लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू के वृद्धावस्था मानसिक रोग विभाग परिसर में तैनात गार्ड द्वारा फर्जी वाहन स्टैंड का मामला सामने आया है। जहां गार्ड द्वारा अवैध तौर से स्टैंड का संचालन कर पैसे वसूले जा रहे हैं। यह खुलासा मंगलवार को एक तीमारदार द्वारा इसका विरोध करने पर गार्ड द्वारा अभद्रता करने पर सामने आया। वहीं, केजीएमयू में वाहन स्टैंड संचालित करने वाले अतिन श्रीवास्तव की टीम की जांच में भी इस फर्जी स्टैंड संचालन की पुष्टि हुई है। इसके बाद स्टैंड के एक कर्मचारी को हटा दिया गया। हालांकि, एक बात तो साफ है कि बिना मिलीभगत के इतने दिनों तक फर्जी स्टैंड नहीं चल सकता है।

गार्ड कर रहा था वसूली

केजीएमयू परिसर में स्टैंड संचालन का ठेका अतिन श्रीवास्तव का है। ट्रॉमा सेंटर के सामने स्थित वृद्धावस्था मानसिक विभाग में मंगलवार को यहां का सुरक्षा गार्ड स्टैंड का संचालन कर रहा था। वह वाहनों पर लाल रंग का टोकन लगा रहा था, जिस पर केजीएमयू व ठेके से संबंधित किसी प्रकार की जानकारी अंकित नहीं थी। एक तीमारदार ने विरोध किया तो आरोपी गार्ड अभद्रता करने लगा।

मिलीभगत से चल रहा था स्टैंड

मामले की जानकारी केजीएमयू में स्टैंड संचालक अतिन श्रीवास्तव की टीम को दी गई। मौके पर पहुंचे दो कर्मचारियों ने जांच की तो पता चला यहां पर जिस कर्मचारी को स्टैंड संचालन की जिम्मेदारी है वह गार्ड की मिलीभगत से असली टोकन के बजाय नकली टोकन लगाकर स्टैंड का संचालन करवा रहा था। इस पर आरोपी कर्मचारी को कार्यमुक्त कर दिया गया।

कर्मचारी करते हैं मनमानी

पूरे केजीएमयू में स्टैंड का ठेका अतिन श्रीवास्तव के नाम से है। सारा दिन गाड़ियां स्टैंड पर खड़ी करने को लेकर तीमारदारों से नोकझोंक होती रहती है। सबसे ज्यादा दिक्कत ओपीडी के समय होती है। मरीज को दिखाने की जल्दबाजी में यदि किसी तीमारदार ने गाड़ी इधर-उधर खड़ी कर दी तो स्टैंड के कर्मचारी पहिए में व्हील लॉक लगाकर वसूली करते हैं। विवाद से बचने के लिए यदि कोई ठेकेदार से संपर्क करना चाहे तो कहीं भी उसका संपर्क नंबर तक दर्ज नहीं किया गया है।

फर्जी स्टैंड संचालन का मामला बेहद गंभीर है। इस मामले में ठेकेदार से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। जांच में यदि सुरक्षा गार्ड की संलिप्तता मिली, तो उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।

-प्रो। क्षितिज श्रीवास्तव, चीफ प्रॉक्टर, केजीएमयू