमम कैशबैक मिलना था पब्लिक को

6 हजार रुपये किराया देना था निगम को

- स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत लगाए गए थे एटीएम

- प्लास्टिक और कांच की बोतल, रैपर किया जाता था निस्तारित

LUCKNOW:

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शहर को क्लीन रखने के लिए कई स्थानों पर लगाए गए गार्बेज एटीएम शोपीस बनकर रह गए हैं। जिससे लोग इनका यूज नहीं कर पा रहे हैं। पीपीई मॉडल पर लगाए गए इन एटीएम का किराया निगम की ओर से रोक दिया गया है और संबंधित निजी कंपनी को जल्द एटीएम सुधारने संबंधी नोटिस दी गई है। यह भी जानकारी मिली है कि कंपनी की ओर से भी कोर्ट में किराया न मिलने संबंधी रिट फाइल की गई है।

फरवरी 18 में लगे थे एटीएम

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत फरवरी 18 में शहर के दो स्थानों 1090 चौराहा और हजरतगंज हनुमान मंदिर के पास गार्बेज एटीएम लगाए गए थे। इनका उद्घाटन तत्कालीन नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने किया गया था। वहीं शहर के दस अन्य स्थानों पर भी इन्हें लगाने की प्लानिंग थी।

यहां लगने थे एटीएम

जो एक्शन प्लान तैयार किया गया था, उससे साफ था कि शहर के सभी प्रमुख मागरें और बाजारों में इन्हें लगाया जाएगा। जिससे लोगों को छोटा वेस्ट फेंकने के लिए परेशान न होना पड़े।

यह था फायदा

गार्बेज एटीएम का सबसे बड़ा फायदा यह था कि इसकी मदद से प्लास्टिक और कांच की बोतल, बिस्कुट-चिप्स के पैकेट, चॉकलेट, टॉफी और दवा के रैपर्स को आसानी से निस्तारित किया जा सकता था। कुछ माह तक तो लोगों ने इसका यूज किया लेकिन बाद में स्थिति जस की तस हो गई।

मिलना था कैशबैक

इस एटीएम की खास बात यह थी कि इसका यूज करने वालों को कैशबैक मिलना था। निगम प्रशासन मानकर चल रहा था कि इन एटीएम का लोग ज्यादा से ज्यादा यूज करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कैशबैक की बात करें तो अगर कोई व्यक्ति इसमें प्लास्टिक की बोतल डालता तो प्रति बोतल उसे एक रुपये और कांच की बोतल के एवज में उसे दो रुपए मिलने थे। इसका यूज करने वाले व्यक्ति को अपने मोबाइल पर ई वॉलेट एप डाउनलोड करना जरूरी था, जिससे इसका यूज करते ही कैशबैक सीधे उसके वॉलेट में आए। एटीएम को यूज करने के दौरान यूजर को अपना मोबाइल नंबर डालना होता था जिसके आधार पर ओटीपी जेनरेट होती थी इस ओटीपी को एटीएम में डालते ही कई ऑप्शन सामने आते थे।

6 हजार किराया

निगम प्रशासन की ओर से एटीएम पीपीई मॉडल पर लगवाए गए थे। कंपनी की ओर से एटीएम का मेंटीनेंस आदि किया जाना था। इसके एवज में निगम प्रशासन की ओर से प्रति मशीन के किराये के रूप में कंपनी को छह हजार रुपये दिए जाने थे। एटीएम खराब होने के बाद निगम प्रशासन ने किराया देना बंद कर दिया।

गार्बेज एटीएम शोपीस बनकर रह गए हैं। इस बाबत संबंधित कंपनी को नोटिस जारी कर दिया गया है। नोटिस के माध्यम से जल्द नए सिरे से इस व्यवस्था को शुरू करने को कहा गया है। जब तक व्यवस्था शुरू नहीं होगी, किराये का भुगतान शुरू नहीं होगा।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त