-जन-धन योजना के तहत खाता खोलने के लिये मांगी जा रही है रकम

-कहीं फॉर्म न होने का बहाना तो कहीं बिना शादीशुदा होने पर खाता न खोलने की बताई जा रही मजबूरी

pankaj.awasthi@inext.co.in

LUCKNOW (1 Sept.): स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले की प्राचीर से पीएम नरेंद्र मोदी ने ओजस्वी भाषण के दौरान अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 'प्रधानमंत्री जन-धन योजना' की शुरुआत की घोषणा की। इस योजना के तहत सभी देशवासियों को बैंकिंग से जोड़ा जाना है। इसकी शुरुआत भी बेहद जोर-शोर ढंग से की गई। पर, इसकी शुरुआत के चंद दिन बीतते ही बैंककर्मी इस महत्वाकांक्षी योजना में पलीता लगाने में जुट गए हैं। तमाम शिकायते मिलने के बाद आई नेक्स्ट ने बैंकों का स्टिंग करने की ठानी और यह संवाददाता एक आम ग्राहक बन बैंक में खाता खुलवाने चल पड़ा। इस स्टिंग ऑपरेशन के दौरान जो हकीकत सामने आई वह बेहद चौंकाने वाली थी। कहीं खाता खोलने के लिये रुपये जमा कराना जरूरी बताया जा रहा है तो कहीं बिना शादीशुदा लोगों का खाता खोलने से ही इनकार किया जा रहा है। इसके साथ कुछ बैंकों में तो फॉर्म खत्म होने का बहाना बताकर लोगों को एक सप्ताह बाद संपर्क करने को कहा जा रहा है। इसी स्टिंग ऑपरेशन के दौरान सामने आए चौंकाने वाले हालात पर यह रिपोर्ट

बैंक-इलाहाबाद बैंक, शाखा हुसैनगंज

समय-दोपहर फ् बजे

बैंक के भीतर दाखिल होते ही संवाददाता का सामना भीतर मौजूद भीड़ से हुआ। बैंक में कहीं भी जन-धन योजना के तहत खाता खोलने वाले काउंटर का सूचना पट्ट नहीं लगा था। आखिरकार भीड़ के बीच से निकलता सिक्योरिटी गार्ड दिखाई दिया। कई बार पूछने पर उसने बताया कि काउंटर नंबर ख् पर खाता खुलवाने का फॉर्म मिलेगा। काउंटर पर लाइन लगी थी। लाइन में लगे लोग अपने नये खाते की पासबुक लेने के लिये खड़े थे। बारी आने पर जब यह संवाददाता काउंटर पर पहुंचा, इसी बीच बगल की सीट से किसी ने सुनील नाम की आवाज लगाई। काउंटर संभाल रहा शख्स फौरन उस सीट पर गया और सीट पर बैठे क्लर्क को पानी पिलाने लगा। तब जाकर पता चला कि वह कोई क्लर्क नहीं बल्कि चपरासी है। वापस लौटने पर संवाददाता ने नए खाते का फॉर्म मांगा। सुनील ने बताया कि आज का कोटा खत्म हो गया और उसने मंगलवार को दोबारा आने को कहा। जब उससे खाता खुलवाने की प्रक्रिया पूछी तो उसने बताया कि फॉर्म के साथ एक आईडी प्रूफ, दो फोटोग्राफ और क्00 रुपये देने होंगे। उसने बताया कि यह रकम खाते में जमा कर दी जाएगी। लाइन से निकलकर जब संवाददाता बैंक मैनेजर विनय कुमार अग्रवाल के पास पहुंचा तो उन्होंने भी रकम जमा करने की बात की पुष्टि की और जरूरी दस्तावेज के साथ रुपये लाने को कहा।

