- इस्माईलगंज में वाटर लाइन होने के बाद भी आए दिन जलापूर्ति रहती ठप

- इंदिरानगर सेक्टर 11 व अन्य इलाकों में भी जलसंकट गहराया

LUCKNOW एक तरफ जहां शहर को स्मार्ट बनाने की कवायद हो रही है, वहीं दूसरी तरफ आए दिन किसी न किसी इलाके में जल संकट की समस्या सामने आती रहती है। नियमित रूप से जलापूर्ति न होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हैरानी की बात तो यह है कि शिकायत के बाद भी जिम्मेदार इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। कई और एरिया ऐसे सामने आए हैं, जहां पांच-सात दिन से जल संकट बना हुआ है।

वाटर लाइन है पर पानी नहीं

वार्ड इस्माइलगंज द्वितीय की बात करें तो यहां वाटर लाइन बिछे हुए 8 से 10 साल हो गए हैं लेकिन आए दिन वार्ड के इलाकों में पानी संकट रहता है। वहीं कई इलाके ऐसे हैं, जहां पानी तो आता है लेकिन सिर्फ 10 से 15 मिनट के लिए।

प्रभावित इलाके

शंकरपुरी, शिवपुरी, बसंत बिहार, इस्माईलगंज गांव, सनातन नगर, विमल नगर, संतपुरम, हरिहर नगर, मुलायम नगर, सुरेंद्र नगर, प्रीति नगर एवं ज्योति बिहार आदि। इन इलाकों में रहने वाली जनता को पानी की वजह से खासी तकलीफ उठानी पड़ती है।

नहीं हो रही सुनवाई

पूर्व पार्षद रुद्र प्रताप सिंह की माने तो पेयजल संकट को लेकर जलकल के अधिकारियों से शिकायत की जाती है। उनकी टीम आती है और अस्थाई रूप से समस्या का समाधान कर देती है। कुछ दिन बाद स्थिति फिर जस की तस हो जाती है।

नियमित रूप से जलापूर्ति न होने की वजह से खासी परेशानी होती है। इस तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए।

संग्राम सिंह

कभी पानी आता है तो कभी नहीं। इसकी वजह से ऊहापोह की स्थिति बनी रहती है। इस तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए।

पंकज

पेयजल आपूर्ति के समय को भी बढ़ाए जाने की जरूरत है। जिससे जनता को पर्याप्त मात्रा में पानी मिल सके।

रवीश चतुर्वेदी

चार दिन से पानी को तरस रहे लोग

इंदिरा नगर सेक्टर 11 एवं पंडित पुरवा में एक निजी मोबाइल नेटवर्क कंपनी ने अंडरग्राउंड केबिल बिछाते समय वाटर लाइन क्षतिग्रस्त कर दी थी। जिससे इन दोनों इलाकों में चार दिन से पेयजल संकट गहराया गया है।

सीवर लाइन में बह रहा था पानी

जलकल विभाग की टीम जब शनिवार को मौके पर पहुंची तो पाया कि वाटर लाइन क्षतिग्रस्त होने से भारी मात्रा में पीने का पानी सीवर लाइन में बह रहा है। जिसके बाद जलकल विभाग की टीम ने मोबाइल नेटवर्क कंपनी के ठेकेदार को बुलाकर मामले से अवगत कराया। वहीं निगम की टीम पहुंची और भूमिगत केबल जब्त कर ठेकेदार पर 39 लाख का जुर्माना लगाया। फिलहाल अभी जनता को पेयजल का इंतजार है।