लखनऊ (ब्‍यूरो)। महज 2000 खर्च कीजिए और घटतौली वाला 30 किलोग्राम क्षमता का इलेक्ट्रॉनिक तराजू आपके हाथ में। जी हां, यूपी एसटीएफ ने ऐसे ही घटतौली वाले इलेक्ट्रॉनिक तराजू वाली फैक्ट्री का राजफाश किया है। पुलिस ने मौके से फैक्ट्री संचालक को अरेस्ट करते हुए 172 निर्मित व अर्धनिर्मित इलेक्ट्रॉनिक तराजू व इसे बनाने के लिये इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किये हैं। राजफाश करने वाली एसटीएफ टीम ने बताया कि अवैध काम में जुटी यह फैक्ट्री कागजी लिखापढ़ी में पूरी तरह वैध है। यानी यह न सिर्फ बांट-माप विभाग से रजिस्टर्ड है बल्कि, इसका टिन नंबर भी है। अब एसटीएफ इस फैक्ट्री से तराजू खरीदने वालों की पड़ताल में जुट गयी है।

चिप मास्टरमाइंड से मिला सुराग

बीती 22 अगस्त को बाराबंकी व नगराम में एसटीएफ ने छापेमारी कर इलेक्ट्रॉनिक तराजू में चिप-रिमोट लगाकर घटतौली करने वाले गिरोह का राजफाश किया था। टीम ने इस गोरखधंधे के मास्टरमाइंड दिनेश उपाध्याय समेत पांच आरोपियों को अरेस्ट किया था। मास्टरमाइंड दिनेश से पूछताछ में पता चला था कि प्रदेश में कई जगह छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां संचालित हैं, जिसमें घटतौली के लिये प्रोग्राम्ड मदरबोर्ड लगाकर इलेक्ट्रॉनिक तराजू बनाये जा रहे हैं। उसने बताया था कि इन इलेक्ट्रॉनिक तराजू की खास बात यह है कि इसके मदरबोर्ड को इस तरह से प्रोग्राम किया गया है कि वह एक ही सामान के वजन को उसके असल वजन, कम या अधिक वजन को दुकानदार की इच्छानुसार डिस्प्ले पर दर्शाता है।

एक नंबर की फैक्ट्री, दो नंबर का काम

प्रभारी एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि यह जानकारी मिलने के बाद डिप्टी एसपी अमित कुमार नागर के नेतृत्व वाली टीम को पड़ताल में जुटाया गया। इस पड़ताल के दौरान पता चला कि राजधानी के कृष्णानगर एरिया में यूनिक इंटरप्राइजेस में घटतौली वाले तराजू बनाए जा रहे हैं। जिसके बाद टीम ने सोमवार को वहां छापा मारा। छापेमारी के दौरान फैक्ट्री का नजारा देख एसटीएफ कर्मियों के होश उड़ गए। वहां निर्मित व अर्धनिर्मित इलेक्ट्रॉनिक तराजुओं का जखीरा रखा हुआ था। टीम ने मौके से फैक्ट्री संचालक अशफाक अली को अरेस्ट किया। पूछताछ में उसने कुबूल किया कि फैक्ट्री में घटतौली के लिये प्रोग्राम्ड इलेक्ट्रॉनिक तराजू तैयार किये जाते हैं। टीम ने मौके से 172 निर्मित व अर्धनिर्मित इलेक्ट्रॉनिक तराजू व इसे बनाने के लिये इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किये। एसटीफ टीम ने आरोपी अशफाक को लोनीकटरा पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।

मामूली कीमत पर होती थी सप्लाई

जिस घटतौली वाले तराजू से दुकानदार लाखों की कमाई करते हैं, उसकी कीमत नाममात्र की ही है। पूछताछ के दौरान आरोपी अशफाक ने बताया कि वह 30 किलो तौल क्षमता वाला इलेक्ट्रॉनिक तराजू 2000 रुपये में बेचता है। वहीं, 100 किलो वाला इलेक्ट्रॉनिक तराजू 3500 रुपये में बिक्री करता है। उसने बताया कि उससे यह तराजू प्रदेश भर के डीलर खरीदते हैं और उसमें अपना मुनाफा जोड़कर बेचते हैं। अगर कोई कस्टमर सीधे उससे तराजू की डिमांड करता तो वह उसे भी इतनी ही कीमत पर तराजू दे देता था।

दूसरे राज्यों से आता है सामान

अशफाक ने बताया कि वह इस इलेक्ट्रानिक तराजू को बनाने के लिए उसके पा‌र्ट्स दिल्ली, हरियाणा, गुजरात व मध्य प्रदेश से मंगाता है। इसके अलावा कुछ सामान चीन से भी आता है। इन पा‌र्ट्स व मदरबोर्ड को असेंबल करके वह इन्हें डिमांड के मुताबिक प्रदेश भर में फैले डीलर्स को सप्लाई करता है। अब एसटीएफ उन डीलर्स का पता लगाने में जुट गयी है।

चिप-रिमोट का काम चोरी-छिपे

डीएसपी अमित नागर ने बताया कि अशफाक जिस तराजू को तैयार करता है उसमें कितना वजन दर्शाना है, उसका निर्धारण तराजू में लगे बटन से होता है। पर, शनिवार को दबोचे गया दिनेश उपाध्याय वह चिप-रिमोट तैयार करता था, जिसके जरिए बिना तराजू को छुए किसी चीज का कितना वजन तौलना है, वह बदल सकता था। उसने बताया कि दुकानदारों व डीलर्स की डिमांड पर दिनेश यह काम चोरी-छिपे करता था।