लखनऊ (ब्यूरो)। विकास नगर में रोड धंसने का मामला सामने आने के बाद अब ट्रंक सीवर लाइन का जीपीआर (ग्राउंड पेनिट्रेटिंग राडार) सर्वे कराए जाने का निर्णय लिया गया है, ताकि भविष्य में किसी अन्य रोड को धंसने से बचाया जा सके। साथ ही, गैस के रिसाव की समस्या दूर करने के लिए वेंट पाइप की भी व्यवस्था की जाएगी। इस बाबत मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब की ओर से नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह को पत्र लिखा गया है।

यहां धंसी थी रोड

रविवार को गुलाचीन मंदिर से शिव मंदिर होते हुए लेबर अड्ढे की तरफ जाने वाली रोड धंस गई थी। यहां पर करीब सात मीटर लंबाई, पांच मीटर चौड़ाई और लगभग पांच मीटर गहरा गड्ढा हो गया। जिस वक्त गड्ढा हो गया था और एक कार गड्ढे में फंस गई थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची थी और गड्ढे के आसपास बैरीकेडिंग करके ट्रैफिक डायवर्ट किया था। इसके बाद पीडब्ल्यूडी की टीम मौके पर गई थी। यहां पता चला था कि ट्रंक लाइन में लीकेज और गैसों के रिसाव के कारण रोड धंसी थी।

गंभीरता से लिया मामले को

इस मामले को मंडलायुक्त ने गंभीरता से लिया है और नगर आयुक्त को पत्र लिखकर निम्न बिंदुओं पर निर्देश जारी किए हैैं

-ट्रंक सीवर लाइन का जीपीआर सर्वे कराया जाए। स्मार्ट सिटी द्वारा अधिकृत संस्थाओं की टेक्निकल टीमें ये काम करेंगी।

-रोड रेस्टोरेशन के कार्य को 30 दिन नहीं, बल्कि उससे कम समय में करना होगा। इसके लिए सुएज इंडिया कंपनी की तरफ से अतिरिक्त टीमें लगाई जाएं। जिससे उक्त प्वाइंट पर काम जल्द पूरा हो और ट्रैफिक सामान्य हो सके।

-ट्रंक सीवर लाइन के मैनहोल से मीथेन इत्यादि गैसों का रिसाव हुआ था, जिससे बचाव के लिए आवश्यक स्थानों पर वेंट पाइप की व्यवस्था की जाए।

पहले भी मामले आए सामने

ट्रंक सीवर लाइन में लीकेज होने की वजह से पहले भी कई स्थानों पर रोड धंसने के मामले सामने आ चुके हैैं। रोड धंसने की वजह से वहां से गुजरने वाले लोगों को बदले हुए रूट से जाना पड़ता है। वहीं, प्रॉपर मॉनीटरिंग सिस्टम न होने की वजह से ट्रंक सीवर लाइन में लीकेज की समस्या को तत्काल दूर भी नहीं किया जाता है। कई स्थानों पर तो मैनहोल के ऊपर रोड बनाए जाने की वजह से मैनहोल की प्रॉपर सफाई तक नहीं हो पाती है। सुएज इंडिया की ओर से पहले भी इस बाबत नगर निगम प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है।

सर्वे से तस्वीर होगी साफ

जीपीआर सर्वे होने से यह स्पष्ट हो जाएगा कि कहां पर ट्रंक सीवर लाइन की स्थिति बेहतर है और कहां पर खराब। इसके आधार पर तत्काल कदम उठाए जा सकेंगे। ट्रंक सीवर लाइन में पानी या गैस का रिसाव नहीं होगा तो साफ है कि उससे ऊपर से गुजर रही रोड भी लंंबे समय तक सेफ रहेगी।