बैंक- बैंक ऑफ बड़ौदा, शाखा गौतम बुद्ध मार्ग

समय- दोपहर फ्.ख्भ् बजे

बैंक के कमोबेशन सभी फ्रंट काउंटर्स पर सन्नाटा पसर चुका है। बैंक में इक्का-दुक्का लोग ही मौजूद हैं। तभी एक काउंटर के सामने खड़ा चपरासी हरीश दिखाई दिया। इस संवाददाता ने 'जन-धन योजना' के तहत खाता खुलवाने का फॉर्म मांगा। हरीश ने फौरन दराज से फॉर्म निकाला। जब संवाददाता ने खाता खुलवाने की प्रक्रिया पूछी तो उसने भी वहीं जवाब दिया कि फॉर्म के साथ आईडी प्रूफ, दो फोटोग्राफ और क्00 रुपये जमा करने होंगे। संवाददाता ने जब पूछा कि यह खाता तो बिना रुपये के जीरो बैलेंस पर खोला जाता है, तो हरीश ने कहा कि बिना रुपया जमा किये खाता नहीं खुल पाएगा। हरीश के टके सा जवाब सुनकर संवाददाता बैंक मैनेजर ए। कुमार के पास पहुंचा और उनसे भी खाता खुलवाने की प्रक्रिया पूछी। उन्होंने भी हरीश की ही बोली गई बात को दोहरा दिया। संवाददाता ने जब पूछा कि यह खाता तो जीरो बैलेंस में खोला जाना है तो मैनेजर कुमार ने बताया कि खाता खोलते वक्त अमाउंट जमा करने पर अकाउंट की लिस्टिंग में अच्छा रहेगा। इतनी देर की बातचीत के बाद सतर्कता बरतते हुए उन्होंने कहा कि अगर फिर भी यह संवाददाता रकम न जमा करना चाहे तो भी खात खुल जाएगा।

बैंक-बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बर्लिग्टन चौराहा

समय-दोपहर फ्.ब्0 बजे

हलकी बारिश के बीच यह संवाददाता बैंक के भीतर दाखिल हुआ। बैंक में सन्नाटा पसरा हुआ था। जानकारी करने पर पता चला कि 'जन-धन योजना' के तहत खाता खुलवाने का फॉर्म काउंटर नंबर एक पर मिलेगा। काउंटर पर पहुंचने पर संवाददाता ने वहां बैठे क्लर्क से खाता खुलवाने का फॉर्म मांगा तो उसने जवाब दिया कि फॉर्म खत्म हो गए हैं। जब उससे पूछा गया कि फॉर्म कब मिलेंगे तो उसने बताया कि फॉर्म आने में करीब एक सप्ताह लग जाएगा। क्लर्क ने सलाह दी कि अगर जल्द खाता खुलवाना है तो किसी और बैंक में संपर्क कर लें। फॉर्म की उपलब्धता के बारे में जानकारी करने संवाददाता बैंक मैनेजर के कमरे में दाखिल हुआ। बैंक मैनेजर से जब पूछा गया कि जन-धन योजना के तहत खाता खुलवाने के फॉर्म कब मिलेंगे तो उन्होंने बताया कि फॉर्म जोनल ऑफिस से आने हैं। उन्होंने कहा कि अगर सामान्य खाता खुलवाना हो तो वह आज ही खाता खोल देंगे। जब उनसे 'जन-धन योजना' के खाते में मिलने वाली सुविधाओं को बारे में पूछा तो वह सामान्य खाते को उससे बेहतर बताने लगे।

बैंक-कर्णाटका बैंक लिमिटेड, बर्लिग्टन चौराहा

समय- शाम ब्.0भ् बजे

तीन बैंकों का हाल देखने के बाद यह संवाददाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र के ठीक बगल में स्थित इस बैंक में दाखिल हुआ। फार्म के बारे में पूछते हुए हुए वह सबसे आखिरी काउंटर पर जा पहुंचा। काउंटर पर बैठे क्लर्क ने मांगे जाने पर तुरंत फॉर्म दिया। प्रक्रिया के बारे में पूछताछ करते ही उसने सवाल दागा कि संवाददाता की शादी हुई या नहीं। संवाददाता ने जब इसका जवाब न में दिया तो क्लर्क ने खाता खोलने से इनकार कर दिया। पूछताछ करने पर उसने बताया कि उनके बैंक की पॉलिसी है कि वह किसी एक शख्स का खाता नहीं खोलते। क्लर्क ने बताया कि खाता खोलने के लिये कम से कम परिवार के दो लोग होने जरूरी हैं। जब संवाददाता ने बताया कि उसके परिवार में केवल उसके पिता हैं और उनका पीएनबी में अकाउंट है तो उसने खाता खोलने में मजबूरी जताते हुए दिया हुआ फॉर्म वापस ले लिया। बैंक मैनेजर से जब इस बारे में पूछताछ की तो उन्होंने भी बताया कि बैंक पॉलिसी के तहत ही वह ऐसा कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि 'प्रधानमंत्री जन-धन योजना' में तो ऐसा कोई प्रावधान नहीं है तो उन्होंने बताया कि वह अपनी बैंक की पॉलिसी से चलते हैं। आखिरकार यह संवाददाता निराश होकर बैंक से बाहर निकल आया।