पुणे यूनिवर्सिटी की तर्ज पर एग्जाम
अभी तक पुणे यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े कुछ इंस्टीट्यूट्स में ही ऑनलाइन सेमेस्टर एग्जाम होते हैं। इसी तर्ज पर जीबीटीयू भी ऑनलाइन एग्जाम शुरू करने की कवायद में है। अभी हाल ही में यूनिवर्सिटी के अधिकारी पुणे गए थे। जहां पर उन्होंने ऑनलाइन एग्जाम कंडक्ट करने की बारीकियां सीखीं। इस ट्रेनिंग सेशन में उन्होंने जाना कि किस तरह स्टूडेंट्स को ऑनलाइन पेपर दिए जाते हैं। करीब एक सप्ताह तक यह ट्रेनिंग सेशन  चलाया गया। अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन एग्जाम से यूनिवर्सिटी को काफी फायदा होगा.
यूनिवर्सिटी के पास होंगे सारे कमांड
यूनिवर्सिटी अधिकारियों की मानें तो ऑनलाइन एग्जाम शुरू होने के बाद पेपर आउट होने का खतरा पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। जीबीटीयू के अधिकारी बताते हैं कि आनलाइन एग्जाम में यूनिवर्सिटी को पेपर प्रिंट नहीं कराना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि आनलाइन एग्जाम में जो साफ्टवेयर बनाया गया है। वह बहुत ही हाईटेक है। हर कॉलेज को एग्जाम शुरु होने से 15 मिनट पहले पेपर दिया जाएगा। यह पेपर कॉलेज अपने कम्प्यूटर से प्रिंट नहीं कर सकता है बल्कि यूनिवर्सिटी के अधिकारी ही यहां से बैठ कर प्रिंटिंग का कमांड देंगे। जिसका प्रिंट आउट कॉलेज हर स्टूडेंट्स को एग्जाम शुरु होने पर दे देगा। टेक्निकल यूनिवर्सिटी के सभी सेमेस्टर एग्जाम में करीब 2.5 लाख स्टूडेंट्स शामिल होते हैं। कापियों से लेकर एग्जाम सेंटर और इनविजिलेटर्स पर लाखों रुपये हर 6 महीने पर खर्च होते हैं।
कम्प्यूटर पर होगी कापी चेकिंग
जीबीटीयू अधिकारियों के मुताबिक सिर्फ एग्जाम ही आनलाइन नहीं होगा बल्कि कापी चेकिंग भी आनलाइन करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। अधिकारियों के अनुसार स्टूडेंट्स की कापियां स्कैन करके कम्प्यूटर पर मौजूद सॉफ्टवेयर में डाल दी जाएंगी। यही नहीं एग्जामिनर जब कम्प्यूटर पर कापी चेक करना शुरु करेगा तो एक विंडो में सॉल्व पेपर भी डाला जाएगा ताकि परीक्षक को इससे मदद मिल सकें। स्टूडेंट्स ने जिस सवाल का हल अपनी कापी में लिखा है। उसकी एक डमी कम्प्यूटर पर भी होगी। इससे स्टूडेंट्स को बेहतर माक्र्स मिलने की उम्मीद है।
जल्दबाजी में नहीं चेक होगी कापी
अधिकारियों के मुताबिक कभी कभी टीचर स्टूडेंट्स की कापी बहुत जल्दी चेक कर देते हैं। इससे उनको या तो ज्यादा माक्र्स मिल जाते हैं या फिर बहुत कम। मगर आनलाइन कापी चेकिंग में ऐसा नहीं होगा। अगर किसी टीचर को एक कापी चेक करने के लिए पांच मिनट दिए गए हैं तो वह उससे पहले दूसरी कापी चेक नहीं कर सकेंगा क्योंकि सॉफ्टवेयर पर कापी चेक करने के लिए एक टाइम बाउंड सेट किया जाएगा। उससे पहले टीचर दूसरी कापी नहीं खोल सकता है। इससे एक और भी फायदा होगा। कई बार टीचर कापी चेक करते समय कई सवालों को चेक करना भूल जाते हैं। इससे स्टूडेंट्स को काफी नुकसान होता है। आनलाइन होने के बाद कम्प्यूटर पर एक के बाद एक पन्ने ही खुलेंगे। इसलिए टीचर को हर सवाल चेक करना पड़ेगा। आनलाइन कापी चेकिंग से स्टूडेंट्स को एक फायदा और भी होगा। एक उन्होंने जितना पेपर हल किया है। उनको उतने ही माक्र्स मिलेंगे जितना उन्होंने पेपर किया है। इसके अलावा स्क्रूटनी कराने का खर्च भी बच जाएगा।
फायदे
एग्जाम में पेपर का इस्तेमाल कम हो जाएगा
पेपर आउट होने का खतरा नहीं रहेगा
एग्जाम पेपर प्रिंटिंग का खर्च बचेगा
स्टूडेंट्स का रिजल्ट लेट नहीं होगा
स्टूडेंट्स का स्क्रूटनी और री-वैल्यूएशन का खर्च बचेगा
कापी चेकिंग में गलतियों की संभावना बहुत कम हो जाएगी.

"जीबीटीयू के सेमेस्टर एग्जाम में आनलाइन पेपर भेजने और कापी चेकिंग प्रक्रिया पर विचार चल रहा है। अभी इसको लेकर कुछ टेस्ट और किए जाने है। उसके बाद इस सिस्टम को लागू कर दिया जाएगा। यह एक बहुत ही बढिय़ा पहल है। इससे यूनिवर्सिटी को पैसे की बचत तो होगी ही साथ सिस्टम बहुत ही कन्वीनिएंट होगा। इससे स्टूडेंट्स को भी काफी फायदा होगा। अभी पुणे और आंध्र प्रदेश के इंस्टीट्यूट में इस सिस्टम को लागू किया गया है। "
प्रो। वीके सिंह, प्रतिकुलपति जीबीटीयू

Report By : Abbas Rizvi

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