- शहर के ज्यादातर थानों में फरियादियों के बैठने तक व्यवस्था नहीं

- सिटी के एक भी थाना आईएसओ सर्टिफाइड नहीं

LUCKNOW: डीजीपी मुकुल गोयल के हजरतगंज कोतवाली में निरीक्षण ने थाना कैंपस की अव्यवस्था और साफ सफाई की पोल खोल कर रख दी है। इसे लेकर उन्होंने नाराजगी भी जताई थी और साफ सफाई के साथ फरियादियों के लिए सुविधाजनक व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया था। इसके बाद भी शहर के कई थानों में अव्यवस्थाओं का अंबार लगा है और फरियादियों के लिए बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। कई थानों तो ऐसे हैं, जहां शिकायतकर्ता को अपनी फरियाद सुनाने के लिए कैंपस में ही भटकना पड़ता है। डीजीपी के निरीक्षण के बाद थानेदारों ने रिकार्ड व रजिस्टर मेनटेन करने का युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया, लेकिन फरियादियों के लिए जमीनी सुविधा का ध्यान अब तक नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शहर के कई थानों का जायजा लिया, जहां असुविधा आज भी मुंह खोले खड़ी है।

हसनगंज कोतवाली

टाइम - 12.00 बजे

कबाड़ गाडि़यों का बना दिया डंपिंग जोन

अति व्यस्त रोड पर बनी हसनगंज कोतवाली में इंट्री गेट पर ही लाइन से दुकानों हैं। जहां दुकानों के बाहर अतिक्रमण फैला हुआ है। अतिक्रमण के चलते कोतवाली गेट पर लगा बोर्ड भी नजर नहीं आता है। हसनगंज कोतवाली के आस-पास खाली प्लाट को पुलिस ने कबाड़ गाडि़यों का डंपिंग जोन बना दिया है। कबाड़ गाडि़यों में कई खतरनाक जानवर (सांप, बिच्छू, कीड़े) ने अपना आशियाना बना लिया है और उससे आस-पास रहने वाले लोगों को परेशानी का सामान करना पड़ रहा है। मामला पुलिस का है तो कोई बोलने को तैयार नहीं है।

महानगर थाना

टाइम - 12.15 बजे

फरियादियों के बैठने की व्यवस्था नहीं

महानगर थाने में स्पेस तो बहुत है, लेकिन यहां कैंपस मुकदमाती गाडि़यों से भरा हुआ है। जनरेटर के लिए तो शेड लगा है, लेकिन थाने पर आने वाले फरियादियों के लिए न कोई शेड है और न ही बैठने की व्यवस्था। मजबूरी में फरियादी कैंपस में लगे पेड़ के नीचे खड़े होने को मजबूर होते हैं। यहीं नहीं थाने के स्टाफ के लिए भी बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। इंस्पेक्टर महानगर प्रदीप सिंह का कहना है कि स्टाफ व पब्लिक के बैठने के लिए पीछे के हिस्से में निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

थाना- गाजीपुर

टाइम - 12.30 बजे

थाना कम डंपिंग स्टेशन ज्यादा

गाजीपुर थाने में इंट्री गेट पर ही माल मुकदमाती गाडि़यों का डंपिंग स्टेशन बना दिया गया है। थान कैंपस की आधी जगह डंपिंग बनी है जबकि लोगों के बैठने के लिए न तो कोई बैंच है और न ही कोई व्यवस्था। कैंपस में लगे एक मात्र पेड़ की छांव के नीचे फरियादी बैठकर इंतजार करते हैं। वहीं थाने में हेल्प डेस्क पर भी कर्मचारी गायब मिले। यहां तक की फरियादी की बात सुनने वाला भी कोई कर्मचारी मौजूद नहीं मिला।

थाना - वजीरगंज

टाइम - दोपहर 1 बजे

पब्लिक की रोड पर ही पुलिस का कब्जा

वजीरगंज पुलिस ने तो रोड पर ही कब्जा कर रखा है। चालीस फीट की रोड पर पुलिस ने बीस फीट की लोहे की जाली लगाकर बंद कर दिया। उस जाली में पुलिस द्वारा जब्त वाहन खड़े किए जाते हैं। इसके अलावा थाने में जाने के लिए दिव्यांग के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। एक मात्र रास्ता सीढ़ी चलकर जाना पड़ता है जबकि दिव्यांग उस सीढ़ी का प्रयोग नहीं कर सकते हैं।

बॉक्स

रिकार्ड व रजिस्टर तो कर रहे मेनटेन

डीजीपी के हजरतगंज कोतवाली के निरीक्षण के बाद शहर के सभी थाना प्रभारी अपने थानों के रिकार्ड व वार्षिक रजिस्टर को दुरुस्त करने में जुट गए हैं। पुलिस कर्मियों की टीम लगा दी गई है कि कागजी कार्रवाई को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। हालांकि जमीनी हकीकत से परे, पब्लिक की सुविधा की तरफ कोई ध्यान नहीं जा रहा है। किसी भी थाना परिसर में फरियादियों के बैठने की व्यवस्था, पानी व टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। थाना परिसर में टॉयलेट है भी तो केवल पुलिस कर्मियों के लिये। उस पर भी यूज के बाद ताला जड़ दिया जाता है।

थानों में सीपी करते हैं अर्दली रूम

पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर बारी बारी से थानों में अर्दली रूम करते हैं। अर्दली रूम में केवल लंबित विवेचनाओं की समीक्षा की जाती है। पर्यवेक्षण में पुलिसिंग से जुड़े सभी पहलुओं का निरीक्षण करने के साथ निर्देश भी दिये जाते हैं, लेकिन थाना कैंपस में फैली अव्यवस्थाओं को नजर अंदाज किया जाता है। इसके पीछे एक पहलू यह भी है कि सीपी के थाना में अर्दली रूम करने की सूचना पहले से होती है और उस समय थाना प्रभारी अव्यवस्थाओं को कवर लगाकर उसे छिपा देते हैं।

थाने में आने वाले फरियादियों की मूलभूत सुविधा

- थाना कैंपस में उन्हें बैठने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए

- पीने के लिए पानी, छांवदार बैंच, टॉयलेट की सुविधा होनी चाहिए

- फरियादियों की शिकायत सुनने के लिए हेल्प डेस्क और पुलिस कर्मी तैनात होने चाहिए

- महिला शिकायतकर्ता के लिए अलग कक्ष होना चाहिए

- दिव्यांगजनों के लिए थाना परिसर में आने जाने की व्यवस्था होनी चाहिए

- थाने के स्टाफ के लिए बैठने की भी व्यवस्था होनी चाहिए